Good News! सहरसा और जयनगर में बनेगा ऑटोमेटिक कोच वाशिंग प्लांट, प्रस्ताव को मंजूरी
पूर्व मध्य रेलवे हाजीपुर जोन का पहला ऑटोमेटिक कोच वाशिंग प्लांट सहरसा और जयनगर में बनेगा। समस्तीपुर मंडल प्रशासन द्वारा भेजे गए प्रस्ताव को रेलवे बोर्ड ने मंजूरी दे दी है। प्लांट स्थापित करने के...
पूर्व मध्य रेलवे हाजीपुर जोन का पहला ऑटोमेटिक कोच वाशिंग प्लांट सहरसा और जयनगर में बनेगा। समस्तीपुर मंडल प्रशासन द्वारा भेजे गए प्रस्ताव को रेलवे बोर्ड ने मंजूरी दे दी है।
प्लांट स्थापित करने के लिए जल्द ही रेलवे बोर्ड से निविदा(टेंडर) निकाली जाएगी। एक प्लांट निर्माण पर करीब सवा दो करोड़ रुपए खर्च होंगे। प्लांट में महज 8 मिनट में ट्रेन के सभी 24 कोच की बाहरी हिस्से की समुचित धुलाई और सफाई होगी। एक दिन में प्लांट में 11 ट्रेन की 250 से अधिक कोच की धुलाई और सफाई होगी। एक बार में 24 कोच की धुलाई और सफाई में मैन्युअल में लगने वाले समय में सवा घंटे की बचत होगी। वाटर रिसाइकलिंग और वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के जरिये पानी की काफी बचत होगी।
मशीन से धुलाई और सफाई में इस्तेमाल होने वाले पानी का 80 प्रतिशत रिसाइकिल होगा। जिसे दोबारा उपयोग में लाते दूसरे रैक की धुलाई व सफाई की जाएगी। कोच की धुलाई में कम मात्रा में पानी, साबुन और कीटाणुनाशकों का उपयोग होगा, जो पर्यावरण के अनुकूल होगा। ट्रेन भी समय से अपने गंतव्य स्थान के लिए खुल पाएगी। कोच बदरंग नहीं दिख चकाचक दिखेगा।
हर साल 453 लाख लीटर पानी की बचत :
अभी मैन्युअल तरीके से 22 से 24 कोच की धुलाई व सफाई में करीब 12 हजार से 14 हजार लीटर पानी का उपयोग किया जाता है। ऑटोमेटिक कोच वाशिंग प्लांट में मशीन के जरिए 22 से 24 कोच की धुलाई व सफाई में मात्र 6000 लीटर पानी की जरूरत पड़ेगी। इसमें से 4000 लीटर पानी को रिसाइकिल किया जा सकेगा। जानकारों की मानें तो प्लांट चालू होने के बाद हर रोज एक लाख 24 हजार लीटर पानी और प्रति वर्ष 453 लाख लीटर पानी बचाया जा सकेगा।
सहरसा और जयनगर में जगह चिन्हित :
ऑटोमेटिक कोच वाशिंग प्लांट स्थापित करने के लिए रेल प्रशासन ने जगह भी चिन्हित कर लिया है। सहरसा और जयनगर में वाशिंग पिट परिसर में ही प्लांट स्थापित करने का विचार है।
कहते हैं अधिकारी :
समस्तीपुर मंडल के सीनियर डीएमई दिलीप कुमार ने कहा कि पूर्व मध्य रेलवे का पहला ऑटोमेटिक कोच वाशिंग प्लांट सहरसा और जयनगर में बनेगा। मंडल द्वारा भेजे गए प्रस्ताव को रेलवे बोर्ड से मंजूरी मिल गई है। इसका टेंडर निकाला जाएगा।