परिजन ने लापहरवाही का लगाया आरोप, ट्रॉलीमैन से मारपीट
पिछले आठ दिनों से मायागंज अस्पताल में भर्ती जगदीशपुर निवासी अंतरयामी पोद्दार की मौत के बाद परिजनों ने डाक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया तो ट्रॉलीमैन समेत कुछ अस्पतालकर्मियों ने परिजनों की जमकर धुनाई...
पिछले आठ दिनों से मायागंज अस्पताल में भर्ती जगदीशपुर निवासी अंतरयामी पोद्दार की मौत के बाद परिजनों ने डाक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया तो ट्रॉलीमैन समेत कुछ अस्पतालकर्मियों ने परिजनों की जमकर धुनाई कर दी। इसी आरोप के साथ मृतक के बेटे चंद्रवीर पोद्दार समेत परिजनों ने अस्पताल परिसर में हंगामा शुरू कर दिया। इस दौरान परिजनों के जद में आए एक अस्पतालकर्मी की परिजनों ने धुनाई कर दी। वहीं कुछ लोगों की मदद से वह परिजनों के चंगुल से निकलकर इमरजेंसी वार्ड में घुस गया। जिसके बाद सुरक्षाकर्मियों ने इमरजेंसी का दरवाजा बंद कर लिया। मृतक मरीज के परिजन करीब आधे घंटे तक दरवाजा खोलने के लिए सुरक्षाकर्मियों से बहस करते रहे। इस दौरान उन्होंने दरवाजे को तोड़ने का भी प्रयास किया। मृतक के बेटे चंद्रवीर पोद्दार का कहना था कि गुरुवार दोपहर तक ब्रेन हेमरेज के पीड़ित उनके पिता ठीक-ठाक थे। दोपहर डा. पंकज के साथ दो अन्य कम्पाउंडर उनके पिता को देखने आये। उन्होंने पिता को राइस ट्यूब लगाने की बात कही। वहां मौजूद एक कम्पाउंडर ने उनके पिता को राइस ट्यूब लगाकरउसमें एक ग्लास पानी डाल दिया। इसके कुछ देर बाद ही पिता अंतरयामी की हालत बिगड़ने लगी। चेकअप के बाद डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। चंद्रवीर ने बताया कि उनके पिता पेइंग वार्ड के रूम संख्या चार और बेड संख्या सत्रह पर भर्ती थे। पिछले कई दिनों से उनका इलाज डॉ. भरत भूषण द्वारा किया जा रहा था। वहीं गुरुवार को डॉ. पंकज उन्हें देखने आए थे। डाक्टर ने कुछ देर पहले ही उनके पिता ही हालत पहले से बेहतर बताते हुए साधारण दवा चलाने की बात कही थी। उनका आरोप है कि आखिर दोपहर बाद अचानक राइस ट्यूब लगाने की क्या जरूरत पड़ गई। उन्होंने बताया कि डाक्टर के साथ मौजूद कम्पाउंडर अस्पतालकर्मी नहीं था। वहीं डाक्टर पंकज ने बताया कि उन्होंने अंतरयामी पोद्दार या किसी भी ब्रेन हैमरेज के मरीज को गुरुवार को नहीं देखा है।