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जमुनिया के पूर्व मुखिया, तीन लोकसेवकों से 32 लाख की होगी वसूली

डीडीसी की रिपोर्ट पर डीएम ने डीपीआरओ को दिया निर्देश पांच योजनाओं से विकास...

जमुनिया के पूर्व मुखिया, तीन लोकसेवकों से 32 लाख की होगी वसूली
Newswrapहिन्दुस्तान टीम,भागलपुरTue, 12 Jul 2022 01:51 AM
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भागलपुर, वरीय संवाददाता। नवगछिया के जमुनिया पंचायत में पांच योजनाओं से हुए विकास में भारी अनियमितता की शिकायत प्रमाणित होने के बाद अब संबंधितों से राशि वसूलने की तैयारी है। डीएम के निर्देश के बाद जिला पंचायत राज पदाधिकारी (डीपीआरओ) त्रिलोकीनाथ सिंह ने पंचायत के पूर्व मुखिया, तीन लोकसेवक को खर्च की गई 32 लाख 43 हजार 900 रुपये सरकारी राशि जमा करने के लिए नोटिस दिया है। 15 जुलाई तक यदि राशि जमा नहीं हुई तो विभाग संबंधितों पर मुकदमा दर्ज कराएगा। मामला वित्तीय वर्ष 2017-18 से 2019-20 से जुड़ी पांच योजनाओं को लेकर है।

डीपीआरओ की रिपोर्ट में दोषियों का नाम नहीं था

नवगछिया के फुदन प्रसाद साह ने जमुनिया पंचायत में नाला निर्माण की विभिन्न योजनाओं में अनियमितता बरतने की शिकायत करते हुए नवगछिया अनुमंडल लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के यहां केस किया था। अनुमंडल लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के यहां सुनवाई के बाद भी जब दोषियों पर कार्रवाई नहीं हुई, तो फुदन प्रसाद साह ने डीएम के यहां केस किया। सुनवाई के दौरान जिला पंचायती राज पदाधिकारी ने अपनी रिपोर्ट में अवैध रूप से राशि निकासी किए जाने की बात कही, लेकिन इसके लिए दोषी कौन हैं, इसे चिह्नित नहीं किया। 10 जून को सुनवाई करते हुए डीएम ने दोषी को चिह्नित नहीं करने के लिए पंचायती राज पदाधिकारी से स्पष्टीकरण मांगा।

टीम ने जांच की तो दोषियों का नाम आया सामने

वहीं, डीडीसी को मामले का विधि सम्मत तरीके से निपटारे का निर्देश दिया गया। डीडीसी ने डीआरडीए डायरेक्टर, स्थानीय क्षेत्र अभियंत्रण संगठन भागलपुर प्रमंडल के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर, असिस्टेंट इंजीनियर के नेतृत्व में टीम गठित की थी। जिसमें जमुनिया के पूर्व मुखिया मो. शहीद बैठा, पंचायत सचिव गोपाल प्रसाद, अभिकर्ता और कनीय अभियंता पर आरोप प्रमाणित हो गया।

14वीं वित्त आयोग की योजनाओं में हुई थी गड़बड़ी

इस मामले में जिला पंचायती राज पदाधिकारी (डीपीआरओ) ने जांच की थी। जांच में 14वीं वित्त आयोग के तहत ली गई पांच योजनाओं की स्थलीय जांच और ग्रामीणों के बयान लिये गए थे। जांच के दौरान योजना संख्या 02/2017-18, 01/18-19, 21/2018-19, 44/18-19 और 01/19-20 में अनियमितता सामने आयी थी। जांच में पता चला था कि जमुनिया के वार्ड-12 में रोड निर्माण, वार्ड-14 में नाला निर्माण, वार्ड-9 में नाले का जीर्णोद्धार आदि काम में अनियमितता हुई। जांच दल ने निर्माण स्थल का फोटो भी रिपोर्ट में अटैच कर डीडीसी को दी थी। जांच रिपोर्ट के आधार पर दोषी ठहराये गए लोगों से डीडीसी ने बात कर पक्ष रखने का मौका दिया था। जिसमें पूर्व मुखिया व पंचायत सचिव ने खुद को पाक-साफ बताया था।

कोट

मामले में जिलाधिकारी ने डीपीआरओ को संबंधितों से राशि वसूलकर सरकारी खजाने में जमा कराने को कहा है। राशि जमा नहीं कराने पर एफआईआर भी कराई जा सकेगी।

- प्रतिभा रानी, डीडीसी।

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