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दिल दहलाने वाला वीडियो: देखिए बाढ़ में पुल टूटने से कैसे बहा एक परिवार, देखते रह गए सैकड़ों लोग

नदी का जलस्तर घटने के साथ ही जैसे-जैसे गांव, टोलों और घरों से पानी निकल रहा है, वैसे-वैसे तबाही का मंजर साफ झलकने लगा है। जिले के ग्रामीण इलाकों में ही नहीं शहरी क्षेत्र में भी कच्चे मकान...

Sunilहिन्दुस्तान टीम,भागलपुरFri, 18 Aug 2017 11:51 AM

गांव, टोलों और घरों से पानी निकल रहा है

गांव, टोलों और घरों से पानी निकल रहा है1 / 5

नदी का जलस्तर घटने के साथ ही जैसे-जैसे गांव, टोलों और घरों से पानी निकल रहा है, वैसे-वैसे तबाही का मंजर साफ झलकने लगा है। जिले के ग्रामीण इलाकों में ही नहीं शहरी क्षेत्र में भी कच्चे मकान गिरे-पड़े दिखाई दे रहे हैं। जगह -जगह लाश तैरती हुई नजर आ रही है। इसके इतर पुलिस के संरक्षण में जोगबनी मीरगंज पुल पर से आंकड़ा कम करने के लिए लाश नदी में फेकने का आरोप लग रहा है। यही नहीं जंगल,बांस झाड़,नदी किनारे मरे हुए मवेशी की महक से आस-पास के लोगो का जीना मुहाल हो गया है।

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लोगों की आंखों में अब भी खौफ दिखता है

लोगों की आंखों में अब भी खौफ दिखता है2 / 5

12 अगस्त से ही दुसरों की छत पर जीवन गुजारने वाले लोगों की आंखों में अब भी खौफ दिखता है। वे लोग घरों से पानी निकलने के बाद अपने बर्बाद हुए सामान को देखकर भगवान को कोस रहे हैं। बाढ़ पीड़ितों के मन में सरकारी तंत्र के प्रति भी आक्रोश है। बाढ़ के पांच दिन बाद पानी उतरने के बावजूद अबतक सैकड़ो पीड़ितों तक कोई प्रशासनिक राहत नहीं पहुंच पाई है। 

गांव में बाढ़ ने बहुत तबाही मचाई

गांव में बाढ़ ने बहुत तबाही मचाई 3 / 5

कोशकीपुर घाट टोला निवासी मिस्त्री मो रऊफ आलम जरुरी खाद्य सामग्री लेने नदी पार कर आए थे। उनसे मिला तो उन्होंने बताया कि उनके गांव में आज भी लोग दूसरों की छत पर हैं। उनके गांव में बाढ़ ने बहुत तबाही मचाई है। खुद उनका घर भी ध्वस्त हो गया है। रऊफ के मुताबिक आशिक मुंसी का कई मवेशी आंखों के सामने बह गया। कितने लोगो का मवेशी,अनाज भरा ड्रम, झोपडी, परमान नदी ने निगल लिया। गुरुवार को उन्होंने बताया कि प्रशासन की तरफ से बुधवार को हेलीकॉप्टर से कुछ पैकेट गिराए जरूर गये, लेकिन वो ताकतवर हाथों ने अपने कब्जे में रख लिया। 

कई आंखों देखी तबाही की कहानी बयान कर रही है

कई आंखों देखी तबाही की कहानी बयान कर रही है4 / 5

अररिया बैरगाछी ब्राह्मण टोला के बुजुर्ग मनोधर झा, सुरेंद्र मोहन झा तो आंखों देखी विनाशलीला बताते हुए रो पड़ते हैं। इन्होंने बताया कि ठाकुड़बाड़ी मंदिर छत पर से उन्होंने अपने फुस की झोपड़ी आंखों के सामने टूटते देखा। जबकि कोशकीपुर के दो भाई नुरूदीन और मैनुद्दीन ने बताया कि वे लोग दो दिन और दो रात छत के रूप में प्रयोग किये गए प्लास्टिक से निकले बारिश की पानी से गले की प्यास बुझाई। ऐसे और कई आंखों देखी तबाही की कहानी बयान कर रही है।
 

नदियों और नहर के पानी ने जिले में हर तरफ तबाही मचाई

नदियों और नहर के पानी ने जिले में हर तरफ तबाही मचाई5 / 5

प्रशासनिक भूमिका और बाढ़ पूर्व तैयारी का तो लगभग पोल ही खुल गया। परमान, बकरा, नूना,रतवा,भलुआ आदि नदियों और नहर के पानी ने जिले में हर तरफ तबाही मचाई है। जहां देखो गिरे हुए झोपडी,और बिखरे अनाज,कपडे ही दिखाई दे रहा है। हालांकि अररिया शहर के कई भागों में शुक्रवार की शाम बिजली बहाल की गई है लेकिन दूरसंचार में सेवा चालू नहीं होने से जिले में तबाही का सही आंकड़ा नहीं मिल पा रहा है।