आठवें दिन: उत्तम त्याग धर्म की हुई पूजा अर्चना
आठवें दिन: उत्तम त्याग धर्म की हुई पूजा अर्चना
दसलक्षणनाथनगर। हिन्दुस्तान प्रतिनिधिकोतवाली चौक स्थित दिगंबर जैन मंदिर में दसलक्षण महापर्व के आठवें दिन रविवार को जैन श्रद्धालुओं ने उत्तम त्याग धर्म की पूजा अर्चना बड़े भक्ति भाव से की। पूजन के पश्चात पूज्य मुनिराज विश्वेश सागर जी ने प्रवचन में कहा कि जिसके जीवन में विनम्रता और विचारों में सरलता रहती है वही सच्चा त्याग कर सकता है। स्वार्थ और अभिमान का त्याग करके अन्य समस्त लोगों का हित करने की योग्यता केवल मनुष्य में ही है। सभी मानव जाति एक ही हैं। इनमें भेदभाव नहीं करना चाहिए। वही श्री चंपापुर दिगंबर जैन सिद्ध क्षेत्र नाथनगर में भी त्याग धर्म के बारे में बताते हुए पंडित जागेश शास्त्री ने कहा कि हमें सदैव दूसरों की बुराई करने की आदत का त्याग करना चाहिए। अपनी अज्ञानता,परिग्रह एवं अभिमान का त्याग हमारे जीवन को उन्नत और सर्वश्रेष्ठ बना सकता है। सिद्ध क्षेत्र के मंत्री सुनील जैन ने कहा कि त्यागी मनुष्य ही हमें सुखी दिखाई देते हैं। गुरुजन हमें पाप भाव से हटाकर धर्म मार्ग में लगाते हैं। यह त्याग धर्म की ही महिमा है।