कलाकारों ने आपसी भाईचारा व एक-दूसरे के मददगार बनने का किया आह्वान
भागलपुर रंग कथा में देश के विभिन्न जगहों से पहुंचे हैं कला केंद्र के छात्र

भागलपुर, वरीय संवाददाता। भागलपुर रंग कथा के दूसरे दिन कला केंद्र में जहां पेंटिंग प्रदर्शनी को देखने दूर-दराज से लोग पहुंचे थे वहीं देश के विभिन्न जगहों से पहुंचे कलाकारों ने पुरानी यादों को ताजा किया। कलाकार एक-दूसरे से मिलकर आपसी भाईचारा का संदेश दिया। साथ ही लोगों को एक-दूसरों की मदद करने का आह्वान किया। कलाकारों ने इस दौरान सांस्कृतिक संध्या में भाग लिया और कला, साहित्य व संगीत में रंग बिखेरे।
कार्यक्रम में कला केंद्र की स्थापना के बाद प्रथम सत्र वर्ष के एकमात्र छात्र और वरिष्ठ साहित्यकार व छायाकार रंजन दा ने अपने समय की अनूठी बातें साझा कीं। उन्होंने उस दौर को याद किया जब कलाकारों की एकल प्रदर्शनी भी आयोजित होती थी। उनके अनुभवों ने उपस्थित लोगों को उस समय की समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं से परिचित कराया। भागलपुर चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष लालू शर्मा ने कलाकारों का स्वागत करते हुए कहा कि जो कलाकार होते हैं उनका बहुत बड़ा आकार होता है और वे जिस भी ओर अग्रसर होते हैं लोग उनके पीछे ही चलते हैं। इसके बाद पूर्ववर्ती छात्र-छात्राओं ने हाल ही में दिवंगत हुए कलाकार दीपक की स्मृति में उनकी आत्म शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा।
संध्या को और भी खूबसूरत बनाने में कई गणमान्य साहित्यकार, कवि और कलाकारों ने अपनी अहम भूमिका निभाई। मंच संचालन सचिव शशि शंकर ने किया। कार्यक्रम में डॉ. सुधीर मंडल, प्राचार्य राहुल, संजय साजू, सीए प्रदीप झुनझुनवाला, जयप्रकाश, मृदुला सिंह, पंकज मणि, मनोज, नूतन सिंह, मोना सिंह, ज्योत्सना पांडेय, शैलू सिंह, देवाशीष, शालिनी सिंह, रूपम, श्रीकांत आदि पहुंचे थे।
पेंटिंग प्रदर्शनी से दूसरे दिन की हुई थी शुरुआत
कला केंद्र में द्वितीय रंग कथा 2024 के दूसरे दिन रविवार का शुभारंभ सुबह दस बजे पेंटिंग प्रदर्शनी से हुई। इसका उद्घाटन विशेष अतिथि कला संस्कृति पदाधिकारी अंकित रंजन ने किया। साहिबगंज नवोदय विद्यालय के प्राचार्य ने भी प्रदर्शनी को देखा। प्रदर्शनी में डॉ. इमराना आर. रहमान की 7-8 पेंटिंग्स प्रदर्शित की गईं। जिनमें लैंडस्केप, फूलों की आकृतियां, और अन्य कलाकृतियां शामिल हैं।
इसके अलावा गुरु राम लखन के स्मरण में उनकी अद्वितीय पेंटिंग्स प्रदर्शित की गईं। डॉ. सुधीर मंडल की वृषभ, जल रंग और एक्रेलिक पेटिंग, शशि शंकर की मंजूषा पेटिंग और डिजाइन व खूबसूरत पुष्प, पंकज मनीष सिंह ने नदियों के दृश्यों पर आधारित पेंटिंग्स की प्रदर्शनी की। शालिनी ने नृत्य और रासलीला को दर्शाती पेंटिंग, अनिल ने एमएफ हुसैन की प्रसिद्ध गणेश जी की पेंटिंग, पटना की शालू ने मधुबनी शैली, अमृता सिंह ने आधुनिक युग में मोबाइल के दुरुपयोग किताबों के होते भी मोबाइल के महत्व को उजागर करती पेंटिंग, मिंटू मियांदाद ने सामाजिक सद्भावना पर आधारित रचना, कोलकाता से आयी मुनमुन ने प्राकृतिक सौंदर्य और लैंडस्केप पर आधारित पेंटिंग्स आदि की प्रदर्शनी की। बताया गया कि तीन दिवसीय इस कार्यक्रम का समापन सोमवार को चित्रकला प्रतियोगियों को पुरस्कार देकर किया जायेगा।
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