इनसे सीखें : सब्जियों की खेती कर पहले बदली अपनी तकदीर अब बदल रहे बच्चों का भविष्य
सब्जी की खेती करके खगड़िया जिले के चौथम प्रखंड के तेलौंछ गांव के किसानों ने अपनी तकदीर बदल ली है। अब यहां दो सौ एकड़ में सब्जी की खेती हो रही है। सैकड़ों परिवार सब्जी की खेती पर निर्भर हैं। सब्जी की...
सब्जी की खेती करके खगड़िया जिले के चौथम प्रखंड के तेलौंछ गांव के किसानों ने अपनी तकदीर बदल ली है। अब यहां दो सौ एकड़ में सब्जी की खेती हो रही है। सैकड़ों परिवार सब्जी की खेती पर निर्भर हैं।
सब्जी की खेती कर किसान जहां समृद्ध हुए हैं, वहीं अपने बच्चों को बाहर अच्छे स्कूलों में भी पढ़ा रहे हैं। अब तो सब्जी की खेती कर कई किसानों ने अपने बेटे और बेटियों को अच्छी तालिम दी है। ये बच्चे सरकारी नौकरी भी कर रहे हैं। जानकारी के अनुसार यहां दो वार्डों में बसे लगभग दो सौ किसान दो सौ एकड़ में सब्जी की खेती कर रहे हैं। वर्ष भर अलग-अलग किस्म की सब्जियों की खेती कर किसान आत्मनिर्भर हो रहे हैं।
सब्जी के कई किस्मों की होती है खेती
एनएच 107 से सटे तेलौंछ गांव में सब्जी की कई किस्मों की खेती हो रही है। किसान कद्दू, झींगा, भिंडी, परवल, करेला, खीरा, बैंगन, नेनुआ, बोरा, मिर्च, कुंजरी आदि की खेती करते हैं। इसकी मांग पूरे जिले में रहती है।
लागत से चार गुना होता है फायदा
हालांकि सब्जी की खेती में मेहनत बहुत है, लेकिन आमदनी भी चार गुनी होती है। डीएओ दिनकर प्रसाद ने बताया कि किसानों को प्रोत्साहित की जा रही है।
सब्जी की खेती से तेलौंछ गांव में आई संपन्नता
सब्जी की खेती से यहां के किसानों में काफी संपन्नता आई है। तेलौंछ गांव के किसान विनय कुमार पांच एकड़ तो उमेश सिंह चार एकड़ में सब्जी की खेती दशकों से कर रहे हैं। वहीं जवाहर सिंह, हीरालाल सिंह छह से आठ एकड़ में सब्जी लगाये हैं। लगभग 200 किसानों के परिवारों का भरण-पोषण सब्जी की खेती से हो रही है। यही नहीं अधिकांश किसानों के बच्चे अच्छे प्राइवेट स्कूल में जिले से बाहर पढ़ रहे हैं। किसान जंगीधर के बेटे पटना में पढ़ रहे हैं। वहीं किसान आमोद सिंह ने सब्जी की खेती कर दो बेटे को पढ़ाकर सरकारी नौकरी दिलायी। उनके एक पुत्र आर्मी में तो दूसरा पुत्र कोलकाता में इंजीनियर हैं। उन्नत तकनीक से यहां के किसान सब्जी की खेती कर जिले के अन्य किसानों के लिए आदर्श बने हुए हैं।