मनसा बिषहरी मंदिरों में दर्शन के दूसरे दिन भी उमड़ी भीड़
मनसा बिषहरी देवी के दर्शन के लिए लगातार दूसरे दिन मंदिरों और पूजा पंडलों में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। इस दौरान ढलिया चढ़ाने और प्रसाद के रूप में मिठाई, बताशा और धान का लावा आदि चढ़ाने के लिए भक्तों...
मनसा बिषहरी देवी के दर्शन के लिए लगातार दूसरे दिन मंदिरों और पूजा पंडलों में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। इस दौरान ढलिया चढ़ाने और प्रसाद के रूप में मिठाई, बताशा और धान का लावा आदि चढ़ाने के लिए भक्तों की लंबी कतार सुबह से मंदिरों में पहुंच गई। भगत और मनसा विषहरी के अनुयायी सुबह से गंगाघाटों से स्नान मंदिरों में पहुंच रहे थे। पूजा को लेकर पूरे शहर का माहौल भक्त मय हो गया है। लाउडस्पीकर पर बिहुला-बिषहरी की कथा और गीत बज रहे हैं। परबत्ती, नाथनगर, गोलाघाट, रामसर, दीपनगर, ईश्वरनगर, आदमुपर, बडुी खंजरपुर, छोटी खंजरपुर, हबीबपुर, धनकर, बंशीटीकर सहित अन्य इलाकों में दर्शन करने के लिए सुबह से लोगों की भारी भीड़ लगी रही। जगह-जगह पर मेले में चाट पकौड़ी आदि की दूकानें सजी हुई है। वहीं इस अवसर पर जगह-जगह सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम रही। परबत्ती, जरलाही, गुमटी संख्या एक, बड़ी खंजरपुर और अकबरनगर में बिहुला बिषहरी का नाटक मंचन और माता के जागरण का कार्यक्रम सहित कई कार्यक्रम ओयोजित की गई। देर शाम तक गंगा घाटों पर विसर्जित होती रही मंजूषा मनसा देवी मंदिर चंपानगर की प्रतिमा का शुक्रवार देर रात विसर्जित कर दी गई। मंजूषा विर्सजन संबंधित मंदिर या पंडाल के भगत के नेतृत्व में देर शाम तक होता रहा। मंजूषा विसर्जन करने के लिए बरारी, बुढ़ानाथ, एसएम कॉलेज घाट, कालीघाट, चंपानालापुल सहित अन्य घाटों पर मंजूषा विसर्जन के कारण जाम लगा रहा। मंजूषा विसर्जन के कारण शाम पांच बजे से ललमटिया थाने से लेकर चंपानाला पूल के आगे तक जमा लगा रहा। जाम को हटाने में पुलिस बल कम पड़ गये थे। जाम के दौरान कांवरियां वाहन सहित कई अन्य वाहन गलियों में जाकर पंसी नजर आई।