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नए सत्र में बिना संबंधन के कॉलेज नहीं लेंगे दाखिला

सामान्य डिग्री कॉलेज सत्र 2018 से 2021 और बीएड कॉलेज सत्र 2018 से 2020 के लिए संबंधन लिए बिना दाखिला नहीं ले पाएंगे। एकेडमिक काउंसिल की बैठक में नए सत्र में संबंधन लेने के लिए गाइडलाइन जारी किया गया...

नए सत्र में बिना संबंधन के कॉलेज नहीं लेंगे दाखिला
हिन्दुस्तान टीम,भागलपुरSat, 15 Jul 2017 02:11 AM
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सामान्य डिग्री कॉलेज सत्र 2018 से 2021 और बीएड कॉलेज सत्र 2018 से 2020 के लिए संबंधन लिए बिना दाखिला नहीं ले पाएंगे। एकेडमिक काउंसिल की बैठक में नए सत्र में संबंधन लेने के लिए गाइडलाइन जारी किया गया और संबंधन के लिए निरीक्षण रिपोर्ट तैयार करने से लेकर रिपोर्ट की सत्यता की जिम्मेदारी पूरी तरह से कॉलेज इंस्पेक्टर पर तय की गई। कुलपति प्रो. नलिनी कांत झा ने निर्देश दिया कि हर हाल में कॉलेजों को पहले संबंधन की प्रक्रिया पूरी कर संबंधन लेना होगा। इसके बाद ही कॉलेज दाखिला लेंगे। काउंसिल ने इसके लिए गाइडलाइन जारी किया। इसके तहत कॉलेज को फॉर्मेट जारी किया जाएगा, जिसमें संसाधन की उपलब्धता के बारे में कॉलेजों को जानकारी देनी होगी। जमीन के मामले में बताना होगा कि कॉलेज जिस क्षेत्र (शहरी और ग्रामीण) में है वहां उसके पास कितनी जमीन है। शपथपत्र भी देना होगा कि कॉलेज उसी की है या भाड़े के कमरे में कॉलेज चल रहा है। बताया गया कि अभी एक बीएड कॉलेज 99 साल की लीज पर चल रहा है। कॉलेजों को 15 अगस्त से पहले संबंधन के लिए आवेदन कर देना होगा। रद्द करनी पड़ी थी परीक्षा सत्र 2016-18 में बीएड कॉलेजों में संबंधन के बिना दाखिला लेने के कारण 22 जून से निर्धारित बीएड के पहले वर्ष की परीक्षा रद्द करनी पड़ी थी। संबंधन नहीं होने के कारण छात्रों का पंजीयन नहीं हो सका था। ऐसे में परीक्षा हो जाने पर रिजल्ट पेंडिंग हो जाता। इस वजह से परीक्षा रद्द करनी पड़ी थी। स्थायी संबंधन का था दबाव एकेडमिक काउंसिल में एसके कॉलेज लोहंडा सिकंदरा को बीसीए सहित शारदा झुनझुनवाला महिला कॉलेज, ताड़र कॉलेज, एमएसीपीवाय कॉलेज ढाकामोड़, एसडी कॉलेज गौरीपुर, पीएनए साइंस कॉलेज, एसपीवाय कॉलेज कटोरिया, एसडीएम वाय कॉलेज धोरैया को मिले संबंधन को अस्थायी विस्तार देने के संबंधन कमेटी के निर्णय पर सहमति दी गई। बताया गया कि ताड़र कॉलेज को स्थायी संबंधन देने का दबाव बार-बार विश्वविद्यालय प्रशासन पर पड़ रहा था। कुछ जनप्रतिनिधि इसके लिए दबाव बना रहे थे। लेकिन उसे अस्थायी संबंधन ही दिया गया। तीन बी.एड कॉलेज भी स्थायी संबंधन का दबा दे रहे थे। लेकिन इन्हें भी अस्थायी संबंधन मिला। शादा गिरधारी केसरी कॉलेज खगड़िया की रिपोर्ट सही नहीं रहने के कारण उसे संबंधन विस्तार नहीं दिया गया।

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