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चैम्बर चुनाव : दस्तावेज में छेड़छाड़ पर कस सकता है शिकंजा

इस्टर्न बिहार चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज चुनाव में आचार संहिता उल्लंघन मामले में निर्वतमान महासचिव अशोक भिवानीवाला फंसते नजर आ रहे हैं। उनके खिलाफ क्या कार्रवाई होगी यह सोमवार को तय की जाएगी। ...

चैम्बर चुनाव : दस्तावेज में छेड़छाड़ पर कस सकता है शिकंजा
हिन्दुस्तान टीम,भागलपुरMon, 04 Mar 2019 01:36 AM
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इस्टर्न बिहार चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज चुनाव में आचार संहिता उल्लंघन मामले में निर्वतमान महासचिव अशोक भिवानीवाला फंसते नजर आ रहे हैं। उनके खिलाफ क्या कार्रवाई होगी यह सोमवार को तय की जाएगी। कार्यसमिति चुनाव में भाग्य अजमा रहे 43 में से 20 उम्मीदवारों ने चुनाव उपसमिति को दस्तावेज में छेड़छाड़ का आरोप लगाया है।

इस मामले में अशोक भिवानीवाला को नोटिस भेजकर स्पष्टीकरण मांगा गया है। कार्यालय प्रभारी अनिल कुमार की मदद से दस्तावेज मंगाकर भिवानीवाला के द्वारा छेड़छाड़ के आरोप पर अपना पक्ष स्पष्ट करने को कहा गया है। आरोप के बाद चुनाव उपसमिति ने जांच शुरू कर दी है। जांच प्रक्रिया सोमवार को पूरी होगी। इसके बाद दोपहर 12 बजे उपसमिति की बैठक होगी। शाम में सभी 43 उम्मीदवारों की बैठक बुलाई गई है। बैठक के बाद तय होगा कि जांच कमेटी ने क्या पाया और आचार संहिता उल्लंघन मामले में उम्मीदवार कौन सी सजा पर सहमत हुए हैं। सूत्रों के अनुसार अगर इस में दोष सिद्ध होता है तो उपसमिति दोषी के खिलाफ थाने में आचार संहिता उल्लंघन और धोखाधड़ी का मामला दर्ज करा सकती है। साथ ही उम्मीदवारी रद्द करने पर फैसला ले सकती है।

भेजा पत्र: चैम्बर चुनाव में विवादों में आए महासचिव अशोक भिवानीवाला ने तीन पेज का पत्र अखबारों को भेजा है। पत्र के माध्यम से उन्होंने दस्तावेज कार्यालय से निकालने की बात स्वीकार की है। लेकिन दस्तावेज के साथ छेड़छाड़ से इनकार किया है। पत्र में उन्होंने कई सदस्यों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उधर, विवाद में आये कंप्यूटर ऑपरेटर सह कार्यालय प्रभारी अनिल कुमार ने सदस्यों के द्वारा मानसिक रूप से पताड़ित करने का आरोप लगाया है।

क्या है मामला : डॉ. आरपी वर्मा रोड स्थित फर्नीचर से जुड़े व्यावसायी अनिल कुमार बंका ने उम्मीदवारों को बताया कि वे चुनाव के दिन बाहर रहेंगे। उनके फर्म में उनके अलावा कोई प्रोपराइटर नहीं अंकित था। इस पर भिवानीवाला ने कार्यालय प्रभारी अनिल से दस्तावेज मंगाकर उसमें प्रोपराइटर में एक नाम जोड़ दिया, ताकि उन्हें वोट मिल सके। इसकी भनक चैम्बर चुनाव में भाग्य आजमा रहे अन्य उम्मीदवारों को लगी। इसके बाद उम्मीदवारों ने चुनाव समिति से शिकायत की।

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