बैंककर्मियों के हड़ताल में रहने से 100 करोड़ से अधिक का कारोबार प्रभावित
ऑल इंडिया बैंक इंप्लाइज एसोसिएशन व बैंक इंप्लाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया के संयुक्त आह्वान पर मंगलवार को भागलपुर के अधिकांश बैंककर्मी हड़ताल पर रहे। इस कारण बैंकों में न कामकाज हुआ और न ही एटीएम से रुपये...
ऑल इंडिया बैंक इंप्लाइज एसोसिएशन व बैंक इंप्लाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया के संयुक्त आह्वान पर मंगलवार को भागलपुर के अधिकांश बैंककर्मी हड़ताल पर रहे। इस कारण बैंकों में न कामकाज हुआ और न ही एटीएम से रुपये निकले।
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) खुला रहने से लोगों को थोड़ी राहत मिली। एलडीएम मोना कुमारी ने दावा किया कि कई सारे एटीएम में पैसे थे। कितने का कारोबार प्रभावित हुआ है, इसका आकलन किया जा रहा है। मालूम हो कि बैंकों के विलय का प्रस्ताव वापस लेने, जनविरोधी बैंकिंग सुधार बंद करने, जान बूझकर लोन वापस नहीं करने वालों पर वसूली के लिए कठोर कानून बनाने, ग्राहकों के जमा पूंजी पर सूद बढ़ाने, कर्मचारियों की नौकरी पर खतरा व रिक्त पदों पर नियुक्ति की मांग को लेकर बैंककर्मियों ने एकदिवसीय हड़ताल किया। संगठन के लोगों ने हड़ताल से अलग रह रहे निजी बैंकों को बंद करा दिया। महासचिव अरविंद कुमार रामा ने कहा कि बैंक बंद होने पर 100 करोड़ से अधिक का कारोबार प्रभावित हुआ। एसबीआई हड़ताल में शामिल नहीं था। निजी बैंक को बाद में संगठन के आदेश के बाद बंद कराया गया। इस दौरान लगभग 500 कर्मी हड़ताल पर रहे।
एनके सिन्हा, तारकेश्वर घोष, गोपेश कुमार, नितेश कुमार, सुमित झा, अलमा कुमारी, शारदा, अमिता पांडेय आदि ने हड़ताल को सफल बनाने में मदद की। उधर, आईबॉक के सचिव प्रशांत कुमार मिश्रा ने कहा कि बैंक अधिकारी इस हड़ताल में शामिल नहीं थे, लेकिन हड़ताल को बैंक अधिकारी संगठन ने अपना नैतिक समर्थन दिया। यह हड़ताल बैंकिंग उद्योग की भलाई व अर्थव्यवस्था की बेहतरी के लिए था। बैंक हड़ताल के कारण कई लोगों का जरूरी कार्य नहीं हो सका।