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मिलिए शिवभक्त 'माता बम' से, सावन में प्रत्येक रविवार डाक बम बन जातीं हैं देवघर

श्रावणी मेला में लोगों को कृष्णा बम का बेसब्री से इंतजार रहता है। उन्हें लोग माता बम भी कहते हैं। वे सावन में प्रत्येक रविवार को डाक बम के रूप में देवघर जाने के लिए अजगैबीधाम आती हैं। उनके दर्शन का...

मिलिए शिवभक्त 'माता बम' से, सावन में प्रत्येक रविवार डाक बम बन जातीं हैं देवघर
सुल्तानगंज(भागलपुर)।निज संवाददाताSun, 05 Aug 2018 11:07 PM
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श्रावणी मेला में लोगों को कृष्णा बम का बेसब्री से इंतजार रहता है। उन्हें लोग माता बम भी कहते हैं। वे सावन में प्रत्येक रविवार को डाक बम के रूप में देवघर जाने के लिए अजगैबीधाम आती हैं। उनके दर्शन का शहरवासियों और कांवरियों को इंतजार रहता है।

रविवार को जल उठाने के पहले उन्होंने बताया कि शिव भक्ति से बड़ी पूजा संसार में नहीं है। हर घर में शिवलिंग रखकर पूजा करनी चाहिए। भोलेनाथ उनकी हर मनोकामनाएं पूर्ण करेंगे। उन्होंने कहा कि मुझे इस बात की खुशी है कि मुझे हर मोड़ पर वर्दी में महिलाएं मिलती हैं और उनका सहयोग भी। उन्होंने कांवरिया मार्ग के दोनों ओर वृक्ष लगाने की आवश्यकता बतायी। वर्ष 2013 में शिक्षक पद से सेवानिवृत्त हुई कृष्णा बम इसके पहले भी कई धर्म यात्राएं कर चुकी हैं। डाक बम के रूप में इसबार उनका 37वां वर्ष है। 2006 में सुल्तानगंज से देवघर दंड प्रणाम करते हुए दांडी बम बनकर गई थी। 

दर्शनार्थियों को यह उम्मीद रहती है कि माताबम डाक प्रमाण पत्र लेने रविवार को नियंत्रण कक्ष जरूर आएंगी। इस कारण आसपास काफी संख्या में लोग जुटे रहते हैं। इतना ही नहीं गंगा घाट से देवघर तक माता के भक्त इंतजार में घंटों खड़े रहते हैं। जगह-जगह दर्शन के लिए उमड़ी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को पहल करनी पड़ती है। रविवार को गंगाजल उठाने के पहले डॉक्टर रामकुमार गुप्ता के आवास पर ठहरती हैं।  

पहले भी कर चुकी हैं कई धर्म यात्राएं 
इसके पूर्व मुजफ्फरपुर से अमरनाथ की यात्रा, नर्मदा से जल लेकर उज्जैन महाकाल की यात्रा, मुजफ्फरपुर से वैष्णो देवी की साइकिल से यात्रा, मुजफ्फरपुर से जनकपुर साइकिल से यात्रा, गुवाहाटी से कामाख्या पैदल यात्रा, गंगोत्री से रामेश्वरम पैदल कांवर यात्रा 86 दिनों में पूरा की थी। माता बम नवरात्र में छह वर्ष अपने सीने पर कलश बिठाई थी।  

24 घंटे में डाक बम तय करते हैं 104 किलोमीटर की दूरी 
श्रावणी मेला में प्रतिदिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु डाक बम के रूप में भाग लेते हैं, वह धर्म यात्रा मैराथन रेस से काफी बड़ा है।  प्रसिद्ध मैराथन रेस की निर्धारित दूरी 42 किलोमीटर है। जबकि अजगैबीनाथ धाम से बाबा धाम की दूरी 104 किलोमीटर है और इस दूरी को 24 घंटे के अंदर पूरा करने की बाध्यता के साथ डाक बम यात्रा करते हैं। दिनोंदिन इनकी संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। महिला डाक बम की संख्या भी हर वर्ष बढ़ रही है। डाक बम के इस रेस में भाग लेने वाला हर व्यक्ति खुद इसका आयोजक और खुद निर्णायक भी है। 

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