हवाई जहाज कहां से उड़ेगा, तय करने में बीत गया साल
अलविदा 2024 हवाई अड्डा के लिए दो जगहों पर प्रस्ताव सरकार के विचाराधीन मार्च

भागलपुर, वरीय संवाददाता। भागलपुर में हवाई जहाज कहां से उड़ेगा? नया ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट कहां बनेगा? यह तय करने में ही पूरा साल बीत गया। राज्य सरकार ने वर्तमान हवाई अड्डा के रनवे की लंबाई कम होने और यहां से एयरबस चलाने में होने वाली तकनीकी दिक्कतों को लेकर दूसरे नये एयरपोर्ट निर्माण की तैयारी शुरू करने का निर्णय लिया। इसको लेकर पहले गोराडीह में गोशाला की जमीन चिह्नित की गई। लेकिन जमीन कम पड़ गई तो सिविल विमानन निदेशालय ने दूसरी जगह का ब्योरा देने को कहा। प्रशासन ने आनन-फानन में अकबरनगर और सुल्तानगंज में दो अन्य जमीन का प्रस्ताव निदेशालय को भेज दिया। लेकिन अकबरनगर में जलभराव क्षेत्र होने के चलते इस प्रस्ताव को रद्द कर दिया गया। अब मामला सुल्तानगंज और गोराडीह में फंसा है। राजनीतिक वर्चस्व में दोनों में किसी एक स्थल पर सहमति नहीं बन पाई है। अब दोनों में किसी एक स्थल पर भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया) की मुहर लगनी है। बता दें कि उड़ान 5.2 योजना के तहत बिहार के 10 जिलों में नया हवाई अड्डा बनाने की योजना में भागलपुर भी है।
सुल्तानगंज में 855 एकड़ जमीन चिह्नित, एएआई की मंजूरी का इंतजार
भागलपुर में वर्तमान एयरपोर्ट के आसपास अवैध भवन निर्माण और रनवे की लंबाई मानक से कम होने के चलते एयरबस लायक नहीं माना जा रहा है। हालांकि एयर टैक्सी (48 सीट तक के वायुयान) के लिए यह मुफीद है। यह परिसर हेलिपोर्ट के लिए भी ठीक है। लेकिन भागलपुर से लंबी घरेलू उड़ान के लिए एयरबस जरूरी है। इसके लिए सुल्तानगंज-देवघर रोड से पश्चिम और निर्माणाधीन फोरलेन से दक्षिण मसदी के आसपास 855 एकड़ जमीन चिह्नित की गई है। चिह्नित जमीन 3800 मीटर लंबी और 740 मीटर चौड़ी है। प्रशासन ने मसदी में 300 एकड़, नोनसर में 225 एकड़, राजगंज में 50 एकड़, कसवा में 79 एकड़, सुजापुर में 40 एकड़ और मंझली में 35 एकड़ मौजे की कुल 855 एकड़ जमीन चिह्नित किया है। इसके नजरी नक्शा में बताया गया है कि यहां रनवे के लायक उत्तरी छोर की लंबाई 4000 मीटर, दक्षिणी छोड़ की लंबाई 3800 मीटर और चौड़ाई 740 मीटर जमीन उपलब्ध है। भागलपुर स्टेशन से यहां की दूरी 30 किमी है। इस जमीन में 1000 मीटर और 500 मीटर का टर्मिनल बन सकता है।
गोराडीह में फंसा है पेच, कहलगांव पर भी नजर
जबकि, गोराडीह में 660.57 एकड़ जमीन चिह्नित की गयी है। यहां अधिकतर जमीन गोशाला की है। जिसमें मात्र 11 एकड़ ही गोशाला के दखल में है। भविष्य में मामला फंसता देख प्रशासन ने सिविल विमानन निदेशालय की मांग पर सुल्तानगंज में दो स्थल का प्रस्ताव भेज दिया है। चूंकि गोराडीह से अधिक जमीन सुल्तानगंज वाली है। इसलिए अधिक संभावना है कि यह स्थल ही चयनित हो। हालांकि बीच-बीच में कहलगांव में बियाडा की खाली पड़ी एक हजार एकड़ वाली जमीन का मामला भी उठ जाता है। कहलगांव में एनटीपीसी, प्रस्तावित केंद्रीय विश्वविद्यालय और पीरपैंती में विद्युत तापघर की स्थापना को देखते हुए कहलगांव की इस जमीन का भाग्य रातोंरात जाग जाए तो कोई आश्चर्य नहीं होनी चाहिए।
एयरपोर्ट के स्थल की आधिकारिक घोषणा बाकी है। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के निर्देशानुसार प्री-फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार कराई जा रही है।
डॉ. नवल किशोर चौधरी, डीएम
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