भगवान नाम के उच्चारण और श्रवण से नष्ट हो जाते हैं पाप
भक्त और भगवान के बीच सच्चा प्रेम होने पर ही जीवनरूपी नैय्या पार लगती है। भगवन्नाम के उच्चारण और श्रवण मात्र से लोगों के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं। श्याम बाल मंडल कहलगांव के तत्वावधान में आयोजित शहर...
भक्त और भगवान के बीच सच्चा प्रेम होने पर ही जीवनरूपी नैय्या पार लगती है। भगवन्नाम के उच्चारण और श्रवण मात्र से लोगों के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं। श्याम बाल मंडल कहलगांव के तत्वावधान में आयोजित शहर के रानी सती मंदिर प्रांगण के सामने नानी बाई मायरो पर आधारित तीन दिवसीय कथा के पहले दिन शुक्रवार को बोलतीं वृंदावन धाम से आई बाल व्यास राधा स्वरूपा राधा किशोरी जी ने कहा कि नानी बाई मायरो भक्त और भगवान की कथा है। इस कथा को स्वयं भगवान सुनते हैं, भक्त की कथा का वर्णन करना बिना भगवान की कृपा से असंभव है।राधा किशोरी जी ने संगीतमय प्रवचन करते नानी बाई और उनके पिता नरसी मेहता के बारे में विस्तार से बताते कहा कि श्रीकृष्ण भक्त नरसी ने अपना सर्वस्व लुटाकर भक्ति की मिशाल पेश की थी। कथा के दौरान नानी बाई के जन्म का दृष्य दर्शाया गया जिसे देख महिलाएं भावविह्वल हो गईं और पांडाल में सामुहिक नृत्य करने लगी जिससे माहौल पूरी तरह भक्तिमय हो गया। उन्होने भजनों के माध्यम से कथा का श्रवण कराया। इसके पहले यजमान श्याम बिहारी टिवरेवाल और धर्मपत्नी वत्सला टिवरेवाल ने विधि विधान के साथ पूजन अर्चन किये। मौके पर श्याम बाल मंडल के अध्यक्ष मनोज संथालिया, संदीप कुमार रूंगटा, पूर्व नपं अध्यक्ष अरविंद कुमार सिंह,मीनू रूंगटा, बासुकी संथालिया,रविन्द्र भारद्वाज, वकील चौधरी, कंचन देवी, सरिता संथालिया, रूचि संथालिया, विनीता संथालिया, मधु देवी, कल्पना संथालिया, सुशील जोशी, पायल बांकिया आदि ने कार्यक्रम आयोजन में सक्रिय भागीदारी दी।