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Hindi News बिहार भागलपुरPHOTO: उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही चार दिवसीय छठ महापर्व संपन्न

PHOTO: उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही चार दिवसीय छठ महापर्व संपन्न

नहाय-खाय के साथ शुरू हुआ छठ महापर्व बुधवार को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही संपन्न हो गया। इस दौरान भागलपुर भी श्रद्धा और भक्ति के रंग में सरोबार नजर आया। चारों ओर छठ गीतों से माहौल गुंजायमान...

भागलपुर में गंगा घाट पर बुधवार अल सुबह सुर्य की उपासना करतीं छठ व्रती महिलाएं।
1/ 6भागलपुर में गंगा घाट पर बुधवार अल सुबह सुर्य की उपासना करतीं छठ व्रती महिलाएं।
भागलपुर के सुल्तानगंज में अजगैबीनाथ धाम मंदिर के पास पवित्र  उत्तरवाहिणी गंगा में छठ पूजा करतीं महिलाएं।
2/ 6भागलपुर के सुल्तानगंज में अजगैबीनाथ धाम मंदिर के पास पवित्र उत्तरवाहिणी गंगा में छठ पूजा करतीं महिलाएं।
भागलपुर में गंगा घाट पर बुधवार को सूर्योदय होते ही अर्घ्य देने उमड़े श्रद्धालु।
3/ 6भागलपुर में गंगा घाट पर बुधवार को सूर्योदय होते ही अर्घ्य देने उमड़े श्रद्धालु।
भागलपुर में गंगा घाट पर बुधवार को सूर्योदय होते ही अर्घ्य देने उमड़े श्रद्धालु।
4/ 6भागलपुर में गंगा घाट पर बुधवार को सूर्योदय होते ही अर्घ्य देने उमड़े श्रद्धालु।
भागलपुर में गंगा घाट पर बुधवार की सुबह एक दूसरे को सिंदूर टीका लगातीं छठव्रती महिलाएं।
5/ 6भागलपुर में गंगा घाट पर बुधवार की सुबह एक दूसरे को सिंदूर टीका लगातीं छठव्रती महिलाएं।
भागलपुर में गंगा घाट पर बुधवार की सुबह सुर्योदय होते ही अर्घ्य देने के बाद छठ पूजा संपन्न और प्रसादों का डाला उठाकर घर जाते श्रद्धालु।
6/ 6भागलपुर में गंगा घाट पर बुधवार की सुबह सुर्योदय होते ही अर्घ्य देने के बाद छठ पूजा संपन्न और प्रसादों का डाला उठाकर घर जाते श्रद्धालु।
भागलपुर। वरीय संवाददाताWed, 14 Nov 2018 07:46 PM
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नहाय-खाय के साथ शुरू हुआ छठ महापर्व बुधवार को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही संपन्न हो गया। इस दौरान भागलपुर भी श्रद्धा और भक्ति के रंग में सरोबार नजर आया। चारों ओर छठ गीतों से माहौल गुंजायमान हो रहा था। 

उगते सूर्य को अर्घ्य देने के लिए बरारी सीढ़ी घाट, पुल घाट, बुढ़ानाथ घाट, आदमपुर घाट, मानिक सरकार घाट, कोयला घाट, कस्बा घाट, सकीचंद घाट, कुप्पा घाट, आदमपुर घाट, इंजीनियरिंग कॉलेज घाट, चंपापुल घाट, तिल्हाकोढ़ी घाट, मोहनपुर घाट आदि जगहों पर लोगों की भीड़ जुटी थी। दोनों दिन पूरा शहर घाटों पर नजर आया। बूढ़,बच्चे,जवान सभी घाटों भगवान भाष्कर को अर्घ्य देने को पहुंचे थे। सबने निरोग,पुत्र,समृद्ध की कामना की।

सूर्य को अर्घ्य देने से पूर्व व्रती सूप में फल नैवेध और पूजन सामग्री को लेकर भगवान सूर्य की ओर मुंह करके खड़ी हो गयी। इस दौरान भगवान सूर्य का ध्यान करते हुए सूप के किनारे गंगा जल और दूध से अर्घ्य दिया। इस दौरान घाटों पर सजावट, रोशनी, प्राथमिक उपचार,  खोया-पाया सूचना केंद्र के साथ तैराक की व्यवस्था थी।

शहर के विभिन्न जगहों पर स्वयंसेवी संस्थाओं ने भीखनपुर, कोतवाली चौक, खलीफाबाग आदि जगहों पर सफाई, शर्बत आदि की व्यवस्था की थी। कोतवाली चौक के पास बैलून से सजावट की थी। कई सड़कों पर विभिन्न् तरह की रंगोली सजाई गयी थी। जगह-जगह पर ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव किया गया था। इससे पूर्व मंगलवार को छठ के सायंकालीन अर्घ्य दिया गया। जिन्होंने दंड दिया वह घाट पर रूक गये थे। कई लोगों की मन्नत पूरी होने के बाद छठ व्रती बैंड बजे के साथ घाट पहुंचे थे।

घाट पर सेल्फी का दिखा क्रेज 
छठ पूजा को लेकर घाट पर पहुंचे श्रद्धालुओं में सेल्फी का क्रेज दिखा। कई लोग सेल्फी स्टैंड लेकर घाट पहुंचे थे। कुछ लोगों ने दूसरे को मोबाइल देकर अर्घ्य देते समय, परिवार के साथ, सूप, डाला उठाते वक्त फोटो खिंचवा रहे थे। इसके साथ वैसे सदस्य जो किसी कारणवश पर्व में घर नहीं आ सके। उनसे वीडियो कॉल कर घाट का नजारा दिखाया जा रहा था। कई लोगों ने सोशल मीडिया पर घाट का लाइव भी चलाया। 
 
इकलौता पर्व जिसमें डूबते सूरज की होती है वंदना
पंडित चन्द्रशेखर झा ने बताया कि छठ पूर्व इकलौता ऐसा पर्व है जिसमें डूबते सूरज की वंदना होती है। इस पर्व की सबसे बड़ी खासियत धार्मिक भेदभाव, उंच-नीच, जात-पात को भूलाकर लोग एक साथ पर्व मनाते हैं। कार्तिक महीने की षष्ठी को होने वाली छठ पूजा भारत में सूर्योपसाना के लिए प्रसिद्ध पर्व है। उन्होंने बताया कि छठ के प्रसाद फल आदि स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्व है। इसमें कृषि की प्रधानता भी दिखती है।

भागलपुर में गंगा घाट पर बुधवार की सुबह सुर्योदय होते ही अर्घ्य देने के बाद छठ पूजा संपन्न और प्रसादों का डाला उठाकर घर जाते श्रद्धालु।एक दूसरे को सिंदूर टीका लगातीं छठव्रती महिलाएं। को सूर्योदय होते ही अर्घ्य देने उमड़े श्रद्धालु। अल सुबह सुर्य की उपासना करतीं छठ व्रती महिलाएं।
 

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