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चरित्र निर्माण ही जीवन की सबसे बड़ी पूजा

भगवान श्रीराम के जीवन आदर्शों पर चलने से समाज का कल्याण संभव है। वर्तमान में चरित्र का निर्माण करना ही जीवन की सबसे बड़ी पूजा है। हमें भगवान राम के जीवन से सीख लेनी चाहिए। हमारा देश संतों, धर्मों तथा...

चरित्र निर्माण ही जीवन की सबसे बड़ी पूजा
Center,BhagalpurTue, 30 May 2017 01:35 AM
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भगवान श्रीराम के जीवन आदर्शों पर चलने से समाज का कल्याण संभव है। वर्तमान में चरित्र का निर्माण करना ही जीवन की सबसे बड़ी पूजा है। हमें भगवान राम के जीवन से सीख लेनी चाहिए। हमारा देश संतों, धर्मों तथा किसानों का है, जहां संतों की पूजा की जाती है। जो धर्म का विरोध करते हैं, उसका विनाश एक दिन अवश्य होता है। उक्त बातें अयोध्या से आये प्रमोद शास्त्री ने श्रीरामपुर गांव में चल रहे नौ दिवसीय श्रीराम महायज्ञ के पांचवें दिन सोमवार को प्रवचन के दौरान कहीं। उन्होंने कहा कि बिना गुरु के ज्ञान संभव नहीं है। गुरु ही मनुष्य को एक अच्छी राह दिखाने का कार्य करते हैं। जो गुरु की शरण में जाते हैं, उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। प्रवचन की महिमा अपरंपार है, जो संतों का साथ पकड़ लेते हैं।

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