बोले मुंगेर: सड़क-नाला नहीं, पाइप में लीकेज से होता जलजमाव
तारापुर प्रखंड के माणिकपुर पंचायत के अंसारी गांव में बुनियादी सुविधाओं की कमी है। जर्जर सड़कें, जलजमाव, सफाई की कमी और अंधेरा जैसी समस्याएँ ग्रामीणों की नाराजगी का कारण बनी हुई हैं। यहां के लोगों ने...
तारापुर की माणिकपुर पंचायत का अंसारी गांव के लोगों की समस्याएं
प्रस्तुति: गौरव कुमार मिश्रा
मुंगेर जिले के तारापुर प्रखंड अंतर्गत माणिकपुर पंचायत का अंसारी गांव आज भी नाला जाम, जर्जर सड़क, जलजमाव, अंधेरा, सफाई की कमी और सरकारी योजनाओं से वंचित रहने जैसी गंभीर समस्याओं से जूझ रहा है। डिप्टी सीएम का गृह क्षेत्र होने के बावजूद यहां बुनियादी सुविधाओं का अभाव ग्रामीणों की नाराजगी बढ़ा रहा है। ऐसे में यहां की समस्याओं को लेकर ग्रामीणों के साथ हिन्दुस्तान संवाददाता द्वारा संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें लोगों ने अपनी समस्याओं को रखा।
विकास से वंचित माणिकपुर पंचायत का अंसारी गांव:
मुंगेर जिले के तारापुर प्रखंड अंतर्गत मानीकपुर पंचायत का अंसारी गांव आज भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित है। लगभग 2000 की आबादी और 800 मतदाताओं वाला यह गांव आज कई समस्याओं से जूझ रहा है। लोगों ने बताया कि, गांव के मुख्य सड़क किनारे जाम पड़े नाले और नल-जल योजना के लीकेज पाइप से सड़क पर ही बहता पानी के कारण लगातार जल जमाव की स्थिति बनी हुई है। इसके कारण यहां के लोगों का घरों से निकलना भी मुश्किल हो जाता है। गांव की कई गलियों में सड़क और नाले का निर्माण अबतक नहीं हुआ है और जहां हुआ भी है, वहां हालत जर्जर हैं। मुख्य सड़क की जर्जर स्थिति एवं उस पर जल जमाव के कारण तो आए दिन वाहन दुर्घटनाएं होती रहती हैं। ग्रामीणों ने कहा कि, हमारी सबसे बड़ी विडंबना तो यह है कि, यह पंचायत डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी का गृह क्षेत्र है, फिर भी यहां सड़क, नाला, सफाई, बिजली और आवास जैसी बुनियादी सुविधाओं के अभाव से अभी तक हम लोग जूझ रहे हैं। मुख्य सड़क की स्थिति तो इतनी खराब है कि, धूल-पत्थर उड़-उड़कर घरों में घुसते हैं और लोगों को सांस संबंधी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
यही नहीं, गांव में न तो स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था है और न ही सोलर लाइटें लगाई गई हैं। अंधेरा और जलजमाव मिलकर लोगों के लिए खतरे का कारण बने हुए हैं। वहीं, सफाई की कोई पुख्ता व्यवस्था नहीं होने के कारण नालों में कीड़े-मकोड़े पनप रहे हैं। डोर-टू-डोर कचरा उठाव न होने से गंदगी बढ़ती जा रही है और लोगों के लिए खतरा बनते जा रही है।
उन्होंने कहा कि, सामाजिक सुविधाओं के मामले में भी यह गांव काफी पीछे है। यहां कोई लाइब्रेरी नहीं है, जिसके कारण गांव के छात्र-छात्राओं को पढ़ाई और तैयारी के लिए असरगंज या तारापुर जाना पड़ता है। इसके अलावा, कई परिवारों के राशन कार्ड से नाम काट दिए गए हैं और जिन्हें राशन मिल भी रहा है, उन्हें मात्र 1 किलो प्रति व्यक्ति की दर से अनाज मिल रहा है। इसके साथ ही, लगभग 50 परिवार ऐसे हैं, जिन्हें पीएम आवास योजना का लाभ नहीं मिला है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि, योजना की राशि आने के बावजूद उन्हें लाभ से वंचित रखा गया है। ऐसे में, यहां के लोगों की समस्याओं को लेकर प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की चुप्पी सवाल खड़े करती है। किंतु, ग्रामीणों की उम्मीद है कि, जल्द ही उनकी समस्याओं का समाधान होगा और उन्हें भी बुनियादी सुविधाओं का अधिकार मिलेगा।
नाले और सड़क की समस्या:
अंसारी गांव में नाले की सफाई की कोई व्यवस्था नहीं है और वह जाम पड़ा हुआ है। नल-जल योजना का पानी लीकेज होकर सड़क एवं गलियों में बहता है, जिससे गांव में हर जगह जल जमाव की स्थिति बनी रहती है। गांव का मुख्य सड़क पूरी तरह से जर्जर हो चुका है, जिससे धूल-पत्थर उड़ते रहते हैं और लोगों की परेशानी को बढ़ाती हैं। इसके साथ ही वाहन दुर्घटनाएं और राहगीरों के दुर्घटनाग्रस्त होने की घटनाएं तो आम हो चुकी हैं।
बिजली और अंधेरे की समस्या:
गांव में न स्ट्रीट लाइट है, न सोलर लाइट। जिससे चारों तरफ रात्रि में अंधेरा बना रहता है। ऐसे में, जलजमाव के बीच रात्रि में लोगों को चलना प्रायः खतरनाक साबित होता है और यहां के निवासियों को भय एवं असुविधा दोनों देता है।
सामाजिक एवं सरकारी योजनाओं का अभाव:
अंसारी गांव में लाइब्रेरी नहीं होने से छात्र-छात्राओं को अध्ययन एवं परीक्षाओं की तैयारी के लिए दूसरे इलाके जाने पड़ते हैं। गांव में डोर-टू-डोर कचरा उठाव बंद हो चुका है, जिससे चारों तरफ गंदगी फैली रहती है। कई राशन कार्ड धारकों को पूरा अनाज नहीं मिल रहा और लगभग 50 परिवार पीएम आवास योजना से वंचित हैं। इससे ग्रामीणों में नाराजगी है।
समस्याएं:
1. गांव की सबसे बड़ी समस्या नाले और सड़क की है। जाम नाले, जर्जर सड़क एवं जलजमाव के कारण लोगों आवागमन में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
2. गांव में स्ट्रीट लाइट और सोलर लाइट नहीं है, जिस रात में चारों तरफ अंधेरा छाया रहता है। अंधेरे में जल जमाव के बीच जर्जर सड़क पर चलना लोगों के लिए मुश्किल हो जाता है।
3. गांव में सफाई व्यवस्था का भी पूरी तरह से अभाव है। नालों की सफाई नहीं होती है और डोर-टू-डोर कचरा उठाव बंद है।
4. गांव में कई परिवार एवं व्यक्ति सरकारी योजनाओं से वंचित हैं। कई परिवारों को पीएम आवास योजना का लाभ नहीं मिला है तो कई लोगों को राशन पूरा राशन नहीं मिल रहा है अथवा कई लोगों का नाम राशन कार्ड से काट दिया गया है।
5. गांव में लाइब्रेरी के न होने से छात्र-छात्राओं को अध्ययन के लिए गांव से बाहर जाना पड़ता है।
सुझाव:
1. जाम नालों की सफाई और जर्जर सड़कों का शीघ्र पुनर्निर्माण किया जाए।
2. गांव के मुख्य सड़कों और गलियों में सोलर एवं एलईडी स्ट्रीट लाइटें लगाई जाएं।
3. नालों की नियमित सफाई और डोर-टू-डोर कचरा उठाव सुनिश्चित हो।
4. योजनाओं का पारदर्शी क्रियान्वयन हो। पीएम आवास और राशन वितरण में अनियमितता दूर कर पात्र परिवारों को लाभ दिलाया जाए।
5. छात्र-छात्राओं और युवाओं की पढ़ाई के लिए गांव में पुस्तकालय या अध्ययन केंद्र खोला जाए।
इंफोग्राफिक:
1. अंसारी गांव की आबादी लगभग 2000 है।
2. यहां मतदाताओं की संख्या लगभग 800 है।
3. गांव में लगभग 50 परिवार ऐसे हैं, जिन्हें अभी तक आवास योजना का लाभ नहीं मिला है।
हमारी भी सुनें:
मोहल्ले में सड़क और नाले की बड़ी समस्या है। नल-जल योजना के पाइप लीक होने से मुख्य सड़क पर जलजमाव हो जाता है, जिससे आने-जाने में परेशानी होती है।
-मो. कासिम
जलजमाव के कारण लोगों के पैर खराब हो रहे हैं और डेंगू जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है। पानी निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है। जलजमाव से जल्द निजात दिलाई जाए।
-मो. फरहान
नल-जल योजना की स्थिति बेहद खराब है। लगभग 100 घरों तक कनेक्शन नहीं पहुंचा है और पाइपलाइन में लीकेज से जलजमाव बना रहता है।
-मो. नैय्यर
स्थानीय लोग चंदा करके पाइप की मरम्मत करवाते हैं, लेकिन बार-बार खराबी होने से लोग परेशान हैं। जगह-जगह पाइप क्षतिग्रस्त हो गए हैं।
-नसीमा
मोहल्ले में गंदगी का अंबार है। जगह-जगह कचरे के ढेर लगे हुए हैं। सफाई की कोई व्यवस्था नहीं है, जिससे लोगों को काफी परेशानी होती है।
-मो. शाहनवाज
मोहल्ले में नाले का निर्माण नहीं हुआ है। जहां बना भी है वहां उसकी सफाई नहीं होती। सफाई के अभाव में नाले का गंदा पानी सड़क पर बहता है।
-बीबी फातमा
मोहल्ले में नाले और निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है। लोग घर का गंदा पानी बाल्टी से बाहर फेंकने को मजबूर हैं।
-अरनजा खातुन
सफाई की कोई व्यवस्था नहीं है। डोर-टू-डोर कचरा उठाव नहीं होने से बीमारी का खतरा बना रहता है।
-मलका बानो
मोहल्ले की कई गलियों में एक भी स्ट्रीट लाइट नहीं है। लोग सवाल कर रहे हैं कि जनप्रतिनिधि इस वार्ड के साथ सौतेला व्यवहार क्यों कर रहे हैं।
-फरीदा खातुन
यहां आंगनबाड़ी केंद्र की व्यवस्था नहीं है। छोटे बच्चों को दूसरे गांव जाना पड़ता है, जिससे उन्हें कठिनाई होती है।
-जमीला खातुन
लगभग 50 घरों में शौचालय नहीं है। लोग खुले में शौच करने को मजबूर हैं, जबकि पंचायत को 2 वर्ष पहले ओडीएफ घोषित कर दिया गया था।
-शहनाज खातुन
सफाई व्यवस्था बिल्कुल नहीं है। न तो ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव होता है और न ही फॉगिंग की जाती है।
-अंगूरी खातुन
कई मोहल्लों में सड़क और नाले का निर्माण अब तक नहीं हुआ है। बरसात में लोगों को आने-जाने में बहुत परेशानी होती है।
-सरफराज
नल-जल योजना की पाइपलाइन की मरम्मत कर आपूर्ति शुरू कराई जाए और जिन घरों को कनेक्शन नहीं मिला है, उन्हें तुरंत जोड़ा जाए।
-साहजाहा बानो
मुख्य सड़क से मोहल्ले में जाने वाली सड़क पर ही नाले का गंदा पानी बह रहा है। पानी निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है, जिसके कारण लोग चारपहिया वाहन या मोटरसाइकिल घर तक नहीं ले जा पाते।
-बीबी नसीमा खातुन
मोहल्ले में शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव है। विद्यालय दूर होने से बच्चे पढ़ाई से वंचित हो रहे हैं।
-कुंती देवी
बोले जनप्रतिनिधि:
अंसारी मोहल्ले की समस्याएं सड़क, नाला, पानी एवं आवास योजना से जुड़ी हुई हैं। नाले निर्माण को लेकर कई बार शिकायत की गई, परंतु अब तक निर्माण नहीं हुआ है। पंचायत में समस्याएं बहुत हैं, जिन्हें एक-एक कर दूर किया जा रहा है।
-किरण चौधरी, मुखिया, माणिकपुर, तारापुर
बोले जिम्मेदार:
नाले का निर्माण कार्य जल्द शुरू किया जाएगा और पानी निकासी की समस्या शीघ्र दूर की जाएगी। नल-जल योजना से संबंधित खराबियों को भी जल्द ठीक कराया जाएगा। सरकार की सभी महत्वाकांक्षी योजनाओं को धरातल पर उतारने का कार्य लगातार किया जा रहा है।
-प्रशांत कुमार, प्रखंड विकास पदाधिकारी,
तारापुर
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।




