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बोले मुंगेर : टूटी सड़कें व जर्जर नाले हर दिन खतरे में ग्रामीण

गौरव कुमार मिश्रा की रिपोर्ट के अनुसार, चौरगांव पंचायत के पुरुषोत्तमपुर वार्ड 5 की लगभग 2500 की आबादी बुनियादी सुविधाओं से वंचित है। जर्जर सड़कें, टूटे नाले, बिजली की अनियमितता और आवास योजना का लाभ न...

Newswrap हिन्दुस्तान, भागलपुरSun, 17 Aug 2025 02:48 AM
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बोले मुंगेर : टूटी सड़कें व जर्जर नाले हर दिन खतरे में ग्रामीण

प्रस्तुति: गौरव कुमार मिश्रा

चौरगांव पंचायत के पुरुषोत्तमपुर वार्ड संख्या-5 की लगभग ढाई हजार की आबादी अब भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित है। करीब 800 मतदाता वाले इस वार्ड में जर्जर सड़कें, टूटे नाले और नल-जल योजना की दुर्दशा लोगों की सबसे बड़ी परेशानी बनी हुई है। बिजली की अनियमित आपूर्ति, आवास योजना से वंचित गरीब परिवार, पशुपालकों के लिए योजनाओं की अनुपलब्धता और आंगनबाड़ी केंद्रों की लापरवाह व्यवस्था से आमजन त्रस्त हैं। बाढ़ जैसी आपदा के समय भी यहां सरकारी मदद नहीं पहुंचती, जिससे लोगों को समाजसेवियों और स्वयं के प्रयासों पर ही निर्भर रहना पड़ता है।

ग्रमीणों ने बताया कि करीब छह माह पूर्व बनाए गए नाले घटिया गुणवत्ता के कारण टूटने लगे हैं। सड़क किनारे बने इन नालों में बच्चों के गिरने की घटनाएं आम हो चुकी हैं। ईंट सोलिंग का कार्य अधूरा और कमजोर है, जिससे जल्दी ही टूट-फूट शुरू हो गई। कई गलियां अब तक सड़क विहीन हैं, जहां लोगों को बरसात के दिनों में कीचड़ और गड्ढों में होकर गुजरना पड़ता है। नल-जल योजना में भी रख-रखाव के अभाव के कारण जगह-जगह पाइप टूटी हुई हैं, जिससे पानी की बर्बादी और जलजमाव बढ़ रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि जल जीवन हरियाली जैसी योजनाओं का लाभ कागजों पर दिखाया जाता है, जबकि धरातल पर नतीजा शून्य है।बिजली व्यवस्था की हालत भी खराब है। गांव के कई खंभों पर स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था नहीं है, जिसके कारण शाम ढलते ही पूरा क्षेत्र अंधेरे में डूब जाता है। इससे असुरक्षा की भावना बढ़ जाती है और लोग रात के समय बाहर निकलने से कतराते हैं।

वहीं, आवास योजना के लाभ से भी बड़ी आबादी वंचित है। लगभग 200 कच्चे घरों में रहने वाले गरीब परिवार अबतक प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं ले पाए हैं। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि पात्रता होने के बावजूद उनका नाम सूची में शामिल नहीं किया गया। पशुपालकों के लिए भी कोई ठोस व्यवस्था नहीं है। गांव में न तो पशु अस्पताल है और न ही नियमित चिकित्सकीय सुविधा। शिकायत है कि फोन करने पर भी डॉक्टर कई बार तीन-तीन दिन बाद पहुंचते हैं। पशुधन यहां की आजीविका का महत्वपूर्ण हिस्सा है, लेकिन योजनाओं और सुविधाओं की कमी से पशुपालकों को लगातार नुकसान झेलना पड़ता है। स्वच्छता की स्थिति भी बेहद चिंताजनक है। जगह-जगह गंदगी और जलजमाव के कारण लोग लगातार बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। बच्चों और बुजुर्गों में बुखार, त्वचा रोग और संक्रामक बीमारियों के मामले बढ़ रहे हैं। आंगनबाड़ी केंद्रों में भी घोर लापरवाही है। एक सेविका के नाम पर दो केंद्र चल रहे हैं और खाद्यान्न की कालाबाजारी की शिकायतें आम हैं। इसका सीधा असर छोटे बच्चों और गर्भवती महिलाओं पर पड़ रहा है। बाढ़ग्रस्त इलाका होने के बावजूद प्रशासनिक मदद समय पर नहीं पहुंचती। ग्रामीणों ने कहा कि पिछले साल बाढ़ पीड़ितों को मुआवजा नहीं मिला और इस बार भी अधिकारी हालात का जायजा लेने तक नहीं आए।

जनता की आवाज

छह महीने पूर्व बना नाला गुणवत्ता सही नहीं होने के कारण जगह-जगह टूट गया है। जिम्मेदार इसकी जांच कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें जिससे राहत मिले।

-कुंदन कुमार

नाला टूट जाने से छड़ बाहर निकल आया है, जिसमें पैदल चलने वाले लोगों का पैर अक्सर फंस जाता है, जिससे वे गिर कर चोटिल हो जाते हैं।

-फंटूश कुमार

नल-जल योजना का देखरेख नहीं होने के कारण जगह-जगह लीकेज हो गया है। इसे सही करने की आवश्यकता है। जिससे नियमित जलापूर्ति हो।

-अजीत कुमार

बिजली के खंभों पर सोलर लाइट की कमी से क्षेत्र शाम को अंधेरे में डूबा रहता है। खासकर महिलाओं को परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

-रवि कुमार

ईंट सोलिंग वाली सड़क जगह-जगह टूट गई है, जिससे आवागमन में परेशानी होती है, जबकि यह सड़क कुछ दिन पूर्व ही बनी थी। जांच कर कार्रवाई हो।

-भागो देवी

गांव में आज भी कई सड़कें कच्ची हैं। बरसात के दिनों में इन पर कीचड़ भर जाता है और लोगों को चलना मुश्किल हो जाता है। इस पर जिम्मेदार ध्यान दें।

-श्यामा देवी

पीएम आवास योजना का लाभ कई लोगों को नहीं मिला है, जिसके कारण आज भी मिट्टी के घरों में रहना पड़ता है। बरसात के दिनों में परेशानी होती है।

-सीता देवी

मवेशियों के इलाज के लिए पंचायत में पशु चिकित्सा अस्पताल नहीं है, जिससे ग्रामीणों को काफी परेशानी होती है। चिकित्सक भी समय से नहीं आते हैं। जिससे रोष है।

-शोभा देवी

कच्ची सड़कों के कारण कठिनाई होती है। सड़क और नालों का निर्माण कराया जाना चाहिए। इससे जलजमाव से मुक्ति मिलेगी।

-गुंजन देवी

राशन कार्डधारियों को अनाज डीलर द्वारा कम दिया जाता है और वह खाने लायक भी नहीं होता। इसकी जांच कर दोषियों के खिलाफ कराई हो।

-रंजू देवी

बरसात के दिनों में छत से पानी टपकता है। इसके कारण हमलोगों को जल्द से जल्द पीएम आवास योजना का लाभ दिलाया जाए। जिससे राहत मिले।

-सोमलता देवी

बच्चों के खेल-कूद के लिए पार्क नहीं है। पार्क की व्यवस्था की जानी चाहिए। साथ ही मैदान की भी जरूरत है। जिससे बच्चों को फायदा मिले।

-नितू देवी

बरसात खत्म होने के बाद ब्लीचिंग का छिड़काव नहीं होता है। इसे करवाना चाहिए और कीचड़ की सफाई भी होनी चाहिए। राहत मिलेगी।

-शिव यादव

पंचायत में जगह-जगह कचरा पड़ा रहता है, नालों की नियमित सफाई नहीं होती। नियमित साफ-सफाई नहीं होने के कारण परेशानी होती है।

-बाल्मीकि यादव

जनप्रतिनिधि भेदभाव करते हैं। अपने चहेतों को सोलर लाइट देते हैं, जबकि बाकी जगहों को छोड़ दिया गया है। इसकी जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई हो।

-पंकज कुमार

एक आंगनबाड़ी सेविका दो आंगनबाड़ी केंद्र संचालित कर रही हैं और बच्चों को मिलने वाला राशन बेच देती हैं, इसे देखने वाला कोई नहीं है। जिम्मेदार जांच करें।

-प्रकाश

बोले िजम्मेदार

मनरेगा द्वारा मुख्य सड़क से गली की ओर जाने वाली सड़क पेवर ब्लॉक से बना हुआ है। बाढ़ का पानी आ जाने से लोगों को समस्याएं हो रही हैं। जहां नाला टूटा हुआ है वहां रिपेयर का काम किया जाएगा। पीएम आवास योजना को लेकर सर्वेक्षण किया गया है। लिस्ट आने के बाद आमसभा में पारित किया जाएगा। बाकी जो भी वार्ड एवं पंचायत की समस्याएं हैं, उसे एक-एक कर दूर किया जाएगा।

-बॉबी देवी, मुखिया, चौरगांव

शिकायत

1. वार्ड में छह माह पूर्व बने नालों की घटिया गुणवत्ता के कारण टूट-फूट शुरू हो गई है। कई गलियों में अब तक सड़कें नहीं बनी है और जर्जर सड़कों पर कीचड़ जमा रहता है।

2. लीकेज और देखरेख के अभाव में नल-जल योजना का लाभ सही ढंग से लोगों तक नहीं पहुंच रहा।

3. कई खंभों पर स्ट्रीट लाइट नहीं है, लगभग 200 परिवारों को अबतक प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं मिला है।

4. पशु चिकित्सक को फोन करने के बाद भी समय से नहीं आते हैं।

5. आंगनबाड़ी केंद्रों में गड़बड़ी है व सेविका को दोहरी जिम्मेदारी है। बाढ़ पीड़ितों को न तो राहत राशि और न ही सरकारी मदद मिली।

सुझाव

1. नाले और सड़कों के निर्माण में पारदर्शिता और निगरानी सुनिश्चित की जाए।

2. नल-जल योजना के पाइप में लीकेज सुधार कर सभी परिवारों तक स्वच्छ पानी की नियमित आपूर्ति हो।

3. हर खंभे पर स्ट्रीट लाइट लगाई जाए और जरूरतमंद परिवारों को आवास योजना का लाभ मिले।

4. स्थानीय स्तर पर पशु चिकित्सालय की स्थापना की जाए और पशुपालकों तक योजनाओं की जानकारी एवं लाभ पहुंचाया जाए।

5. आंगनबाड़ी केंद्रों में नियमित निगरानी हो, खाद्यान्न वितरण पारदर्शी हो और बाढ़ पीड़ितों को समय पर सरकारी मदद मिले।