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भागलपुर में बदहाल शिक्षा व्यवस्था, सरकारी स्कूल में 326 स्टूडेंट्स को पढ़ा रहे 5 शिक्षक

शिक्षा विभाग की लापरवाही की वजह से सरकारी स्कूलों में पढ़ाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति होती है। जहां छात्र है वहां पर शिक्षक नहीं। जहां शिक्षक है वहां पर छात्र नहीं। नगर निगम क्षेत्र में ऐसे दर्जनों...

भागलपुर में बदहाल शिक्षा व्यवस्था, सरकारी स्कूल में 326 स्टूडेंट्स को पढ़ा रहे 5 शिक्षक
भागलपुर, शशि रमणSun, 28 Apr 2019 06:00 PM
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शिक्षा विभाग की लापरवाही की वजह से सरकारी स्कूलों में पढ़ाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति होती है। जहां छात्र है वहां पर शिक्षक नहीं। जहां शिक्षक है वहां पर छात्र नहीं। नगर निगम क्षेत्र में ऐसे दर्जनों स्कूल है जहां इस तरह की अव्यवस्थाएं है।

शनिवार को दो प्राथमिक विद्यालय और एक मध्य विद्यालय मिलाकर कुल 28 छात्र ही मौजूद थे। जबकि इन स्कूलों के 28 छात्रों को पढ़ाने के लिए 11 शिक्षक नियुक्ति हैं। दूसरी तरफ मवि मारुफचक में 326 छात्रों को पढ़ाने के लिए पांच शिक्षक हैं। जबकि राष्ट्रीय औसत के अनुसार 35 छात्रों पर कम से कम एक शिक्षक की अनिवार्यता है। प्राचार्य चिरंजीव शर्मा ने कहा कि कई बार विभाग को पत्र लिखा, लेकिन शिक्षकों की संख्या नहीं बढ़ी।
   
डीपीओ समग्र शिक्षा अभियान असगर आलम खां ने बताया कि स्कूल में शिक्षक और छात्र का अनुपात सहीं होनी चाहिए। इसके लिए हर स्कूलों से छात्र और शिक्षकों की संख्या मंगवायी गयी है। जल्द ही इस पर निर्णय लिया जायेगा। प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष शेखर गुप्ता ने बताया कि विभाग शिक्षकों की कमी का रोना रोता है। जबकि कई स्कूलों में अतिरिक्त शिक्षक तैनात हैं। नये सत्र की शुरुआत के साथ ही इन स्कूलों के पठन-पाठन के बारे में जानकारी ली तो कई कमियां सामने आयी। शिक्षकों का कहना है कि छात्रों की संख्या कम होने की वजह पर विभाग काम नहीं कर रहा है। उल्टे हमलोगों पर दबाव डाला जा रहा है।
 
कभी भी छिन जाता है डेस्क-बेंच 
श्याम सुंदर विद्या निकेतन स्कूल के दो कमरे में मीडिल स्कूल चांदीपट्टी चलता है। यहां पर चौथी से आठवीं तक के कुल 30 छात्रों का नामांकन है। जबकि पांच शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति है। शनिवार को 10 छात्र-छात्राएं मौजूद थीं। मगर सभी जमीन पर बैठी थी। क्योंकि परीक्षा की वजह से श्याम सुंदर विद्या निकेतन ने डेस्क-बेंच ले लिये हैं। स्कूल के शिक्षक मणीशंकर गोपाल छात्रों की कम संख्या को लेकर बताते हैं कि आसपास के छात्र निजी स्कूल चले जाते हैं। इसलिए यहां पर कम संख्या है। प्राइमरी स्कूल श्याम सुंदर निकेतन में 52 छात्र नामांकित है और इसे पढ़ाने के लिए चार शिक्षकों की तैनाती है। शनिवार यहां पर आठ के करीब बच्चे पढ़ रहे थे। वहीं शिक्षकों में सिर्फ रामकिंकर मिश्र और वीणा कुमारी मौजूद थीं।
 
नाले की बदबू और मच्छर से रहते परेशान 
सर्वोदय प्रवि जबारीपुर में कुल 26 छात्र नामांकित और तीन शिक्षकों की तैनाती है। शनिवार को यहां पर 10 छात्र और दो शिक्षिका मौजूद थीं। छात्र और शिक्षिका ने बताया कि क्लासरूम में नाले की दुर्गंध काफी आती है। दिन भी मच्छर काटता है। इसलिए बच्चों को जमीन पर बिठाकर पढ़ाना पड़ता है। शिक्षिकाओं ने बताया कि एनएच पर दुर्घटना के डर से बच्चे को नहीं भेजते हैं। 
 

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