‘बच्चों में संस्कार अपने बुजुर्गों से आता है, अच्छी शिक्षा दें
बूढ़ानाथ मंदिर परिसर में श्रीराम कथा का आयोजन कई जगहों से पधारे कथावचकों ने किया

भागलपुर, वरीय संवाददाता। अयोध्या के कथावाचक ऋषिकेश पाण्डेय ने कहा कि बच्चों में संस्कार अपने बुजुर्गों से आता है। अपने बच्चों में संस्कृति, धर्म, कुलरीति को बताने में पूर्वजों का अहम भूमिका रही है। बच्चे के मन में सादगी ही भरना चाहिए। उन्हें हमेशा अच्छी शिक्षा दें। उक्त बातें मानस सद्भावना सम्मेलन की ओर से बूढ़ानाथ मंदिर परिसर में चल रहे नौ दिवसीय श्रीराम कथा के पांचवें दिन शुक्रवार को प्रवचन के दौरान कही। उन्होंने कहा कि श्रीराम को प्राप्त करने के लिए अपने हृदय में बसे राम को जगाना पड़ता है। तब जाकर दशरथ नंदन राम प्राप्त होते हैं फिर रामचरित्रमानस हृदय में उतरते हैं।
कथावाचक रघुनंदन ठाकुर ने कहा कि पुष्प वाटिका में ही राम जी को ब्रह्म का शक्ति रूप में प्रथम दर्शन हुआ और वहीं से विश्व कल्याण लोक कल्याण के पृष्ठभूमि बनी। मध्यप्रदेश से पधारे रामेश्वर उपाध्याय ने कहा कि राम ने धनुष ही नहीं तोड़ा बल्कि कई के दंभ और गर्व को भी तोड़ा था। भागलपुर की डॉ. आशा ओझा कि सब मुझे प्रिय है पर शिव के समान कोई दूसरा नहीं प्रिय है। जबकि वाराणसी से पधारी कथावाचिका नीलम शास्त्री ने कहा कि कलयुग में दहेज भी एक धनुष ही है उसे राम रूपी लड़के ही तोड़ सकते हैं। भगवान श्रीराम ऋषि संस्कृति से आए तो श्री जानकी जी कृषि संस्कृति से आई हैं। वहीं जगतगुरु कन्नौज पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर अतुलेश्वरानंद जी ने भी राम की महिमा के बारे में बताया। पूर्व महापौर वीणा यादव ने मानस मंजरी लक्ष्मी रानी का स्वागत किया। इस मौके पर समिति के अध्यक्ष मृत्युंजय प्रसाद सिंह, सचिव सुनील चटर्जी, महेश राय, प्रमोद मिश्रा, हरि किशोर सिंह कर्ण आदि मौजूद थे।
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