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Amazing! बिहार एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी, सबौर की फिल्में दुनिया भर में मचा रही धूम

बिहार के किसानों तक सहजता से कृषि तकनीकी और जानकारी पहुंचाने के उद्देश्य से स्थापित बिहार एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी(BAU) के मीडिया सेंटर द्वारा बनायीं गयी फिल्में इन दिनों देश और दुनिया में आकर्षण का...

Amazing! बिहार एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी, सबौर की फिल्में दुनिया भर में मचा रही धूम
सबौर(भागलपुर)। Sun, 18 Nov 2018 09:13 PM
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बिहार के किसानों तक सहजता से कृषि तकनीकी और जानकारी पहुंचाने के उद्देश्य से स्थापित बिहार एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी(BAU) के मीडिया सेंटर द्वारा बनायीं गयी फिल्में इन दिनों देश और दुनिया में आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं। 

वीडियो प्लेटफॉर्म यूट्यूब के माध्यम से यूनिवर्सिटी में बनी फिल्मों को देखा जा रहा है। यूनिवर्सिटी के चैनल को सबस्क्राइब करने वालों की संख्या एक लाख पार कर चुकी है और इस पर लगे 202 फिल्मों पर लगभग एक करोड़ हिट्स होने वाला है।  

इस लिंक पर हजारों की संख्या में लोग रोजाना विजिट करते हैं और इस पर लगाए गए फिल्मों से खेती के नवीनतम तकनीकों को सीखते हैं। खास बात यह है कि यह चैनल दुनिया के ऐसे देशों में भी देखा जाता है जहाँ हिन्दी या अंग्रेजी नहीं समझी जाती जैसे फ्रांस, वियतनाम, स्पेन, इटली इत्यादि। 

दस ऐसे देश जहाँ कि चैनल सबसे ज्यादा देखा जाता है, उनमें अमेरिका, ब्रिटेन, यूएई, पाकिस्तान, ईरान, ओमान, कनाडा बांग्लादेश, मलेशिया और कतर हैं। यूट्यूब द्वारा उपलब्ध कराये गए डाटा के मुताबिक अब तक करीब दस मिलियन यानि एक करोड़ बार बीएयू के चैनल पर लगे फिल्मों को देखा गया है। लाखों की संख्या में लोगों ने कमेंट बॉक्स में विषय से सम्बंधित सवाल भी किये हैं जिन्हे अधिकांश जबाव बीएयू से दिया भी गया है। 

बीएयू की तरफ से अब तक 202 फिल्में इस चैनल पर लगायी गयी है जिसमें आधुनिक खेती के अलावा पॉल्ट्री, डेयरी, बागवानी, बिहार के किसानों की सफलता की कहानियां और घरेलु स्तर पर केचप इत्यादि बनाने के बारे में बताया गया है। यूट्यूब द्वारा उपलब्ध मेटाडाटा के मुताबिक बिहार के किसानों की सफलता की कहानियां पर दर्शकों का रुझान सबसे ज्यादा है। 2 माह पहले खगड़िया के दो किसानों की सफलता की कहानी को लगभग दस लाख लोगों ने देखा।

फिल्म को पूरी दुनिया के साथ भारत में भी देखा जा रहा है और उनमे भी बड़ी संख्या में बिहार के लोगों की हैं। इस पर प्रसारित फिल्मों का निर्माण पूरी तरह से विश्वविद्यालय के मीडिया सेंटर में किया गया है। विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. ए. के. सिंह बताते हैं कि कृषि ज्ञान देने वाले चैनल को एक लाख सब्सक्राइबर मिलना और करीब एक करोड़ बार देखा जाना बड़ी बात है क्योंकि इस तरह के कंटेंट को लोग मनोरंजन के लिए नहीं बल्कि पूरी गंभीरता के साथ खेती या उद्दयम में उपयोग करने के लिए देखते हैं। 

डॉ. आर. के. सोहाने, निदेशक प्रसार शिक्षा बताते हैं कि हमारी कृषि आधारित फिल्में काफी शोध के उपरांत बनायी जाती है और लोग भरोसे के साथ हमारी फिल्मों को देखते और अपनी खेती में प्रयोग करते हैं यही वजह है कि बीएयू से बनी फिल्में दुनिया भर में पसंद की जा रही है और तेजी से हमारे सबस्क्राइबर बढ़ रहे हैं।

फिल्मों के अच्छे व्यू मिलने के कारण रॉयल्टी के तौर पर अक्सर विश्वविद्यालय को पचास हजार से एक लाख रूपये तक की रॉयल्टी हरेक दो से तीन माह उपरांत यूट्यूब द्वारा भेज दी जाती है।

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