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खेतों में फसलों के अवशेष जलाने पर होगी कार्रवाई

खेतों में फसलों के अवशेष जलाने पर संबंधित किसानों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। ऐसे किसानों को चिह्नित कर तीन साल तक कृषि विभाग की सभी योजनाओं से वंचित किया...

खेतों में फसलों के अवशेष जलाने पर होगी कार्रवाई
हिन्दुस्तान टीम,भागलपुरTue, 26 Nov 2019 08:01 PM
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खेतों में फसलों के अवशेष जलाने पर संबंधित किसानों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। ऐसे किसानों को चिह्नित कर तीन साल तक कृषि विभाग की सभी योजनाओं से वंचित किया जाएगा। 29 नवम्बर को जागरूकता अभियान के तहत छात्र-छात्राओं को शपथ दिलायी जायेगी।

फसलों के अवशेष को नहीं जलाने और उससे होने वाले नुकसान के प्रति किसानों को जागरूक करने के लिए मंगलवार को डीआरडीए के सभागार में डीएम प्रणव कुमार की अध्यक्षता में बैठक हुई। जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि किसानों में मान्यता है कि फसलों के अवशेष जलाने से खरपतवार और कीड़े खत्म हो जाते हैं लेकिन सच्चाई यह है कि इसके जलाने से मिट्टी का पोषक तत्व, कार्बनिक पदार्थ और खेतों में रहने वाले लाभकारी किटाणु नष्ट हो जाते हैं।

एक टन पुआल जलाने से 60 किलो कॉर्बन मोनोआक्साइड, 1460 किलो कार्बन डायऑक्साइड, 199 किलो राख, दो किलो सल्फर डायअक्साइड सहित अन्य हानिकारक कण निकलते हैं जिससे सांस लेने, नाक और गले की समस्या उत्पन्न होती है।

डीएम ने कृषि पदाधिकारी को आत्मा और कृषि विज्ञान केन्द्र के माध्यम से किसानों को प्रशिक्षित करने और फसल अवशेष जलाने के बदले वर्मी कम्पोस्ट, मंचिंग विधि से खेती तथा हैप्पीसीडर से गेहूं की बुआई करने की जानकारी देने को कहा। फसल अवशेष जलाने से स्वास्थ्य को होने वाले नुकसान से बचाव के प्रति लोगों को जागरूक करने की जिम्मेदारी सभी एएनएम और आशा कार्यकर्ता को दी गयी।

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