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आओ राजनीति करें: छात्राएं बोलीं, तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने वाले होंगे हमारे नेता

आओ राजनीति करें के तहत हिन्दुस्तान का कारवां टीएनबी कॉलेज पहुंचा। इन कैंपस के दौरान टीएनबी कॉलेज में छात्राओं ने सिर्फ हिस्सा ही नहीं लिया, बल्कि कहा कि इस बार हम काम करने वाले नेता का ही चुनाव...

आओ राजनीति करें के तहत हिन्दुस्तान का कारवां टीएनबी कॉलेज पहुंचा। हिंदुस्तान इन कैंपस के दौरान अपने विचार रखतीं छात्राएं।
1/ 5आओ राजनीति करें के तहत हिन्दुस्तान का कारवां टीएनबी कॉलेज पहुंचा। हिंदुस्तान इन कैंपस के दौरान अपने विचार रखतीं छात्राएं।
आओ राजनीति करें के तहत हिन्दुस्तान का कारवां टीएनबी कॉलेज पहुंचा। अपने विचार रखतीं टीएनबी की छात्राएं।
2/ 5आओ राजनीति करें के तहत हिन्दुस्तान का कारवां टीएनबी कॉलेज पहुंचा। अपने विचार रखतीं टीएनबी की छात्राएं।
आओ राजनीति करें के तहत हिन्दुस्तान का कारवां टीएनबी कॉलेज पहुंचा। इन कैंपस के दौरान अपने विचार रखतीं छात्राएं।
3/ 5आओ राजनीति करें के तहत हिन्दुस्तान का कारवां टीएनबी कॉलेज पहुंचा। इन कैंपस के दौरान अपने विचार रखतीं छात्राएं।
आओ राजनीति करें के तहत हिन्दुस्तान का कारवां टीएनबी कॉलेज पहुंचा। इन कैंपस के दौरान अपने विचार रखतीं छात्राएं।
4/ 5आओ राजनीति करें के तहत हिन्दुस्तान का कारवां टीएनबी कॉलेज पहुंचा। इन कैंपस के दौरान अपने विचार रखतीं छात्राएं।
आओ राजनीति करें के तहत हिन्दुस्तान का कारवां टीएनबी कॉलेज पहुंचा। इन कैंपस के दौरान अपने विचार रखतीं छात्राएं।
5/ 5आओ राजनीति करें के तहत हिन्दुस्तान का कारवां टीएनबी कॉलेज पहुंचा। इन कैंपस के दौरान अपने विचार रखतीं छात्राएं।
भागलपुर  | वरीय संवाददाताSun, 10 Feb 2019 07:33 PM
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आओ राजनीति करें के तहत हिन्दुस्तान का कारवां टीएनबी कॉलेज पहुंचा। इन कैंपस के दौरान टीएनबी कॉलेज में छात्राओं ने सिर्फ हिस्सा ही नहीं लिया, बल्कि कहा कि इस बार हम काम करने वाले नेता का ही चुनाव करेंगे।

भागलपुर में तकनीकी शिक्षा और उद्योग धंधे स्थापित करने के लिए कोई खास प्रयास नहीं किया गया है। अधिकतर महिलाएं पढ़ने के लिए बाहर नहीं जा पाती हैं और यहां तकनीकी शिक्षा के अधिक विकल्प नहीं हैं।

इसका परिणाम यह है कि वर्षों से महिलाओं का जीवन चौका-बर्तन से आगे नहीं बढ़ पाता है। ऐसा प्रत्याशी आए जो तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए दृढ़ संकल्पित हो, उसे ही हमें मतदान करना चाहिए। ये बातें शनिवार को टीएनबी कॉलेज की छात्राओं ने हिन्दुस्तान इन कैंपस कार्यक्रम में कहीं।

छात्राओं ने खासकर शिक्षा और महिलाओं से जुड़े तमाम मुद्दों को उठाया और कहा कि अभी तक किसी जनप्रतिनिधियों ने उनके मुद्दों को सही तरीके से नहीं उठाया है। वे लोग वैसे ही प्रत्याशियों को मतदान करेंगी जो उनसे जुड़े मुद्दों पर काम करने का वादा करेंगे। एक छात्रा ने कहा कि स्मार्ट सिटी सिर्फ कहने को है। कोई नेता उसपर हो रहे काम को नहीं देख रहा। सिर्फ जनता के करोड़ों रुपये के  वारे-न्यारे हो रहे हैं।

कार्यक्रम में मौजूद प्रियंका ने कहा कि महिलाओं को बेचारी वाले नजरिये से न देखा जाए। उन्हें भी पुरुषों के बराबर का हक दिलाने वाला नेता चाहिए। साक्षी ने कहा कि भागलपुर में एक अनुशासित, सुरक्षित माहौल पैदा करने वाले नेता की जरूरत है। सरकारी स्कूलों पर नेता ध्यान नहीं देते हैं। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की सिर्फ बात होती है। काम नहीं होता है। सरकार कई योजनाएं बनाती तो हैं लेकिन उसका लाभ तो दूर, जनता को उसकी जानकारी भी नहीं मिल पाती है। प्रत्याशी चुनाव जीत कर चले जाते हैं। हमें ऐसे प्रत्याशी चुनना चाहिए जो चुनाव के बाद भी हमारे साथ रहे। हमारे बीच काम करे। हमारे सुख-दु:ख का साथी हो। सिर्फ चुनाव के दौरान ही जनता के बीच न दिखे। इसका परिणाम यह होता है कि हमें फिर से पांच साल तक इंतजार करना पड़ता है।

स्कूली शिक्षा में सुधार लाएं नेता
कार्यक्रम में मौजूद वक्ताओं ने कहा कि 90 फीसदी से अधिक छात्र-छात्राएं सरकारी स्कूलों में पढ़ते हैं, लेकिन उसपर किसी का ध्यान नहीं है। नेता उसपर कभी चर्चा तक नहीं करते हैं।  हमें जनप्रतिनिधि का चुनाव सोच-समझ कर करना होगा।

डॉक्टरों की फीस कम कराएं नेता
छात्राओं ने कहा कि भागलपुर के डॉक्टरों की फीस दिल्ली के डॉक्टरों से भी ज्यादा है। उसे कम कराने के लिए एक नेता ने काम किया है। भागलपुर के जो प्रत्याशी काम करेगा उसी को मतदान करेंगे। आखिर गरीब कहां जाएंगे।

उद्देश्य पूरा कराने वाले को चुनेंगे
छात्राओं ने कहा कि कॉलेजों में शिक्षा व्यवस्था की हालत काफी बुरी है। न तो पर्याप्त शिक्षक हैं और न पर्याप्त संसाधन। आखिर हम छात्राएं कबतक इसे बर्दाश्त करते रहेंगे। जिस उद्देश्य से घर छोड़कर यहां आए हैं, उसे पूरा कराने वाले नेता को चुनेंगे।

प्लेसमेंट के लिए कोई व्यवस्था हो
छात्राओं ने अपनी एक बेबसी को सामने रखा और कहा कि हम लोग सिर्फ डिग्री लेकर घर जाते हैं। चाहें नंबर 80 फीसदी ही क्यों नहीं आए। यहां प्लेसमेंट के लिए कोई व्यवस्था नहीं कराई जाती है। इसके लिए व्यवस्था होनी चाहिए।

शिक्षित हों हमारे नेता
टीएनबी कॉलेज की शिक्षिका डॉ. श्वेता पाठक ने कहा कि हमारा नेता शिक्षित हो और वह शिक्षा के महत्व को समझ सके। वैसे प्रत्याशी को ही जीतकर आना चाहिए। इससे वह शिक्षा के क्षेत्र में विकास के लिए काम करेंगे और हमारे समाज का भी विकास होगा। हमारा प्रत्याशी शिक्षित होगा तो सरकार की नई योजनाओं की जानकारी रखेंगे। वह उन योजनाओं को हमतक पहुंचाएंगे और उसका लाभ भी पहुंचाएंगे। इतना ही नहीं, महिलाओं की सुरक्षा को भी वह सुनिश्चित कराने का वादा करें, तभी हम उन्हें वोट देंगे। प्रतिनिधियों के चयन में सावधानी बरतनी चाहिए।

स्वास्थ्य सुविधाओं में गांव पीछे
भागलपुर के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाएं काफी पिछड़ी हुई हैं। खासकर महिलाओं के लिए बाहर जाकर इलाज कराना बहुत मुश्किल होता है। यह हर व्यक्ति के लिए आवश्यक है। हमें वैसे प्रत्याशियों को चुनना चाहिए जो अपने घोषणा पत्र में इन विषयों को मुद्दा बनाए। जिला अस्पताल सहित गांवों के अस्पतालों की व्यवस्था को सुदृढ़ करें। इन सुविधाओं के नहीं होने से पुरुष तो बाहर जाकर इलाज करा लेते हैं, लेकिन महिलाओं को इसमें काफी परेशानी होती है। हर महिलाओं को इन विषयों पर सोचकर मतदान करना चाहिए। स्वास्थ्य सुविधाओं की महिलाओं को जरूरत भी ज्यादा होती है।

खेती में महिलाएं हों आगे
छात्राओं ने कहा कि भागलपुर और आसपास का पूरा इलाका कृषि प्रधान इलाका है, लेकिन खेती में आज भी यहां की महिलाएं बहुत पिछड़ी हैं। हमारे प्रत्याशी वैसे आने चाहिए जो खेती में महिलाओं को बढ़ावा देने के लिए काम करे। खेती में महिलाएं आगे बढ़ेंगी तो तस्वीर बदल जाएगी। इससे न सिर्फ उत्पादन बढ़ेगा, बल्कि महिलाएं भी पुरुषों के बराबरी में आ जाएंगी और आत्मनिर्भर बन सकेंगी। जब हर क्षेत्र में महिलाएं पुरुषों की तरह काम कर रही हैं तो खेती में क्यों नहीं कर सकती हैं। महिलाओं के खेती से जुड़ने से उत्पादन भी बढ़ सकता है।

आरक्षण का तरीका बदले
हमें वैसे प्रत्याशियों को मतदान करना चाहिए जो शिक्षा के क्षेत्र में आरक्षण देने के तरीके में बदलाव करने के लिए संसद में आवाज उठाए। अंजली ने कहा कि शिक्षा में आरक्षण जाति आधार पर नहीं मिलना चाहिए। यदि कोई महिला गरीब है और टैलेंटेड है तो उसे हर क्षेत्र में आरक्षण मिलना चाहिए। हमारे वैसे प्रत्याशी जो इस मद्दे को संसद में उठाने का वादा करे। हमें चाहिए कि हम उन्हें ही वोट दें। हमें अपने प्रत्याशियों से इस बात को उठाने की मांग भी करनी चाहिए। छात्राओं को काम करने वाले प्रत्याशियों की पहचान कर वोट देना चाहिए।
 

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