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34 प्रतिशत टीबी मरीजों व गर्भवतियों की नहीं होती एचआईवी जांच

विश्व एड्स दिवस एक दिसंबर यानी रविवार को है, इसलिए दो दिसंबर सोमवार को इसके उपलक्ष्य में मेडिसिन विभाग के सभागार में सेमिनार का आयोजन किया जायेगा। यह जानकारी शुक्रवार को जेएलएनएमसीएच स्थित मेडिसिन...

34 प्रतिशत टीबी मरीजों व गर्भवतियों की नहीं होती एचआईवी जांच
हिन्दुस्तान टीम,भागलपुरFri, 29 Nov 2019 07:16 PM
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विश्व एड्स दिवस एक दिसंबर यानी रविवार को है, इसलिए दो दिसंबर सोमवार को इसके उपलक्ष्य में मेडिसिन विभाग के सभागार में सेमिनार का आयोजन किया जायेगा। यह जानकारी शुक्रवार को जेएलएनएमसीएच स्थित मेडिसिन विभाग में आयोजित पत्रकारवार्ता में एआरटी के नोडल पदाधिकारी डॉ. अविलेष कुमार ने कहा।

उन्होंने कहा कि एचआईवी मरीजों के लिए एआरटी सेंटर में वायरल लोड व सीडी 4 काउंट की सुविधा है। चेस्ट एंड रेसिपिरेटरी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. डीपी सिंह ने कहा कि सरकार द्वारा लागू नियम के अनुसार, प्रत्येक गर्भवती महिला एवं टीबी मरीज की एचआईवी जांच करायी जानी चाहिए। सरकारी अस्पतालों में तो इस नियम का शत प्रतिशत पालन होता है लेकिन निजी क्लीनिक एवं अस्पतालों में इलाज करा रहे 34 प्रतिशत टीबी मरीज एवं गर्भवती महिलाओं की एचआईवी जांच नहीं करायी जाती है।

मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. विनय कुमार ने कहा कि एचआईवी मरीजों का जितना जल्दी इलाज शुरू होगा उनके रिकवरी होने की संभावना उतनी ही ज्यादा होगी। एआरटी सेंटर के वरीय चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. विजय कृष्ण सिंह ने कहा कि इस साल एआरटी सेंटर पर एड्स का इलाज करा रही गर्भवती महिलाओं से पैदा हुआ एक भी नवजात एचआईवी के शिकार नहीं हुए।

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