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कोसी और सीमांचल में बाढ़ की स्थिति विकराल, सड़क व रेल सेवा ठप

कोसी और सीमांचल के जिलों में बाढ़ की स्थिति लगातार विकराल होती जा रही है। कई नये इलाकों में पानी फैल गया है। हजारों लोग घरों की छत और अन्य ऊंची जगहों पर खुले आसमान के नीचे शरण लिए हुए हैं। बाढ़ के कारण...

कोसी और सीमांचल में बाढ़ की स्थिति विकराल, सड़क व रेल सेवा ठप
हिन्दुस्तान टीम,भागलपुर,Tue, 15 Aug 2017 09:30 PM
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कोसी और सीमांचल के जिलों में बाढ़ की स्थिति लगातार विकराल होती जा रही है। कई नये इलाकों में पानी फैल गया है। हजारों लोग घरों की छत और अन्य ऊंची जगहों पर खुले आसमान के नीचे शरण लिए हुए हैं। बाढ़ के कारण लगातार तीसरे दिन पूर्वोत्तर राज्यों का रेल व सड़क संपर्क बिहार व दिल्ली से टूटा हुआ है। इस बीच मौसम विभाग ने भविष्यवाणी की है कि अगले 24 घंटे में कई जिलों में भारी बारिश हो सकती है।


बाढ़ प्रभावित जिलों में बिजली और फोन नेटवर्क के काम नहीं करने से भी लोगों को काफी परेशानी हो रही है। मंगलवार को इन जिलों में करीब एक दर्जन लोगों की डूबने से मौत हो गई। इसमें अकेले सुपौल में छह लोगों की मौत हुई है। पूर्णिया के जलागढ़ और कटिहार में एक-एक व्यक्ति की मौत होने की सूचना है। अररिया से भी तीन लोगों के डूबने की सूचना है। बाढ़ के कारण सहरसा और पूर्णिया के बीच सरसी के पास रेल ट्रैक पर पानी आने के कारण रेल सेवा ठप हो गई है। वहीं, सहरसा-पूर्णिया एनएच 107 पर पानी बहने के कारण सड़क मार्ग से भी आवागमन ठप हो गया है।

इस तरह कोसी का सीमांचल से रेल व सड़क संपर्क पूरी तरह टूट गया है। अररिया की स्थिति ज्यादा भयावह है। वहां शहरी क्षेत्रों में भी पानी भरा हुआ है। इस कारण लोग त्राहिमाम की स्थिति में हैं।

कटिहार के कुरसेला और अररिया के फारबिसगंज के बीच स्टेट हाईवे पर रानीगंज के समीप तीन फुट पानी बह रहा है। कोसी, महानंदा और कनकई नदी में लगातार पानी बढ़ने से लोग दहशत में हैं। 


जरूरतमंदों तक राहत सामग्री पहुंचाने के लिए नागरिक प्रशासन के अलावा सेना के जवान भी युद्धस्तर पर काम कर रहे हैं। हालांकि कई इलाकों में पानी ज्यादा होने और नावों की कम संख्या होने के कारण राहत कार्य में परेशानी हो रही है। मंगलवार को अररिया, पूर्णिया और कटिहार के जिलाधिकारियों ने बाढ़ग्रस्त इलाकों का हवाई सर्वेक्षण कर स्थिति का जायजा लिया व इसकी रिपोर्ट मुख्यालय को भेजी है। 


इस बीच सुपौल से थोड़ी राहत की बात यह कि वहां पानी कम हुआ है। लेकिन कोसी के अन्य जिले सहरसा और मधेपुरा में स्थिति ज्यादा गंभीर है। यहां स्थानीय नदियां भी उफान पर हैं। कई जगहों पर सड़कें टूट गई हैं। इस कारण कई गांवों का आपसी संपर्क भंग हो गया है। 


कटिहार के बाढ़ पीड़ित लोगों ने बताया कि सूखा राशन व पॉलीथिन बांटी जा रही है लेकिन प्रशासन की ओर से दी जा रही राहत सामग्री काफी कम है। वहीं, कई जगहों से लोगों ने यह शिकायत भी की है कि उनके इलाके में राहत सामग्री नहीं पहुंची है। 


 
  

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