संक्रमण से बचने के लिए बच्चे से वृद्ध तक कर रहे योगासन (पेज चार की फ्लायर खबर)
सुबह चार बजते ही आसपास के घरों की छतों पर सुनाई पड़ने लगती है आवाज, पूरा परिवार होता है जमा, कोई टहलने तो काई योगासन करने में हो जाते है...
सुबह चार बजते ही आसपास के घरों की छतों पर सुनाई पड़ने लगती है आवाज
पूरा परिवार होता है जमा, कोई टहलने तो काई योगासन करने में हो जाते है व्यस्त
भभुआ। एक प्रतिनिधि
कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन की वजह से लोग घरों में रह रहे हैं। घर में रहने और कोई काम नहीं होने की वजह से उनका शारीरीक व्यायाम नहीं हो पाता है। उनकी अहले सुबह नींद खुल जाती है। फिर वह एक साथ या तो मॉर्निंग वाक में निकलते हैं या फिर अपने घरों की छत पर व्यायाम व योगासन करते हैं। सूर्य की पहली किरण में व्यायाम कर शरीर में इम्युनिटी बढ़ाने के लिए लोग व्यायाम करते हैं। शहर के अधिकांश घरों की छत पर लोगों को व्यायाम करते देखा जा रहा है। उधर, ग्रामीण इलाकों में लोग पास के बाग-बागीचे में जाकर व्यायाम कर रहे हैं।
शहर के वार्ड एक के विनोद तिवारी, विजय बहादुर ठाकुर, सतीश लाल श्रीवास्तव, रविन्द्र सिंह, मनीष कुमार सिंह, अवधेश कुमार आदि ने बताया कि कोरोना काल में ज्यादा समय घर में बीत रहा है। बहुत जरुरी होने पर आसपास की दुकान से समान लेने जाना होता है। पूरे दिन घर में रहने से दिन में भोजन करने के बाद सो लिया जाता है। इस कारण रात में नींद कम आती है। अहले सुबह नींद खुल जाती है। फिर नित्यक्रिया से निबटने के बाद परिवार के सभी सदस्य घर की छत पर जमा हो जाते हैं। कुछ देर टहलने के बाद हमलोग सामूहिक व्यायाम करते हैं।
उपेन्द्र सिंह ने बताया कि कभी-कभी सुबह नींद नहीं खुलती है तो आसपास की छतों पर टहलने के दौरान लोगों की आपस में बात करने या ठहाका लगाने की आवाज सुनकर नींद खुल जाती है। युवा प्रदीप कुमार, मुकेश कुमार, आशु राज, मनोज सिंह आदि ने बताया कि कोरोना काल होने से इस समय हमलोग खेल मैदान में नहीं जा रहे हैं। घर की छत पर ही व्यायाम कर लेते हैं। उन्होंने बताया कि सामान्य दिनों में हमलोग खेल मैदान जाकर दौड़ते और खेलते-कूदते थे, जिससे थोड़ी थकान होती थी। छत पर उतना नहीं थक पाते हैं।
गांव के बागीचे में करते हैं योगासन व प्राणायाम
उन्होंने बताया कि योगासन व प्राणायाम करने से शरीर की तंदरूस्ती व स्वसन क्रिया ठीक रहती है। वहीं ग्रामीण इलाकों के रहने वाले मुरारी सिंह, रामाकांत तिवारी, धर्मेंद्र तिवारी, रामेश्वर चौरसिया आदि ने बताया कि सुबह जगने के बाद नित्यक्रिया कर पास के बागीचे में जाकर योगासन करते हैं, ताकि शरीर की तंदुरुस्ती व श्वसन क्रिया ठीक रहे। कारण कि सुबह निकलने से ताजी हवा मिलती है। वातारण बिल्कुल शांत रहता है। आराम से योगासन करने के बाद लंबा श्वास लेते हैं, ताकि कोरोना का खतरा कम से कम हो।
फोन कर योगासन की ले हैं जानकारी
योग शिक्षक नीलमणी, कुमार, अखिलेश सिंह, निरंजन कुमार सिंह, हरिगोविन्द सिंह, अवध नारायण चौबे आदि ने बताया कि कोरोना संक्रमण के बढ़े प्रभाव को लेकर लोग फोन पर श्वसन संबंधी व्यायाम करने की सलाह ले रहे हैं। शरीर की तंदुरुस्ती को ले लोग इस समय व्यायाम, योगासन, प्राणायाम आदि पर विशेष ध्यान दे रहे हैं।
विडियो क्लीप से सीख रहे योगासन
फोन करने वालों को योग शिक्षकों द्वारा प्रणायाम में कपाल भाती, अनुलोम-विलोम, भत्रिका और योगासन में मयूराशन, उस्टाशन, सर्वांग आशन, मंडुकाशन, शस्कासन, वकरासन, घोमुआवन, भुजंगाशन आदि करने की सलाह दी जाती है। योग शिक्षकों ने बताया कि कुछ लोग इसका विडियो मांगते हैं तो सुबह के अपने व्यायाम करने का वीडियो बनाकर उन्हें भेजा जाता है।
फोटो- 21 मई भभुआ- 6
कैप्शन- कोरोना काल में समाहरणालय के पीछे कृषि विभाग के समीप योगासन करते लोग।