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हर पल दर्द की दास्तां में छिपा है गोल्डेन गर्ल अन्नू की सफलता का राज (युवा पेज की लीड खबर)

विश्व कुश्ती दिवस, झोली में 15 गोल्ड मेडल समेत कई खिताब व सम्मान पर अपने ही आंगन में कैमूर की बेटी उपेक्षित झोली में 15 गोल्ड मेडल समेत कई खिताब व सम्मान पर अपने ही आंगन में कैमूर की बेटी...

हर पल दर्द की दास्तां में छिपा है गोल्डेन गर्ल अन्नू की सफलता का राज (युवा पेज की लीड खबर)
हिन्दुस्तान टीम,भभुआSat, 22 May 2021 07:50 PM
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विश्व कुश्ती दिवस

समाज की दुआएं और खुद के संघर्ष व हौसले से गढ़ा हूनर, गरीबी ने पग-पग पर खड़ी की बाधा

झोली में 15 गोल्ड मेडल समेत कई खिताब व सम्मान पर अपने ही आंगन में कैमूर की बेटी उपेक्षित

मिट्टी के अखाड़े में करती है अभ्यास, कैमूर व्यायामशाला में अभ्यास की भी नहीं है इजाजत

रामगढ़। एक संवाददाता

कैमूर की बेटी व राष्ट्रीय महिला पहलवान अन्नू गुप्ता अभी जबरदस्त फॉर्म में है। बिहार कुमारी खिताब जीतने के बाद उसने सोमवार को महिला शाहाबाद केसरी का ताज भी झटक लिया। बावजूद इसके इस प्रतिभावान महिला खिलाड़ी के संघर्ष का एक कठोर सच यह है कि हमेशा जीतती है मेडल और पुरस्कार के पैसों से करती है रोजी- रोटी का इंतजाम। वाकई हर पल दर्द की दास्तां में छिपा है अन्नू की सफलता का राज। गरीबी ने पग-पग पर बाधा खड़ी की।

दो वर्ष पहले प्रखंड के बंदीपुर स्थित रतनपुरी धाम में अन्नू गुप्ता ने अपने से अधिक वजन के पुरुष पहलवान के पसीने छुड़ा दिए थे। तब उसके कौशल व जबरदस्त हौसले से गदगद दर्शकों ने पुरस्कार की ऐसी बौछार की कि अन्नू को उसे अंगोछे में संभालना पड़ा। कैमूर केसरी, शाहाबाद केसरी व बिहार कुमारी का डबल खिताब जीतना कोई तुर्रा नहीं। बावजूद स्टेट कुश्ती में 15 गोल्ड मेडल जीतने वाली गोल्डेन गर्ल खुराक व अच्छे संस्थान में प्रशिक्षण के लिए तरसती भी है। मिट्टी के अखाड़े में अभ्यास करती है।

कारण कैमूर व्यायामशाला में महिला पहलवानों को अभ्यास की इजाजत नहीं है। बिहार कुमारी खिताब जीतने के लिए उसे मिर्जापुर के डीआईजी अखाड़े में प्रशिक्षण लेना पड़ा। जिले में गोल्डेन गर्ल उपनाम से चर्चित अन्नू 14 बार राष्ट्रीय कुश्ती में हिस्सा ले चुकी है। वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय की यह चैंपियन पहलवान जीबी कॉलेज की स्नातक प्रथम वर्ष की छात्रा है। दुर्गावती प्रखंड के आदर्श नुआंव की विद्या देवी व भगवान साह की यह पुत्री गरीबी में कठिन संघर्ष करते हुए सफलता की नई परिभाषा गढ़ती जा रही है।

इसकी उपलब्धियों व सफलता के कारण इसे माई मुंडेश्वरी नारी सशक्तिकरण अवार्ड, वीकेएसयू का चैंपियन अवार्ड व सारस्वत सम्मान से भी नवाजा गया है। लेकिन, शासन- प्रशासन की ओर से सुविधा मिलने का अभी भी इंतजार है।

कोरोना काल में बिहार कुमारी ने बुलंद किया इंसानियत का झंडा

रामगढ़। राष्ट्रीय महिला पहलवान अन्नू गुप्ता कुश्ती के अखाड़े में तो अपनी प्रतिभा का लोहा तो मनवाया ही, कोरोना काल में उसने जिंदगी के अखाड़े में भी इंसानियत का झंडा बुलंद किया। उसने अपनी खुराक के लिए रखे पुरस्कार के पैसों से मास्क व सेनेटाइजर का वितरण कर दिखा दिया कि सेवा का जज्बा हो तो गरीबी आड़े नहीं आती। दो माह पहले ही उसने कुश्ती में बिहार कुमारी व शाहाबाद केसरी का खिताब जीता। दोनों खिताब जीतने पर उसे बतौर पुरस्कार 40 हजार मिले थे। इस पैसे को अपने खुराक के लिए संभाल कर रखी थी। उसमें से दस हजार रुपए खर्च कर ककरैत- दुर्गावती पथ पर पुलिस चेकपोस्ट के पास व अगल बगल की बस्तियों में जाकर मास्क, सेनेटाइजर व बच्चों में बिस्किट का वितरण किया।

फोटो 22 मई मोहनिया 1

फ़ोटो परिचय- वेट लिफ्टिंग करती राष्ट्रीय महिला पहलवान व बिहार कुमारी अन्नू गुप्ता।

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