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ब्लड लगे गंदे टेबल पर ड्रेसिंग किए जाने से इंफेक्शन का खतरा-

मरीजों के घाव की ड्रेसिंग करने वाले टेबल की प्रतिदिन नहीं की जाती है सफाई लोहे के जंग लगे टेबल पर बिछाए गए प्लास्टिक रबर पर लगा रहता है...

ब्लड लगे गंदे टेबल पर ड्रेसिंग किए जाने से इंफेक्शन का खतरा-
हिन्दुस्तान टीम,भभुआSun, 22 May 2022 08:40 PM
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मरीजों के घाव की ड्रेसिंग करने वाले टेबल की प्रतिदिन नहीं की जाती है सफाई

लोहे के जंग लगे टेबल पर बिछाए गए प्लास्टिक रबर पर लगा रहता है ब्लड

ग्राफिक्स

07लाख प्रतिमाह सदर अस्पताल की सफाई पर होता हैं खर्च

50हजार रुपया प्रतिमाह चादर की घुलाई पर होता है खर्च

भभुआ। हिन्दुस्तान प्रतिनिधि

सदर अस्पताल के इमरजेंसी में आने वाले चोटिल मरीजो को गंदे टेबल पर सुलाकर उनके घाव का ड्रेसिंग किए जाने से इंफेक्सन का खतरा बना रहता है। मरीजो के घाव का ड्रेसिंग करने वाले लोहे के टेबल का प्रतिदिन स्वास्थ्य कर्मियो द्वारा सफाई नही किया जाता है। जिसके कारण ड्रेसिंग टेबल पर पुराना गंदा ब्लड लगा रहता है। यहां तक कि ड्रेसिंग वाले लोहे के टेबल में जंग भी लगा है। ड्रेसिंग टेबल सहित उसके उपर बिछाए गया मोटा प्लास्टिक गंदा रहने से मरीजो के नए घाव में ब्लड ट्रच करने से इंफेक्सन फैलने की आशंका प्रबल रहती है। जबकि एक मरीज का ड्रेसिंग करने के बाद टेबल की बेहतर सफाई होनी चाहिए ,जिससे दुसरे मरीजों में इंफेक्सन का खतरा न हो सके। सफाई कर्मियो द्वारा प्रतिदिन ड्रेसिंग रुम की सफाई की जाती हैं लेकिन ड्रेसिंग टेबल व पानी वाले बेसिन की सफाई नही होती है। जिसके कारण अक्सर टेबल व पानी के नल वाले बेसिन में गंदगी फैली रहती है। इसी तरह सदर अस्पताल के प्रसव वाले कक्ष के टेबलो पर भी गंदगी फैली रहती है,जिसकी बेहतर सफाई नही होती है। नाम न छापने की शर्त पर स्वास्थ्य कर्मियो का कहना है कि वे लोग अपने समय से आते है और ड्रेसिंग कार्य कर समय से चले जाते है। उनके पास ड्रेसिंग टेबल व पानी वाले बेसिन की सफाई करने का समय नही रहता है। अस्पताल के सभी वार्डो की सफाई करने की जिम्मेवारी संवेदक को दिया गया है। संवेदक द्वारा महिलाओ को सदर अस्पताल की सफाई करने के लिए रखा गया है,लेकिन वे लोग बेहतर सफाई नही कर पाती है।

सदर अस्पताल की सफाई पर प्रतिमाह खर्च होता हैं सात लाख रुपए

भभुआ। सदर अस्पताल की सफाई पर प्रतिमाह लगभग सात लाख रुपए खर्च सरकार द्वारा किया जाता है। सरकार के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग संविदा पर विजन टेक्नोकेप्स प्राइवेट लिमिटेड के संवेदक को सफाई का जिम्मा सौपा है। संवेदक द्वारा प्रतिमाह सात लाख रुपए सफाई पर खर्च दिखाकर पैसा निकाल लिया जाता है। वही सदर अस्पताल में भर्ती मरीजो के बेड पर बिछाए जाने वाले चादर की घुलाई पर प्रतिमाह 50हजार रुपया खर्च होता है। लेकिन सदर अस्पताल के भर्ती वार्ड,इमरजेंसी, शौचालय सहित कई स्थानो पर बराबर गंदगी फैली रहती है। जिससे अस्पताल में आने वाले मरीज व उनके परिजनो को गंदगी से परेशानी होती है। हि.प्र.

सदर अस्पताल के पीछे खुले में बह रहा गंदा पानी

भभुआ। जिला मुख्यालय स्थित सदर अस्पताल परिसर में खुले नाले सहित कई जगहो पर गंदगी फैली है। जिससे मरीज व उनके परिजनो के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। सदर अस्पताल के मुख्य भवन के पीछे नाली की समुचित व्यवस्था नही रहने से अस्पताल का गंदा पानी खुले में बह रहा है। सौ शय्या वाले भवन के दुसरे मंजिल से गंदा पानी खुले में गिर रहा है। गंदे पानी के बहाव के लिए नाली की समुचित व्यवस्था नही होने से खुले में बह रहा है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग जलनिकासी की समुचित व्यवस्था के लिए नाली निर्माण कराए जाने की बात कही जा रही है। सदर अस्पताल के भर्ती वार्ड में रखे गए प्लास्टिक कुड़ादान से प्रतिदिन समय से कचरे का उठाव नही किया जाता है। हि.प्र.

कोट

संवेदक को सदर अस्पताल की बेहतर सफाई का निर्देश दिया गया है। कभी कभी जांच में गंदगी पाए जाने पर संवेदक से राशि की कटौती की जाती है। फिर भी संवेदक को चेतावनी दी गई है कि सफाई में सुधार नही लाया गया तो कार्रवाई की जाएगी।

डा.शितेश कुमार ,प्रभारी उपाधीक्षक ,सदर अस्पताल

फोटो परिचय

22-भभुआ-1-सदर अस्पताल के इमरजेंसी स्थित ड्रेसिंग रुम में ब्लड लगे गंदे टेबल पर किया जा रहा मरीज का ड्रेसिंग

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