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एंबुलेंसकर्मियों ने स्वास्थ्य समिति दफ्तर में जड़ा ताला

जिले भर के एम्बुलेंसकर्मी बुधवार को जिला स्वास्थ्य समिति कार्यालय में तालाबंदी कर धरने पर बैठ गये। एंबुलेंस वाहनों में आई मामूली खराबी की मरम्मत कराने को डीएचएस के पास पैसे नहीं हैं। ऐसे में जिले भर...

एंबुलेंसकर्मियों ने स्वास्थ्य समिति दफ्तर में जड़ा ताला
हिन्दुस्तान टीम,नवादाWed, 22 Nov 2017 07:39 PM
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जिले भर के एम्बुलेंसकर्मी बुधवार को जिला स्वास्थ्य समिति कार्यालय में तालाबंदी कर धरने पर बैठ गये। एंबुलेंस वाहनों में आई मामूली खराबी की मरम्मत कराने को डीएचएस के पास पैसे नहीं हैं। ऐसे में जिले भर के अस्पतालों व पीएचसी में मरीजों को यातायात सेवा मुहैया कराने वाले लगभग सभी एंबुलेंस वर्कशॉप में बेकार पड़े है। एंबुलेसकर्मियों ने कई बार इसकी जानकारी सिविल सर्जन को दी। बावजूद जिला स्वास्थ्य समिति ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया। पैसे के अभाव व उपेक्षा से तंग आकर एंबुलेंसकर्मियों ने डीएचएस में तालाबंदी कर स्वास्थ्य प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। तालाबंदी के बाद डीएचएस में दिनभर कामकाज पूरी तरह से ठप रहा। इस दौरान डीएचएस कर्मी भी नदारद दिखे।

मांगो की उपेक्षा से भी आक्रोशित हैं एंबुलेंसकर्मी

एंबुलेंसकर्मी नियमित बहाली, वेतन भुगतान, पेट्रो कार्ड जैसी मांगों को लेकर आक्रोशित नजर आये। एंबुलेंसकर्मियों ने बताया कि जिले भर के 102 एंबुलेंस को मेसर्स कंसोटियम पशुपतिनाथ डिस्ट्रीबियूटर्स प्रा. लि. व सम्मान फाउंडेशन को हस्तांतरित कर दिया गया है। अनुबंध के बाद से ही एम्बुलेंसकर्मियों को समय पर वेतन भुगतान, पेट्रो कार्ड व नियमित बहाली की मांग को दरकिनार कर दिया गया। इसपर कर्मियों ने पिछले महीने काम करना बंद कर दिया था। जिला प्रशासन व स्वास्थ्य प्रबंधन के साथ पिछले महीने 12 अक्टूबर को हुई बैठक के बाद भी कंपनी ने एंबुलेंसकर्मियों की समस्या निराकरण पर कोई खास ध्यान नहीं दिया।

मरीजों की सुविधा में बरती जाने लगी अनियमितता

कंपनी मरीजों को दी जाने वाले यातायात सुविधा में भी अनियमितता बरतने लगी। एंबुलेंसवाहन के लिए 102 नंबर पर कॉल करने पर जवाब देना बंद कर दिया गया है। जिले में कंपनी के बहाल प्रतिनिधि भी वापस चले गये। महीने भर से छोटी मोटी खराबी के चलते अधिकतर एंबुलेंस वर्कशॉप में ही खङे है। एंबुलेंस में लगने वाला तेल भी कर्मी अपने पैसों से डलवा रहे थे। कर्मियों के बकाये वेतन का भी भुगतान नहीं किया गया है। ऐसे में अजीज एंबुलेंसकर्मी वाहन खड़ा कर धरना प्रदर्शन पर उतर आये।

स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ेगा गहरा असर

सरकार ने मरीजों की सुविधा के लिए 102, 108 व 1099 एबुंलेस सेवा मुहैया कराया है। जिले में 102 के 18,108 व 1099 का 1-1 एबुंलेंस काम करता है। ये एबुंलेंस मरीजों को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से जिला अस्पताल व राज्य के बङे अस्पतालों तक पहुंचाने को काम करते हैं। इसके तहत गर्भवती महिला, नवजात शिशु, वरिष्ठ नागरिक, बीपीएल कार्डधारी व गंभीर रोग से पीङित मरीजों को मुफ्त सेवा दी जाती है। चालक व तकनीशियन के अचानक काम बंद करने से जिले की स्वास्थ्य सेवाओं पर गहरा असर पङेगा। मरीजों को प्राइवेट एबुंलेंस के लिए अधिक पैसे खर्च करने पङेंगे। साथ ही दूरदराज के गांवों से आने वाले मरीजों को फजीहत उठानी पङेगी। धरना प्रदर्शन में जनार्दन कुमार, रविभूषण कुमार, मुकेश कुमार, चुन्नू सिंह, वाल्मिकी यादव, दीपक, विवेक, मिथिलेश, राजेश सहित कई कर्मी उपस्थित थे।

वर्जन

राज्य सरकार ने कंपनी के साथ अनुबंध किया है। स्वास्थ्य प्रबंधन ने विभागीय पत्राचार के तहत सभी वरीय पदाधिकारी को जानकारी दी है। इधर कुछ दिनों से कंपनी के अधिकारियों ने फोन उठाना भी बंद कर दिया है। ऐसे में समस्या निराकरण में परेशानी आ रही है।

- डॉ. श्रीनाथ प्रसाद, सिविल सर्जन, नवादा

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एंबुलेंसकर्मियों से मिलकर उनकी समस्या पर बातचीत की गयी। इसकी जानकारी जिला पदाधिकारी को भी दे दी गयी है। जल्द ही सही दिशा में पहल करके समस्या का हल निकाल लिया जायेगा। मरीजों को होने वाली असुविधा को जल्द ही दूर किया जायेगा। - वीरेंद्र कुमार, जिला भूमि सुधार उप समाहर्ता सह प्रभारी सदर एसडीओ

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