कैमूर में ग्रामीण हाट निर्माण के लिए अभी तक नहीं मिली भूमि
कैमूर जिले में हर प्रखंड मुख्यालय पर ग्रामीण हाट बनाने की योजना है, लेकिन भूमि आवंटन में बाधा के कारण निर्माण कार्य रुका हुआ है। मनरेगा योजना के तहत सभी 146 पंचायतों में हाट का निर्माण होना है, जिससे...

प्रथम चरण में जिले के हर प्रखंड मुख्यालय में बाजार खोलने की बनी थी योजना ग्रामीण स्तर पर हाट बनाने से स्थानीय उत्पादन को मिल सकेगा उचित मूल्य भभुआ, हिंदुस्तान संवाददाता। कैमूर जिले में भूमि आवंटन के आभाव में ग्रामीण हाट का निर्माण नहीं हो पा रहा है। मनरेगा योजना से पायलट प्रोजेक्ट के तहत जिले के सभी 146 पंचायतों में ग्रामीण हाट निर्माण का कार्य कराया जाना है। प्रशासनिक सूत्रों की माने तो पिछले एक साल से जिला प्रशासन द्वारा पहले चरण में जिले के सभी 11 प्रखंडों की एक-एक पंचायतों में हाट निर्माण के लिए योजना तैयार किया गया है। इसके बाद सभी पंचायतों में ग्रामीण हाट स्थापित करने की योजना बनाई गई है। मनरेगा विभाग द्वारा डीएम व डीडीसी के माध्यम से सभी सीओ से हाट निर्माण के लिए भूमि मुहैया कराने का निर्देश दिया गया है। लेकिन अचलाधिकारियो के द्वारा भूमि मुहैया नहीं कराया गया। जिला प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार ग्रामीण हाट का निर्माण होने से जिले के किसानों को काफी लाभ होगा। किसान अपनी उपज सीधे इस हाट में लाकर बिक्री कर सकेगे, जिससे उन्हें उपज का उचित मूल्य मिलेगा। ग्रामीण हाट के आभाव में जिले के किसान फिलहाल अपनी उपज बाजारों में ले जाकर बेचते हैं। खेत से बाजार में उपज ले जाने पर बिचौलिए व अढ़तियां उनकी उपज की कीमत लगाकर कमीशन लेते हैं। इससे किसानों को उनकी उपज का उचित दाम नहीं मिल पाता है। हाट तक आने-जाने को बनानी है सड़क भभुआ। हाट निर्माण के साथ-साथ जिला प्रशासन द्वारा संबंधित विभाग के माध्यम से वहां तक आने-जाने के लिए सड़क का निर्माण कराया जाएगा, ताकि किसान अपनी उपज आसानी से हाट तक लेकर आ-जा सकें। हाट स्थल तक प्रशासन द्वारा संबंधित विभागों के माध्यम से शौचालय, पेयजल, प्रकाश आदि का बेहतर प्रबंध भी करेगा, ताकि हाट में समानों की खरीद-बिक्री करने के लिए आने वाले ग्राहकों व किसानों को किसी तरह की असुविधा नहीं हो सके। सामान खरीदने बाजार आते है लोग भभुआ। पंचायत स्तर पर हाट नहीं रहने के कारण ग्रामीण क्षेत्रों के लोग सामानों की खरीदारी के लिए लंबी दूरी तय कर बाजारों में आते हैं। बाजारों में आने-जाने के दौरान लोगों का समय नष्ट होता है। वाहन किराया व निजी वाहनों में ईंधन पर भी पैसे खर्च होते हैं। जिला प्रशासन द्वारा मनरेगा योजना के तहत जब पंचायत स्तर पर ग्रामीण हाटों का निर्माण करा दिया जाएगा, तब एक तरफ जहां लोगों को गांव के आसपास ही सामान मिल जाएगा, वहीं दूसरी तरफ किसानों को भी उनकी उपज का उचित लाभ मिलेगा। रोजगार व उत्पादन को बढ़ावा देना उद्देश्य भभुआ। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना से ग्रामीणों को रोजगार और स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ग्रामीण हाट स्थापित किया जाना है। अफसरों ने बताया कि सरकार के किसानों की आय दोगुनी करने के उद्देश्य के तहत यह योजना बनाई है, जिससे ग्रामीणों को अपना उत्पादन बेचने और खरीदने के लिए स्थानीय बाजार उपलब्ध हो सके। ग्रामीण अर्थ व्यवस्था होगी मजबूत भभुआ। ग्रामीण हाट एक खुला बाजार है, जो ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानीय उत्पादकों और खरीदारों के लिए एक व्यापार स्थल के रूप में कार्य करता है। इसका उपयोग छोटे व सीमांत किसानों, स्वयं सहायता समूहों, खुदरा विक्रेताओं द्वारा अपने अनाज, सब्जियों या अन्य अन्य उत्पाद को बेचने के लिए किया जाता है। यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण संपत्ति के रूप में उभरेगा। कोट पायलट प्रोजेक्ट के तहत मनरेगा योजना से जिले की सभी 146 पंचायतों में ग्रामीण हाट का निर्माण काराया जाएगा। जिले के सभी सीओ से हाट निर्माण के लिए भूमि मुहैया कराने का निर्देश दिया गया है। अभी तक भूमि उपलब्ध नहीं होने के कारण हाट निर्माण का कार्य प्रारंभ नहीं हो सका है। संजय कुमार सिंह, डीपीओ, मनरेगा फोटो-30 दिसम्बर भभुआ-05 कैप्शन-जिले के रामपुर प्रखण्ड के बेलांव बाजार में सामान की खरीदारी करते ग्रामीण
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।