नववर्ष को खास बनाने कैमूर की वादियों में आएंगे सैलानी (पेज चार की बॉटम खबर)
सरकार की ओर से पर्यटन स्थलों पर इको पार्क, कैंटीन, जलक्रीड़ा, मनोरंजन व अन्रू साधन उपलब्ध कराए गए हैं जंगल-पहाड़ के मध्य झीलें, जलप्रपात, डैम, मगरमच्छ घर देख हो जाते हैं रोमांचित

सरकार की ओर से पर्यटन स्थलों पर इको पार्क, कैंटीन, जलक्रीड़ा, मनोरंजन व अन्रू साधन उपलब्ध कराए गए हैं दुर्गावती जलाशय, करकटगढ़, तेल्हाड़ कुंड, जगदहवां डैम पर मनाते हैं पिकनिक जंगल-पहाड़ के मध्य झीलें, जलप्रपात, डैम, मगरमच्छ घर देख हो जाते हैं रोमांचित भभुआ, कार्यालय संवाददाता। नववर्ष को खास बनाने के लिए सैलानी पहली जनवरी को कैमूर की वादियों का लुफ्त उठाने आएंगे। भ्रमण करने व पिकनिक मनाने वालों की भीड़ जुटेगी। पहाड़ व जंगल क्षेत्र में दुर्गावती जलाशय, करकटगढ़ जलप्रपात, तेल्हाड़ कुंड जलप्रपात, जगदहवां डैम पर मेला लगता है। मुंडेश्वरी धाम में भी हजारों लोग पहुंचते हैं। उक्त पर्यटन स्थलों पर इको पार्क, कैंटीन, जलक्रीड़ा, मनोरंजन आदि के साधन उपलब्ध कराए गए हैं। उक्त सभी इलाके की पहचान 90 के दशक तक नक्सल प्रभावित के रूप में थी। लोग इसे लाल गलियारा कहा करते थे। कैमूर की पहाड़ियां एक तरफ उत्तर प्रदेश के सोनभद्र और नजदीक के मध्य प्रदेश तो दूसरी तरफ झारखंड से जुड़ी है। नक्सली घटनाओं को अंजाम दिकर इधर से उधर चले जाते थे। लेकिन, अब उनका अस्तित्व खत्म हो गया है और आज की तारीख में अपनी प्राकृतिक खूबसूरती की वजह से पहाड़ व जंगल से घिरा इलाका पर्यटकों के लिए लोकप्रिय है। अगर आप न्यू ईयर को खास बनाने के लिए स्पेशल प्लानिंग कर रहे हों तो कैमूर की वादियों की ओर रूख करें। पहाड़ की घाटियों, जंगली जानवर व सेल्फी प्लेस को देख आपका मन रोमांचित हो जाएगा। कैमूर की झीलें, जलप्रपात, डैम, मगरमच्छ घर और जंगल-पहाड़ से घिरे इलाके आपकी यात्रा को यादगार बना देंगे। कैमूर की वादियां आपका इंतजार कर रही हैं। जो एक बार यहां आया, वह बार-बार आना चाहता है। तेल्हाड़ कुंड जलप्रपात यह भभुआ-अधौरा मार्ग पर स्थित है। यहां तक पहुंचने के लिए कई पहाड़ी घाटी का चक्कर लगाकर पहुंचना पड़ता है। लेकिन, मार्ग बहुत ही सुगम है। यह जलप्रपात दुर्गावती नदी के उद्गम के पास से थोड़ी दूरी है। इसके चारों तरफ से हरा-भरा दृश्य है। दुर्गम पहाड़ियों से घिरा हुआ है। इस झरने की खास बात यह है कि इसका पानी हमेशा शीतल रहता है। करीब 80 मीटर की ऊंचाई से गिरते हुए इस झरने की खूबसूरती, चारों ओर की हरियाली, पंक्षियों की चहचहाहट और प्राकृतिक सुंदरता पर्यटकों का मन मोह लेती है। दुर्गावती जलाशय दुर्गावती जलाशय परियोजना के आसपास प्रकृति की सुंदर वादियों, कलकल बहती नदी की धारा, हरे-भरे पेड़, पंक्षियों की चहचहाहट, रेत पर नंगे पांव चलना, चट्टान पर घूमना पर्यटकों को खूब भाएगा। जलाशय में उछाल मारती मछलियां, कछुए व अन्य जलीय जंतुओं का नजदीक से दीदार कर सैलानी आनंदित हो सकेंगे। इस जल प्लावन क्षेत्र में नौका विहार के साथ जंगल सफारी व कैम्पिंग की भी सुविधा मिल सकती है। करकटगढ़ जलप्रपात इसे मगरमच्छ संरक्षण रिजर्व के तौर पर भी जाना जाता है। इसे युवा सेल्फी प्वाइंट मानते हैं, जो शांत वातावरण देखने के लिहाज से बेहद खास है। सैलानी झील, जलप्रपात, पहाड़ व जंगल के मनोरम दृश्य व पार्क का दीदार करने के बाद अपनी थकान मिटाने के लिए इको पार्क में जा सकते हैं। पार्क में मखमली घास है। फूलों के पौधे व वृक्ष हैं। बैठने के लिए कुर्सीयान शेड, उडेन एसपेंशन आदि की सुविधा है। इको पार्क, लकड़ी की सस्पेंशन ब्रिज, झूला पुल, छोटे-छोटे तालाब, हरियाली मोह लेते हैं। जगदहवां डैम जगदहवां डैम से आपकी जहां तक नजर जाए बस जल, हरियाली, पहाड़ और खूबसूरत प्राकृतिक नजारे। पंक्षियों की चहचाहट, हवा से हिलते पेड़ों के पत्तों की सरसराहट के बीच जब आप यहां भ्रमण करते है तो एक नैसर्गिक सुकून का अहसास होता है। यह डैम कैमूर पहाड़ी के गोद में बसा है। अपनी खूबसूरती और हरियाली से पर्यटकों को आकर्षित करने वाला यह डैम युवाओं के लिए खास पिकनिक स्पॉट है। यहां के जड़ी-बूटी मिश्रित पानी पीते ही आपका भोजन तुरंत पच जाता है और बार-बार भूख लगती है। फोटो- 24 जनवरी भभुआ- 8 कैप्शन- चैनपुर प्रखंड के पहाड़ व जंगल से घिरे इस जगदहवां डैम पर पहली जनवरी को लगेगा सैलानियों का मेला।
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