वन विभाग के 28 वर्ष पुराने मामले निपटे तो चेहरे पर झलकी खुशी
राष्ट्रीय लोक अदालत में 122 मामलों का निष्पादन हुआ, जिसमें 28 वर्ष पुराने मामले का समाधान भी शामिल है। वृद्ध पक्षकारों ने न्यायिक पदाधिकारी को आशीर्वाद दिया। हरि बिंद ने बताया कि 29 वर्षों में 50 हजार...

राष्ट्रीय लोक अदालत में मुकदमा से मुक्ति मिलने पर वृद्ध पक्षकारों ने बेंच के न्यायिक पदाधिकारी को खूब दिए आशीर्वाद एक हजार रुपया जमा कराकर न्यायिक पदाधिकार द्वारा निष्पादित किया गया मुकदमा पक्षकारों की सहमति से बेंच नंबर एक की न्यायिक पीठ ने निष्पादित किए 122 मामले भभुआ, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। राष्ट्रीय लोक अदालत में शनिवार को बेंच नम्बर एक के न्यायिक पदाधिकारी सह एडीजे सात धर्मेन्द्र कुमार तिवारी व वन विभाग के विशेष लोक अभियोजक सुमन कुमार शुक्ला ने वन विभाग के 53 मामलों का निष्पादन सुलह-समझौता के आधार पर किया। इसमें 28 वर्ष पुराने मामले का निष्पादन करने पर जिले के भगवानपुर थाना क्षेत्र के बुच्चा गांव के 70 वर्षीय पुत्र हरि बिंद के चेहरे पर खुशी झलक आई। उसे मुकदमा से मुक्ति मिलने पर उसने न्यायिक पदाधिकारी को खूब आशीर्वाद दिया। हरि बिंद ने कहा कि 29 वर्षो में कम से कम 50 हजार रुपया केस लड़ने में खर्च हुआ। राष्ट्रीय लोक अदालत में सुलह के आधार पर मात्र एक हजार रुपया जमा कराकर मामला निष्पादन किए जाने पर राहत मिली है। जवानी में मुकदमा हुआ और बुढ़ापे में खत्म। हरि बिंद के वकील पंकज कुमार पांडेय के माध्यम से मामले से मुक्ति मिली। हरि बिन्द के खिलाफ 8 अक्टूबर 1997 को वन विभाग ने भगवानपुर थाना क्षेत्र के अमरपुर बुच्चा के सुरक्षित वन क्षेत्र में साफ करने के दौरान पौधों को नष्ट करने का आरोप लगाते हुए केस दर्ज किया गया था। इधर, 28 जून 2006 को हाटा-चकिया रोड में मुकुआ पहाड़ी के पास अवैध पत्थर तोड़कर परिवहन करने के आरोप में चांद थाना क्षेत्र के सिरहिरा निवासी मेवालाल यादव व रामदयाल यादव के खिलाफ वन विभाग ने केस दर्ज किया था। उक्त मामले में एक एक हजार रुपया जमा कराकर मामले का निष्पादन किया गया। इसी तरह 21 फरवरी 2022 को अधौरा के डुमुरका वन क्षेत्र से अवैध रूप से मिट्टी मोरम उठाने के आरोप में भूइफोर के निरंजन यादव व सुखदेव यादव के खिलाफ वन विभाग ने मामला दर्ज किया था। उक्त मामले में भी दोनों से एक-एक हजार रुपया जमा कराकर मुकदमा निपटाया गया। बेंच नम्बर छह के न्यायिक पदाधिकारी सह एसीजेएम पंचम हेमा कुमारी की अदालत ने 20 जून 2008 को भभुआ थाना के सिकठी निवासी भरत सिंह के साथ मारपीट करने वाले सुरेन्द्र सिंह का मामला सुलह-समझौता के आधार पर समाप्त किया गया। फोटो- 08 मार्च भभुआ- 00 कैप्शन- व्यवहार न्यायालय परिसर में शनिवार को आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में 28 वर्ष पुराने मामले निष्पादित होने के बाद अपने वकील के साथ खड़ा बुच्चा गांव का वृद्ध ऋण के मुकदमों में संवेदनशील व लचीला रुख अपनाएं अफसर जिला जज ने राष्टीय लोक अदालत के उद्देश्यों पर विस्तार से की चर्चा अधिवक्ता संघ ने बैंकों से कर्जदारों को ज्यादा छूट देने की अपील की (पेज तीन) भभुआ, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह जिला विधिक सेवा प्राधिकार के अध्यक्ष अनुराग ने सिविल कोर्ट के नवनिर्मित परिसर में शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत का उद्घाटन किया। न्यायाधीश, अधिवक्तागण, पारा लीगल वालेंटियर एवं पक्षकारों को संबोधित करते हुए जिला जज ने कहा कि लोक अदालत का उद्देश्य लंबे समय से मुकदमा लड़ रहे पक्षकारों को नि:शुल्क एवं शीघ्र न्याय दिलाना है। उन्होंने कहा कि विभिन्न विभागों एवं बैंकों को लोक अदालत में अधिकतम संवेदनशील, उदार एवं लचीला रुख अपनाकर मुकदमों के निस्तारण तथा पक्षकारों को सुलभ न्याय दिलाने में सहायक होना चाहिए। एडीजे धर्मेन्द्र कुमार तिवारी ने राष्ट्रकवि दिनकर की पंक्तियों का उल्लेख करते हुए अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर महिला न्यायिक पदाधिकारी हेमा कुमारी एवं कृतिका द्विवेदी से लोक अदालत का उद्घाटन कराने की पहल के लिए जिला जज की सराहना की। जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष रवीन्द्र नाथ चौबे ने बैंक द्वारा ऋण से संबंधित केस में हठधर्मिता अपनाने की बात उठाई। उन्होंने बैंक कर्मियों से आरबीआई की गाइडलाइंस का पालन करने और कर्जदारों को ज्यादा छूट देने की अपील की। महासचिव मंटू पांडेय ने जिला जज से दहेज उत्पीड़न के मामलों को सुलह-समझौते के आधार पर लोक अदालत में समाप्त करने का आदेश देने का अनुरोध किया। कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापित व अतिथियों का स्वागत प्राधिकार के सचिव सब जज सुमन सौरभ ने किया। उन्होंने स्थापित पीठों की विस्तृत जानकारी देते हुए सुलह के आधार पर अधिकाधिक वादों के निस्तारण की बात कही। कार्यक्रम का संचालन करते हुए वरीय अधिवक्ता एवं रेडक्रास सचिव प्रसून कुमार मिश्र ने लोक अदालत की संकल्पना और उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने वादों के शीघ्र निस्तारण में अधिवक्तागण की भूमिका के महत्व को रेखांकित किया। कार्यक्रम में एडीजे हर्षवर्द्धन, शहरयार मोहम्मद अफजल, अरुण तिवारी, सीजेएम नीरज कुमार पांडेय, एसीजेएम सुशील कुमार श्रीवास्तव, हेमा कुमारी, जेएम कृतिका द्विवेदी, आशीष चंद्रा, पुष्पेश कुमार शर्मा, सुभाष कुमार, गौरव तिवारी, सुशील दत्त, लोक अभियोजक सच्चिदानंद राय, अधिवक्ता प्रभाकर दूबे, गोपाल तिवारी, रंजन यादव, अमित द्विवेदी आदि थे। फोटो- 08 मार्च भभुआ- 7 कैप्शन- व्यवहार न्यायालय परिसर में शनिवार को आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत का उद्घाटन करते जिला जज अनुराग व अन्य। न्यायिक अफसरों की 12 बेंच ने .... मामलों का किया निष्पादन भभुआ सिविल कोर्ट में नौ व मोहनियां अनुमंडल कोर्ट में तीन बेंचों का हुआ था गठन जिला जज ने राष्ट्रीय लोक अदालत में मामलों के निष्पादन के लिए गठित की थी बेंच भभुआ,हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। सिविल कोर्ट भभुआ व मोहनियां अनुमण्डलीय कोर्ट में शनिवार को आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत के लिए गठित 12 बेंच के न्यायिक अफसरो ने दोनों पक्षों के आपसी सुलह-समझौता के आधार पर ....मामलों का निष्पादन किया। जिला जज अनुराग द्वारा राष्ट्रीय लोक अदालत में आपसी सुलह-समझौता के आधार पर मामलों के निष्पादन के लिए बेंच का गठन किया था। फोटो- 08 मार्च भभुआ- 8 कैप्शन- व्यवहार न्यायालय परिसर में शनिवार को आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में मामलों का निष्पादन करते न्यायिक पदाधिकारी व अन्य।
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