बीमारी से उबरने के लिए मानसिक रूप मजबूती है जरूरी (पेज चार)
कोरोना काल में मानसिक तौर पर स्वस्थ रहना और भी है ज्यादा आवश्यक, काम और जीवन में संतुलन बनाकर रखें, किसी तरह का तनाव लेने से...
कोरोना काल में मानसिक तौर पर स्वस्थ रहना और भी है ज्यादा आवश्यक
काम और जीवन में संतुलन बनाकर रखें, किसी तरह का तनाव लेने से बचें
भभुआ। कार्यालय संवाददाता
किसी भी बीमारी से उबरने के लिए मानसिक रूप से मजबूत रहना बहुत जरूरी है। कोरोना काल में तो मानसिक तौर पर स्वस्थ रहना और भी अधिक आवश्यक है। उक्त बातें मनोचिकित्सकीय सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. राजा उपाध्याय ने कही। उन्होंने हिन्दुस्तान से बातचीत करते हुए कहा कि किसी भी मरीज को सकारात्मक रहना और अपने काम से जीवन में संतुलन बनाकर रखना जरूरी है।
उन्होंने कहा कि किसी भी तरह का तनाव लेने से बचें। एक तो कोरोना को लेकर लोगों के मन में डर है। ऊपर से अगर अन्य तनाव भी ले लेंगे तो इससे आप पर असर पड़ सकता है। इसलिए तनाव से बचने की कोशिश करें। योग करने से एकाग्रता आती है। लोगों में भटकाव कम होता है। इसलिए अभी कोई भी व्यक्ति योग और ध्यान पर भी फोकस करें। ऐसे में यह कोशिश जरूर करें कि कम से कम 45 मिनट योग और ध्यान में बीते। इससे आप मानसिक तौर पर तो संतुष्ट रहेंगे। साथ ही शारीरिक तौर पर भी स्वस्थ रहेंगे.
बिजली की आंखमिचौली से परेशानी
रामपुर। प्रखंड के विभिन्न क्षेत्र में बिजली की आंखमिचौली से उपभोक्ता परेशान हैं। जलस्तर खिसक जाने से मोटर स्टार्ट करने पर पानी नहीं निकल रहा है। इसके लिए लोगों को रात में इंतजार करना पड़ रहा है। चूंकि रात में धरती में पानी इकट्ठा हो जाता है। इसलिए पानी मिल जाता है। भीषण गर्मी में जब बिजली की आपूर्ति नहीं होती है, तब पंखा, कूलर, फ्रिज आदि विद्युत यंत्र बंद हो जाते हैं। बाजार में साइबर कैफे व फोटो स्टेट की दुकान, लेथ मशीन भी नहीं चल पाती है। अभी भी कई गांवों में तार जर्जर है। उसे बदला नहीं जा सका है। तेज हवा से तार टूटने की आशंका है। तार के आपस में टकराने से चिंगारी निकलती है, जिससे आग लगने की भी आशंका बनी रहती है। रात में पुलिस को गश्त करने में परेशानी होती है।
बंद के दौरान बन जाती टंकी तो बेहतर होता
भगवानपुर। प्रखंड के उत्क्रमित मिडिल हिंदी स्कूल टोड़ी में रुबन मिशन योजना से पीएचईडी द्वारा पानी टंकी लगाई गई है। लेकिन, उससे फिलहाल पानी नहीं मिल रहा है। स्कूल के हेडमास्टर दरोगा साह ने बताया कि विधानसभा चुनाव के समय इस पेयजल टंकी का निर्माण हुआ था, जिसमें समरसेबल के साथ-साथ पानी इकट्ठा करने के लिए टंकी बनाई गई है। लेकिन, शुरू से ही टंकी के उपर ढक्कन, नल में टोटी का काम नहीं हो सका है। स्कूल में गर्मी की तपती हुई धूप में शिक्षक ड्यूटी करने आते हैं। लेकिन, पीने के लिए उन्हें पानी नहीं मिल पाता है। इसकी जानकारी पीएचईडी के अफसरों को दी गई है। स्कूल बंदी के दौरान टंकी को ठीक कर दिया जाता तो बेहतर होता।