Kamur District Faces Shortage of Female Doctors Only 11 Serving 780 000 Women जिले की 7.80 लाख महिलाओं के लिए सिर्फ दो स्त्री रोग विशेषज्ञ, Bhabua Hindi News - Hindustan
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जिले की 7.80 लाख महिलाओं के लिए सिर्फ दो स्त्री रोग विशेषज्ञ

कैमूर जिले में 7.80 लाख महिलाओं के लिए सिर्फ 11 महिला चिकित्सक कार्यरत हैं। जबकि 15 पद स्वीकृत हैं, इनमें से 4 डॉक्टर उच्च शिक्षा के लिए चली गई हैं। प्रसव के दौरान महिलाओं की मौत की संख्या बढ़ रही है,...

Newswrap हिन्दुस्तान, भभुआSat, 8 March 2025 09:36 PM
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जिले की 7.80 लाख महिलाओं के लिए सिर्फ दो स्त्री रोग विशेषज्ञ

कैमूर के अस्पतालों में स्त्री रोग विशेषज्ञ सहित 15 महिला चिकित्सक हैं पदस्थापित, पर 11 लेडी डॉक्टर ही दे रही हैं सेवा महिला चिकित्सक के अभाव में कई अस्पतालों में नर्स करा रही हैं प्रसव योगदान करने के बाद चार लेडी डॉक्टर चली गई हैं उच्च शिक्षा प्राप्त करने जिले में वर्षवार प्रसव वित्तीय वर्ष प्रसव 2022-23 24148 2023-24 25293 2024-25 21545 प्रसव के दौरान वर्षवार मौत वित्तीय वर्ष मौत 2022-23 18 2023-24 13 2024-25 04 भभुआ, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। कैमूर जिले में 7.80 लाख महिलाओं के लिए सिर्फ दो स्त्री रोग विशेषज्ञ कार्यरत हैं। वह भी सदर अस्पताल में। शेष अस्पतालों में स्त्री रोग विशेषज्ञ नहीं हैं। वैसे तो जिले के अस्पतालों में स्त्री रोग विशेषज्ञ सहित 15 महिला चिकित्सक पदस्थापित हैं। लेकिन, चार लेडी डॉक्टर योगदान करने के बाद उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए अवकाश पर चली गई हैं। महिलाओं की उक्त आबादी वर्ष 2011 में की गई जनगणना की है। अगर वर्ष 2025 में महिलाओं की अनुमानित आबादी देखे तो 9 लाख से अधिक होनी चाहिए। इस तरह 80 हजार महिलाओं पर एक लेडी डॉक्टर पदस्थापित हैं। इतनी बड़ी आबादी की स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए पूरे जिले में सिर्फ 11 लेडी डॉक्टर हैं। जिले में सदर, अनुमंडल, रेफरल अस्पताल, सीएचसी व पीएचसी हैं। लेकिन, जिले के कई अस्पतालों में लेडी डॉक्टर नहीं हैं, जिससे प्रसव कार्य नर्स को संभालना पड़ता है। जब गर्भवती महिलाओं की स्थिति गंभीर होती है, तब पुरुष डॉक्टर जांच कर इलाज करते हैं। नहीं संभलने वाले मरीजों को रेफर कर दिया जाता है। कैमूर जिले में महिलाओं की जनसंख्या के हिसाब से महिला चिकित्सक नहीं हैं। यही कारण है कि निजी क्लीनिकों में महिलाओं को इलाज कराने जाना पड़ता है। हालांकि निजी अस्पतालों में प्रसव कराने के लिए सभी मरीज सक्षम नहीं हैं। आर्थिक रूप से कमजोर परिवार की महिलाएं सरकारी अस्पतालों पर ही निर्भर रहती हैं। सदर अस्पताल में स्वास्थ्य जांच कराने आई निर्मला देवी ने कहा कि भगवानपुर में स्त्री रोग विशेषज्ञ नहीं हैं। अगर वहां रहतीं तो भभुआ नहीं आना पड़ता। लेडी डॉक्टर नहीं रहने से वहां की नर्स प्रसव कराती हैं। जब मामला बिगड़ता है तब रेफर कर दिया जाता है। प्रसव के दौरान होती रही है मौत कैमूर में प्रसव के दौरान या प्रसव के बाद महिलाओं की मौत होती रही हैं। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े बताते हैं कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में 18, 2023-24 में 13 व वित्तीय वर्ष 2024-2025 में जनवरी तक चार महिलाओं की मौत हुई। यानी तीन वित्तीय वर्षों में अब तक 35 महिलाओं ने अपनी जान गंवाई है। महिला मरीज सुशीला देवी व जामवंती देवी कहती हैं कि लेडी डॉक्टर के रहने से वह पुरुष चिकित्सक से वह स्वास्थ्य जांच कराती हैं। लेकिन उन्हें आंतरिक बीमारी की जानकारी देना संभव नहीं है। इस कारण बीमारी कम होने की बजाय बढ़ती चली जाती है। इन अस्पतालों में कार्यरत हैं लेडी डॉक्टर भभुआ। कैमूर जिले के विभिन्न सरकारी अस्पतालो में 11 महिला चिकित्सक कार्यरत हैं। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक सदर अस्पताल में दो स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. किरण सिंह व डॉ. मधु यादव, मोहनियां अनुमण्डल अस्पताल में डॉ. अम्बर, डॉ. पूजा सिंह, डॉ. जुबेरिया समर समीरा, कुदरा में डॉ. रीता कुमारी, डॉ. अन्नु कुमारी, चैनपुर में डॉ. प्रीति कुमारी, चांद में डॉ. इंदु प्रियदर्शी, दुर्गावती में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. संगीता सिन्हा व भभुआ पीएचसी की डॉ. कल्पना कुमारी दुर्गावती में प्रतिनियुक्ति पर हैं। जबकि मोहनियां की डॉ. रेखा पाण्डेय, भभुआ के कबार की डॉ. इसिका सिन्हा, सोनहन एपीएचसी की डॉ. नाजिया अनवर व दुर्गावती के धनेछा की डॉ. निधि कुमारी योगदान करने के बाद उच्च शिक्षा प्राप्त करने चली गयीं। हि.प्र. कैमूर में महिला डाक्टर के 21 स्वीकृत पद भभुआ। कैमूर जिले के विभिन्न प्रखंडों के सरकारी अस्पतालों में महिला डाक्टर का 21 स्वीकृत पद है। लेकिन, फिलहाल जिले के सरकारी अस्पतालों में 15 महिला डाक्टर पदस्थापित है, जिसमें मात्र 11 महिला चिकित्सक कार्यरत हैं। जिले के सदर अस्पताल में छह स्वीकृत पद, मोहनियां अनुमंडल अस्पताल में दो, कुदरा, चांद, भभुआ पीएचसी, नुआंव, भगवानपुर, दुर्गावती, चैनपुर, रामपुर, अधौरा में एक-एक महिला डाक्टर का पद स्वीकृत है। जबकि रामगढ़ रेफरल अस्पताल में महिला डाक्टर का दो पद स्वीकृत है। हि.प्र. कोट जिले के सरकारी अस्पतालों में महिला चिकित्सक की कमी है। लेडी डाक्टर के लिए स्वास्थ्य विभाग के अपर सचिव को पत्र भेजा गया है। लेकिन, कार्यरत 11 लेडी डाक्टर से अस्पतालों में आने वाली महिला मरीज की स्वास्थ्य जांच कर इलाज किया जा रहा है। डॉ. चंडेश्वरी रजक, सिविल सर्जन फोटो- 08 मार्च भभुआ- 4 कैप्शन- सदर अस्पताल के ओपीडी में शनिवार को स्वास्थ्य जांच कराने के लिए कतार में खड़ी होकर पर्ची कटातीं महिलाएं व अन्य।

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