करोड़ों खर्च के बाद भी चांद के लिए नासूर बनी सिंचाई व जलजमाव की समस्या (पेज चार की सेकेंड लीड खबर)
इंट्रो, पंचायत सरकार भवन नहीं है। कर्मी या अधिकारी यहां नहीं बैठते हैं। काम के लिए ग्रामीणों को प्रखंड कार्यालय जाना पड़ता...

इंट्रो
प्रखंड मुख्यालय की पंचायत चांद के लोगों के लिए जलजमाव व सिंचाई की समस्या नासूर बनी हुई है। यहां पंचायत सरकार भवन भी नहीं है। नाली-गली की भी कुछ जगह समस्या बरकरार है। वार्ड एक व 14 में पंचायत की योजना से नल-जल योजना से क्रमश: 156 व 175 घरों में पानी आपूर्ति की जा रही है। शेष वार्ड में लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग द्वारा पेयजलापूर्ति की जा रही है। कुआं जीर्णोद्धार का काम तो हुआ है, लेकिन बडे-बडे पोखरे का जीर्णोद्धार बाकी है।
चांद। एक संवाददाता
चांद पंचायत के विकास पर करोड़ों रुपए खर्च हुए हैं। विकास के काम भी हुए हैं। लेकिन, अभी भी कई समस्याओं से ग्रामीण रू-ब-रू हो रहे हैं। पंचायत का सबसे बड़ा गांव चांद का मुख्य नाला जाम है, जिससे जलनिकासी नाममात्र होती है। इसकी सफाई व जीर्णोद्धार नहीं कराए जाने से इस पंचायत के पांच वार्डों के लोग जलजमाव की समस्या का सामना कर रहे हैं। बरसात के दिनों में चांद के मुख्य पथ में घुटनाभर पानी जमा हो जाता है। तब बच्चों को स्कूल और ग्रामीणों को अपने घर जाने में परेशानी होती है। रास्तें में गिरते-पड़ते व चोटिल होते घर पहुंचते हैं।
परिचय
प्रखंड- चांद
पंचायत- चांद
आबादी- 15000
मतदाता- 7486
उपलब्धियां
- पंचायत के प्रत्येक वार्ड में मुख्यमंत्री सात निश्चय पक्कीकरण गली-नाली योजना में आवंटित राशि के अनुसार कार्य कराया गया है।
- किलनी गांव में आंगनबाड़ी केन्द्र के आगे गड्ढे बने थे। उसे पाट दिया गया है। अब छोटे बच्चों को आने-जाने में कोई परेशानी नहीं होती।
- सामुदायिक भवन का जीर्णोद्धार कराया गया है। इसी में पंचायत की बैठक व ग्रामसभा होती है। पंचायत सरकार भवन की मांग की गई है।
नाकामियां
- पंचायत सरकार भवन नहीं है। कर्मी या अधिकारी यहां नहीं बैठते हैं। काम के लिए ग्रामीणों को प्रखंड कार्यालय जाना पड़ता है।
- राज्य व जिले के बड़े अधिकारी का निर्देश भी जलजमाव की समस्या को दूर नहीं करा सका। बरसात में स्थिति भयावह बन जाती है।
- सिंचाई की समस्या भी बड़ी है। बड़े पोखरों का जीर्णोंद्धार नहीं कराया जा सका। किसान सिंचाई की समस्या से जूझते रहते हैं।
सड़क
पंचायत में ही प्रखंड मुख्यालय है। यहां से यूपी व जिला मुख्यालय को जोड़नेवाली सड़क गुजरी है। इसलिए लोगों को बाजार, प्रखंड मुख्यालय या कहीं भी आने-जाने में परेशानी नहीं होती है। पंचायत के कुछ वार्डों में अभी तक गली का निर्माण नहीं कराया जा सका है। कुछ जगहों की पीसीसी सड़क टूटी हुई है। इन कारणों को ग्रामीणों को आने-जाने में परेशानी झेलनी पड़ रही है।
नल-जल
पंचायत के 946 घरों को मिलाकर 14 वार्डों का गठन किया गया है। पंचायत से वार्ड एक के भेरी व 14 के किलनी में नल-जल योजना से 331 लोगों के घरों में पानी की आपूर्ति की जा रही है। शेष वार्डों में पीएचईडी द्वारा पेयजलापूर्ति का प्रबंध किया गया है। गर्मी में पेयजल के लिए हाहाकार मचा रहता है।
बिजली
पंचायत के सभी वार्डों के घरों में बिजली आपूर्ति का प्रबंध किया गया है। गलियों में स्ट्रीट लाइट की भी व्यवस्था है। चूंकि इस पंचायत में वर्ष 1970 के दशक से ही विद्युत पावर सब स्टेशन है। इस पावर स्टेशन से चांद पंचायत के अलावा दूसरे गांवों व सरकारी दफ्तरों में भी बिजली की आपूर्ति की जाती है।
अस्पताल
चांद पंचायत के बीचोंबीच प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र है। अस्पताल तक आने-जाने के लिए सुगम मार्ग है। इसलिए रात में भी किसी की तबीयत खराब होती है, तो इलाज कराने में कोई दिक्कत नहीं होती है। लेकिन, गंभीर रूप से बीमार या दुर्घटना में गंभीर जख्मी को बेहतर इलाज के लिए रेफर कर दिया जाता है।
पंचायत भवन
सामुदायिक भवन करता है पंचायत भवन का काम
चांद स्थित सामुदायिक भवन की मरम्मत कराकर इसका उपयोग पंचायत भवन के रूप में किया जाता है। इसी भवन में पंचायत की बैठकें व आम सभा होती है। यहां पंचायत सरकार भवन नहीं है। मुखिया राजेश बताते हैं कि पंचायत सरकार भवन की मांग की गई है। तब किसी को कोई परेशानी नहीं होगी।
सिंचाई के साधन
नहर का पानी ओवरफ्लो करने से होता है जलजमाव
कर्मनाशा एवं जगदहवां नहर से चांद पंचायत के किसान खेतों की सिंचाई करते हैं। किलनी, पिपरिया और बघैला के किसानों को जगदहवां नहर से समय पर पानी नहीं मिल पाता है। कर्मनाशा नहर से पानी इतना ओवर हो जाता है कि रजवाहों के अतिक्रमण होने, जीर्ण-शीर्ण हुए आउटलेट से जलजमाव हो जाता है।
रोजगार के साधन
चांद में सरकारी स्तर पर नहीं है किसी तरह की उद्योग इकाई
चांद पंचायत में सरकारी स्तर पर उद्योग की कोई इकाई स्थापित नहीं की गई है। यहां ईंट भट्ठा, मुर्गी फॉर्म, डेयरी फॉर्म भी नहीं है। मजदूर वर्ग के लोग विभिन्न स्तर से रोजगार पा रहे हैं। व्यापारी भी कामकाज कर अपना जीविकोपार्जन कर रहे हैं। चांद में अनाज का सरकारी गोदाम है, जहां पंचायत के पोलदारों को काम मिलता है। बाजार में बड़े-बड़े आढ़त हैं। इससे भी व्यवसाइयों व मजदूरों को रोजगार मिल रहा है। चांद बाजार में दर्जनों युवा ठेला लगाकर विभिन्न तरह की दुकान खोले हुए हैं। व्यवसाई भी विभिन्न तरह की दुकानें खोलकर कारोबार कर रहे हैं। पंचायत के कुछ युवा गैर प्रांत में भी जाकर काम-धंधा कर रहे हैं, जिससे जीविकोपार्जन का काम चलता है।
नाली-गली
पंचायत के वार्ड नंबर 6 व 9 का मुख्य नाला जाम है। इसकी सफाई व जीर्णोद्धार नहीं होने से अच्छे ढंग से जलनिकासी नहीं हो पाती है। प्रखंड कार्यालय के पूरब व पश्चिम स्थित अतिक्रमित रजवाहे की सफाई नहीं होने से भी जलजमाव की समस्या होती है। नाली-गली पर करीब सवा करोड़ रुपया खर्च हुआ है।
कोट
नाली-गली योजना पर ज्यादा काम हुआ है। जलनिकासी की समस्या है। गर्मी में जल संकट उत्पन्न होता है। पीसीसी ढलाई में राशि बचाई गई है।
चंद्रभूषण राम, प्रतिद्वंद्वी
फोटो- चंद्रभूषण राम
कोट
खेल मैदान, सिंचाई, जलनिकासी, पोखरों का सौंदर्यीकरण नहीं होने का मलाल है। चूंकि यह काम पंचायत के अधिकार क्षेत्र से बाहर है।
राजेश कुमार, मुखिया
फोटो- राजेश कुमार
फोटो- 27 अप्रैल भभुआ- 1
कैप्शन- चांद पंचायत के वार्ड सात में ढलाई की गई पीसीसी सड़क व निर्मित नाली-गली।
