Hindi NewsBihar NewsBhabua NewsIncrease in Skin Diseases Due to Pollution and Bacteria in Bhabua Hospital

ठंड में सदर अस्पताल में चर्म रोग के मरीजों की संख्या बढ़ी (पड़ताल/पेज चार की लीड खबर)

भभुआ के सदर अस्पताल में चर्म रोगियों की संख्या बढ़ गई है। जहां पहले 40-50 मरीज आते थे, अब 70-80 मरीज आ रहे हैं। चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ. संतोष कुमार के अनुसार, धूप, धूल, गंदगी और प्रदूषण के कारण एलर्जी,...

Newswrap हिन्दुस्तान, भभुआSat, 28 Dec 2024 08:56 PM
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धूप, धूल, मिट्टी, गंदगी, प्रदूषण, बाहरी वातावरण में मौजूद बैक्टीरिया से होता है चर्म रोग, समय पर उपचार कराने आवश्यक अस्पताल में पहले रोजाना आते थे 40-50 मरीज, अब आ रहे हैं 70-80 चर्म रोगी एलर्जी, फंगल इंफेक्शन, एक्जिमा, आर्टिकेरिया, मुहासा, स्कैबिज के रोगी हैं शामिल भभुआ, कार्यालय संवाददाता। ठंड में चर्म रोग के मरीजों की संख्या में वृद्धि होने लगी है। यहां के सदर अस्पताल में जहां अन्य मौसम में रोजाना 40-50 मरीज आते थे, वहीं अब 70-80 मरीज आ रहे हैं। इसकी पुष्टि सदर अस्पताल के चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ. संतोष कुमार ने की। इसके अलावा अनुमंडल, रेफरल अस्पताल, सीएचसी व पीएचसी के अलावा निजी क्लीनिक में भी चर्म रोगी पहुंच रहे हैं। उन्होंने बताया कि सदर अस्पताल के चर्म रोग विभाग में फिलहाल जो लोग आ रहे हैं, उनमें एलर्जी, फंगल इंफेक्शन, एक्जिमा, आर्टिकेरिया, मुहासा, स्कैबिज के मरीज शामिल रह रहे हैं। जांच कर दवा लिखी जाती है। दवा को नियमित खाने से बीमारी ठीक होती है। समय पर उपचार नहीं कराने पर चर्म रोग तेजी से बढ़ता है। चूंकि त्वचा शरीर का सबसे कोमल हिस्सा होता है। शरीर के अंदरूनी हिस्से की तुलना में चमड़ी सीधे बाहरी वातावरण के संपर्क में रहती है। इस कारण धूप, धूल, मिट्टी, गंदगी, प्रदूषण, बाहरी वातावरण में मौजूद बैक्टीरिया आदि त्वचा को प्रभावित करते हैं। उन्होंने बताया कि त्वचा पर होने वाला वह संक्रमण या रोग है, जो त्वचा के बाहरी हिस्से पर कहीं पर भी हो सकता है। चर्म रोग की समस्या होने पर त्वचा में खुजली, दाने, रैशेस, लालिमा, सूजन, जलन, छाले, बाहरी हिस्से पर घाव जैसी समस्या होने लगती है। कुछ चर्म रोग सामान्य होते हैं, जबकि कुछ बहुत गंभीर। सामान्यत: लोग केवल एक्जिमा को चर्म रोग मानते हैं। जबकि एक्जिमा के अलावा भी ऐसी कई समस्याएं होती है जो चर्म रोग का रूप होती है। गंदगी के कारण दाद होता है चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ. संतोष कुमार के अनुसार, ठीक ढंग से साफ-सफाई नहीं करने के कारण दाद होता है। दाद की समस्या सिर, हथेली, एड़ी, कमर, दाढ़ी या अन्य भाग में हो सकता है। दाद होने पर त्वचा पर गोल निशान बन जाता है, जिसमे जलन और खुजली होती है। सोरायसिस की पहचान चिकित्सक ने बताया कि सोरायसिस होने पर त्वचा पर लाल, परत वाले चकत्ते होने लगते हैं। यह कोई संक्रामक रोग नहीं है। यह एक बार होने वाली समस्या है, जो समय के साथ बढ़ती ही जाती है। इम्यून सिस्टम की गड़बड़ी इस समस्या का मुख्य कारण होती है। किसी हिस्से में हो सकता है एक्जिमा एक्जिमा त्वचा के किसी भी हिस्से में हो सकता है। एक्जिमा होने पर त्वचा पर खुजली, लाल चकत्ते और लाल दाने हो जाते हैं। यह बीमारी छोटे बच्चों में अधिकतर देखने को मिलती है। कुछ मामलों में यह समस्या संक्रमण के कारण होती है। ब्लड में गंदगी से होता है यह आमतौर पर ब्लड में गंदगी के कारण फोड़े-फुंसी, पिंपल और चर्म रोग हो जाते हैं। जब शरीर में बहुत ज्यादा टॉक्सिन इकठ्ठा हो जाते हैं तो लिवर पर अधिक लोड हो जाता है और त्वचा जिगर की जगह अतिरिक्त विषाक्त पदार्थों को दूर करने की कोशिश करने का प्रयास करने लगती है। इसके कारण आपको त्वचा संबंधी रोग हो सकते हैं। फोटो- 28 दिसंबर भभुआ- 1 कैप्शन- भभुआ के सदर अस्पताल में शनिवार को चिकित्सक से जांच कराते चर्म रोगी।

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