Increase in Malaria and Typhoid Cases at Sadar Hospital मलेरिया व टायफाइड के मरीजों की संख्या में हुई वृद्धि, Bhabua Hindi News - Hindustan
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मलेरिया व टायफाइड के मरीजों की संख्या में हुई वृद्धि

(पेज तीन की लीड खबर)(पेज तीन की लीड खबर) मलेरिया व टायफाइड के मरीजों की संख्या में हुई वृद्धि पहले पैथोलॉजी जांच में 50-60

Newswrap हिन्दुस्तान, भभुआTue, 12 Aug 2025 09:04 PM
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मलेरिया व टायफाइड के मरीजों की संख्या में हुई वृद्धि

(पेज तीन की लीड खबर) मलेरिया व टायफाइड के मरीजों की संख्या में हुई वृद्धि पहले पैथोलॉजी जांच में 50-60 लोग मलेरिया व टायफाइड से पीड़ित चिन्हित किए जाते थे, अब रोजाना औसतन 80 मरीज मिल रहे जांच के लिए सदर अस्पताल में कीट उपलब्ध होने के बाद आने लगे मरीज अस्पताल आने वाले मरीजों को चिकित्सक बता रहे हैं बचाव करने के उपाय भभुआ, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। मौसम में बदलाव होते ही सदर अस्पताल में टायफाइड व मलेरिया बुखार के मरीजों की संख्या में वृद्धि हो गई। डेढ़ माह पहले पैथोलॉजी जांच में इस बुखार से पीड़ित 50-60 लोग चिन्हित किए जाते थे।

लेकिन, अब मलेरिया व टायफाइड के औसतन 80 मरीज रोजाना मिल रहे हैं। जांच के लिए सदर अस्पताल में कीट उपलब्ध होने के बाद यहां आने वाले मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। सदर अस्पताल के पैथोलॉजी केन्द्र में मलेरिया व विडॉल जांच के लिए मरीजों की भीड़ लग रही है। बुखार से पीड़ित मरीजों की चिकित्सक द्वारा स्वास्थ्य जांच करने के बाद ब्लड सैंपल टेस्ट कराने की सलाह दी जा रही है। अस्पताल के पैथौलॉजी सेंटर के कर्मी सैंपल लेकर टेस्ट कर रहे हैं। रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर मरीज उसे चिकित्सक से दिखाकर दवा लिखवा रहे हैं। हालांकि काउंटर पर दवाएं उपलब्ध हैं। सदर अस्पताल में आयी आशा देवी ने बताया कि वह चार दिनों से बुखार से पीड़ित है। चिकित्सक से जांच करा ली हूं। अब पैथोलॉजी सेंटर में सैंपल टेस्ट कराने आई हूं। महावीर सिंह बताते हैं कि उनका पोता विकास कुमार को तीन दिनों से बुखार आ रहा है। दवा खाने से स्वस्थ नहीं हो रहा है। आज डॉक्टर द्वारा पैथोलॉजी जांच के लिए लिखा गया है। उसे लेकर जांच कराने आया हूं। वि-डॉल जांच की प्रक्रिया एक पैथोलॉजिस्ट ने बताया कि टाइफाइड बुखार का परीक्षण तब किया जाता है, जब पेशाब या खून में साल्मोनेला बैक्टीरिया पाया जाता है। परीक्षण की पुष्टि तभी होती है जब विडाल टेस्ट किया जाता है। विडॉल टेस्ट जिसे हम टायफाइड टेस्ट भी कहते है। यह एक लैब टेस्ट है, जो ब्लड के सिरम और टाइफी एंटीजेन मिक्स करके किया जाता है। विडॉल टेस्ट एक ऐसा तरीका है, जिसकी मदद से आंतों में बुखार का परीक्षण किया जाता है। आंतों में बुखार की समस्या को टाइफाइड बुखार कह सकते हैं। मलेरिया जांच प्रक्रिया मलेरिया की जांच रक्त सैंपल से की जाती हैं, जिसे मलेरिया ब्लड टेस्ट कहा जाता है। इसमें व्यक्ति का ब्लड हाथ की बाजू अथवा अंगुली से संग्रह किया जाता हैं। इनमें से किसी भी सैंपल का उपयोग किया जा सकता है। इससे परिणाम में भिन्नता देखने को नहीं मिलती हैं। मलेरिया पारासाइट टेस्ट किट द्वारा रक्त के नमूने में मलेरिया संक्रमण की जांच एक क्रोमैटोग्राफिक इम्यूनोएसे किट द्वारा की जाती है। मादा एनोफिलिस मच्छर के काटने से होता है मलेरिया मादा एनोफिलिस मच्छर के काटने से मलेरिया रोग होता है, जो प्लास्मोडियम नामक परजीवी के वाहक होते हैं। जब यह मच्छर किसी व्यक्ति को काटता है तो यह परजीवी उसके ब्लड में आकर लिवर में बैठ जाता है और कई दिनों तक लिवर में पड़ा रहकर खुद को मजबूत बना लेता है। इसके बाद व ब्लड में प्रवेश कर रेड ब्लड सेल्स को संक्रमित करता है। आरबीसी को संक्रमित करने के 72 घंटे के अंदर यह परजीवी आरबीसी के अंदर अपनी जनसंख्या को बढ़ाने लगता है, जिससे नुकसान होता है। मलेरिया रोग के यह हैं लक्षण तेज बुखार, ठंड लगना, कंपकपी लगना, पसीना आना, सर और मांशपेशियों में दर्द होना, थकान लगना, सीने में दर्द होना और खांसी आना, डायरिया होना और साथ में उल्टी होना, पेट में दर्द होना, मल में खून आना, एनीमिया हो जाना, झटके आना या दौरे पड़ना आदि मलेरिया के लक्षण हैं। टायफाइड क्या है फिजिशियन डॉ. संतोष कुमार बताते हैं कि टाइफाइड एक जीवाणु संक्रमण है, जिससे तेज बुखार, दस्त और उल्टी हो सकती है। यह जीवाणु साल्मोनेला टाइफिम्यूरियम (एस टाइफी) के कारण होता है। समय पर जांच व इलाज कराना जरूरी है। ऐसा नहीं करने से खतरा बढ़ने की संभावना रहती है। टाइफाइड के लक्षण टाइफाइड के संकेत और लक्षण धीरे-धीरे विकसित होने की संभावना होती है। अक्सर बीमारी के संपर्क में आने के एक से तीन सप्ताह बाद दिखाई देते हैं। बुखार प्रतिदिन बढ़ता है। सिरदर्द, कमजोरी और थकान, मांसपेशियों के दर्द, पसीना आना, सूखी खांसी, भूख न लगना व वजन घटना, पेट दर्द, दस्त या कब्ज, सूजा हुआ पेट आदि इसके लक्षण हैं। कोट सदर अस्पताल में मलेरिया व टायफाइड के रोजाना औसतन 80 मरीज आ रहे हैं। सभी की पैथोलॉजी जांच कर रिपोर्ट दी जा रही है। चिकित्सक की सलाह पर मरीजों को दवाएं दी जा रही है। यहां मलेरिया व टायफाइड जांच की कीट व दवाएं पर्याप्त उपलब्ध हैं। डॉ. विनोद कुमार सिंह, उपाधीक्षक, सदर अस्पताल फोटो- 12 अगस्त भभुआ-03 कैप्शन- सदर अस्पताल के पैथोलॉजी केन्द्र में मंगलवार को जांच के लिए पुरुष के ब्लड का सैंपल लेता स्वास्थ्य कर्मी।

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