भभुआ प्रखंड को मिली एसवीईपी की प्रशासनिक स्वीकृति
स्टार्ट-अप ग्राम उद्यमिता कार्यक्रम के तहत करीब 500 जीविका दीदी को स्वरोजगार करने का मिल सकेगा अवसर गैर कृषि क्षेत्र में काम मिलने से परिवार की परवरिश में होगी सहूलियत

स्टार्ट-अप ग्राम उद्यमिता कार्यक्रम के तहत करीब 500 जीविका दीदी को स्वरोजगार करने का मिल सकेगा अवसर वित्तीय सहायता, प्रशिक्षण और व्यवसाय प्रबंधन में मदद करेगी सरकार महिलाओं को अपनी आय और जीवनस्तर में सुधार करने का मिलेगा मौका गैर कृषि क्षेत्र में काम मिलने से परिवार की परवरिश में होगी सहूलियत (पेज तीन एक्सक्लूसिव) भभुआ, कार्यालय संवाददाता। सदर प्रखंड को स्टार्ट-अप विलेज एंटरप्रेन्योरशिप प्रोग्राम (एसभीईपी) की प्रशासनिक स्वीकृति मिली है। इसके तहत भभुआ प्रखंड की करीब 500 जीविका दीदी को गैर कृषि क्षेत्र में स्वरोजगार करने का अवसर मिलेगा। दीनदयाल अंत्योदय योजना से संचालित स्टार्ट-अप ग्राम उद्यमिता कार्यक्रम के तहत सरकार जीविका दीदी को स्वरोजगार करने के लिए वित्तीय सहायता, प्रशिक्षण और व्यवसाय प्रबंधन में मदद करेगी।
इससे स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) और उनके परिवारों को गैर-कृषि क्षेत्र में छोटे उद्यम स्थापित करने में सहायता मिलेगा। इस कार्यक्रम के तहत महिलाएं आचार, मसाला, पापड़, जूट व ऊनी उत्पाद जैसे चीजें तैयार कर बाजार लगा सकती हैं। इस काम के लिए उन्हें प्रशिक्षण देने के साथ आर्थिक सहायता भी मिलेगी। व्यवसाय प्रबंधन और सॉफ्ट स्किल्स में वित्तीय सहायता एवं प्रशिक्षण के साथ स्वरोजगार के अवसर मिलने से महिलाएं आर्थिक रूप से समृद्ध होंगी। उद्यम को बढ़ावा मिलने से सामुदायिक स्तर पर विकास होगा तो महिलाएं अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दिला सकती हैं, जिससे वह भविष्य में बेहतर कर सकेंगे। जीविका परियोजना के एसडी पुष्पेंद्र सिंह बताते हैं कि इस कार्यक्रम के तहत हमलोग जीविका दीदी को तकनीकी मदद करेंगे। हमलोग सर्वे कर यह पता करते हैं कि किस जगह पर किस चीज का कारोबार करना लाभदायक होगा। जो फीडबैक मिलता है, उस हिसाब से प्लान डेवलप करते हैं। कारोबार करने के लिए बैंक, सीएलएफ या अन्य माध्यम से जीविका दीदी को मदद कर स्कीम से जोड़ते हैं। अभी बहुत सारी दीदी कुछ न कुछ काम कर रही हैं। उन्हें कारोबार का अनुभव भी है। उनकी रूचि और बाजार को देखते हुए कारोबार कराया जाता है। किफायती ऋण की बदौलत करेंगी कारोबार राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) का एसवीईपी एक उप घटक है। इसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में उद्यमियों को स्थानीय उद्यम स्थापित करने में सहायता प्रदान करना है, ताकि उन्हें गरीबी से बाहर निकलने में मदद मिल सके। इस कार्यक्रम के तहत करीब 500 दीदी को रोजगार मिलने की संभावना है। यह संख्या बाद में बढ़ सकती है। कारोबार करने के लिए महिला उद्यमियों को किफायती ऋण दिलवाने में मदद की जाती है। महिला नेतृत्व वाले व्यवसाय को बढ़ावा मिलता है व्यावसायिक गतिविधियों के संचालन में पारदर्शिता और दक्षता को सुविधाजनक बनाने के लिए एसवीईपी द्वारा डिजिटल रिकॉर्ड-कीपिंग और उद्यम ट्रैकिंग के उपयोग को प्रोत्साहित किया जाता है। सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों को प्रोत्साहित करने पर जोर रहता है। कार्यक्रम का कार्यान्वयन स्वयं सहायता समूहों और अन्य स्थानीय संस्थाओं के माध्यम से किया जाता है, जिससे उनकी भागीदारी और सशक्तिकरण सुनिश्चित होता है। इससे महिला नेतृत्व वाले व्यवसाय को बढ़ावा मिलता है। कोट भभुआ प्रखंड को स्टार्ट-अप ग्राम उद्यमिता कार्यक्रम की प्रशासनिक स्वीकृति मिली है। इससे करीब 500 जीविका दीदी को स्वरोजगार का अवसर मिलेगा। जीविका दीदी को तकनीकी मदद के लिए सर्वे कराया जाएगा। बैंक, सीएलएफ व अन्य माध्यम से मदद की जाएगी। कुणाल कुमार शर्मा, जिला परियोजना प्रबंधक, जीविका फोटो- 05 अक्टूबर भभुआ- 1 कैप्शन- शहर के लिच्छवी भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लेतीं जीविका दीदी (फाइल फोटो)।
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