एक्सप्रेस-वे निर्माण के लिए प्रशासन ने कराई मेढ़बंदी
चैनपुर प्रखंड के मसोई गांव में प्रशासन ने एक्सप्रेस-वे निर्माण के लिए पोकलेन मशीन से खेतों में धान की फसल को नष्ट कर दिया। किसानों ने मुआवजे की मांग की, लेकिन प्रशासन ने उनकी सुनवाई नहीं की। किसान...

प्रशासन के आगे किसानों की नहीं चली, देखते रह गए रौंदते फसल पोकलेन चलाने से खेत में रोपी गई धान की फसल हो गई नष्ट (पेज तीन) चैनपुर, एक संवाददाता। भारत माला परियोजना से बनने वाली एक्सप्रेस-वे के लिए अधिग्रहित भूमि पर निर्माण कार्य शुरू कराने के लिए प्रशासन द्वारा सोमवार को कार्रवाई की गई। चैनपुर प्रखंड के मसोई गांव के बधार में प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी पुलिस बल के साथ पहुंचे और पोकलेन मशीन से मिट्टी काटकर मेढ़बंदी का काम किया। इससे खेतों में रोपे गए धान के पौधे नष्ट हो गए। मौके पर किसानों का समूह भी था। लेकिन, प्रशासन के आगे उनकी एक नहीं चली और नष्ट होती फसल को देखते रह गए।
किसान फसल को बर्बाद नहीं करने की गुहार लगा रहे थे, पर प्रशासन ने उनकी एक नहीं सुनी और कार्रवाई करते रहे। हालांकि प्रशासन ने सूचना प्रसारित कर अधिग्रहित भूमि में फसल नहीं लगाने की बात किसानों से कही थी। इधर, किसानों का कहना है कि बिना मुआवजा भुगतान किए प्रशासन ऐसी कार्रवाई करके उन्हें आर्थिक रूप से कमजोर कर रहा है। जबकि सरकार आय दोगुना करने की बात कह रही है। चैनपुर विधायक मो. जमा खान के साथ किसानों का प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से मिला था। उन्हें भरोसा मिला कि उन्हें उचित मुआवजा मिलेगा। किसानों ने सरकार के खिलाफ मसोई में नारेबाजी की। किसान पिंटू सिंह, शुभम सिंह आदि ने विरोध करते हुए कहा कि भले ही पुलिस बल के सहयोग से प्रशासन किसानों पर दमनकारी नीति अपना रही है, परंतु किसान अपनी मांग को लेकर लड़ाई लड़ते रहेंगे। इस संबंध में पूछे जाने पर सीओ बबन पाल ने कहा कि शुरुआती दौर में कुछ किसान आए थे। उन्हें समझा-बुझाकर वापस कर दिया गया। अभी भारत माला परियोजना का काम मसोई से शुरू होकर सिकंदरपुर के बॉर्डर तक पहुंच गया है। काम बे-रोक टोक जारी है। फोटो 8 सितंबर भभुआ- 12 कैप्शन- चैनपुर प्रखंड के मसोई में सोमवार को मेढ़बंदी करने के लिए पोकलेन के साथ पहुंचे अधिकारी व उपस्थित किसान।
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