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जिले के किसी अस्पताल में नहीं हैं ड्रेसर-कंपाउंडर

कैमूर जिले के अस्पतालों में ड्रेसर और कंपाउंडर की कमी है, जिससे सड़क दुर्घटनाओं में घायलों को सदर अस्पताल में रेफर करना पड़ रहा है। हर दिन औसतन 20 लोग घायल होते हैं, लेकिन अस्पतालों में स्वास्थ्य...

Newswrap हिन्दुस्तान, भभुआWed, 13 Aug 2025 10:19 PM
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जिले के किसी अस्पताल में नहीं हैं ड्रेसर-कंपाउंडर

सड़क दुर्घटनाओं में घायलों को कर दिया जा रहा है सदर अस्पताल में रेफर, सदर में भी स्वास्थ्य कर्मियों की है कमी दुघर्टना, मारपीट व अन्य घटनाओं में रोजाना औसतन 20 लोग हो रहे घायल अस्पतालों में ड्रेसर सह कंपाउंडर का दूसरे स्वास्थ्य कर्मी संभाल रहे हैं काम ग्राफिक्स 64 पद ड्रेसर का जिले के अस्पतालों में है स्वीकृत (पेज चार की बॉटम खबर) भभुआ, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। कैमूर जिले के किसी अस्पताल में ड्रेसर-कंपाउंडर नहीं हैं। ऐसी स्थिति में सड़क दुर्घटनाओं में घायलों को प्रखंड के अस्पतालों से सदर अस्पताल में रेफर किया जा रहा है। सदर अस्पताल में भी स्वास्थ्य कर्मियों की भारी कमी बनी हुई है, जिससे परेशानी हो रही है।

जिले में दुर्घटना, मारपीट व अन्य घटनाओं में रोजाना औसतन 20 लोग घायल हो रहे हैं। जिले के सरकारी अस्पतालों में ड्रेसर सह कंपाउंडर का काम दूसरे स्वास्थ्य कर्मी संभाल रहे हैं। सदर अस्पताल के इमरजेंसी स्थित ड्रेसिंग रूम में घायलों की मरहम-पट्टी चर्तुथवर्गीय स्वास्थ्य कर्मी या फिर प्रशिक्षु एएनएम की छात्राएं कर रही हैं। ट्रेनिंग स्कूल की प्रशिक्षु 61 छात्राएं मरीजों के घाव की ड्रेसिंग, इंजेक्शन देने, स्लाइन बोतल लगाने सहित अन्य स्वास्थ्य सेवाएं कर रही हैं। इन प्रशिक्षु छात्राओं की रोजाना विभिन्न विभाग के कक्ष में लगाई जा रही है। सदर अस्पताल के इमरजेंसी में प्रतिदिन कम से कम 35 मरीज अपने घाव की ड्रेसिंग कराने आते हैं। मरीजों के घाव की ड्रेसिंग करने का काम ड्रेसर का है। लेकिन, सदर अस्पताल सहित जिले के किसी सरकारी अस्पताल में ड्रेसर नहीं हैं। सरकारी अस्पतालों में ड्रेसर का 64 पद स्वीकृत भभुआ। जिले के विभिन्न प्रखंडों के सरकारी अस्पतालों में ड्रेसर का 64 पद स्वीकृत है। लेकिन, सभी पद रिक्त हैं। सिविल सर्जन कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, सदर अस्पताल व मोहनियां अनुमंडल अस्पताल में ड्रेसर का छह-छह पद स्वीकृत है। इसी तरह रामगढ़ व अधौरा रेफरल अस्पताल में चार-चार, पीएचसी भभुआ, दुर्गावती, नुआंव व रामपुर में एक-एक पद, सीएचसी कुदरा, भगवानपुर, चैनपुर व चांद में दो-दो पद व जिले के 21 एपीएचसी में एक-एक पद स्वीकृत हैं। जिले के अस्पतालों में बिना ड्रेसर के चिकित्सकीय कार्य जैसे-तैसे चल रहा है। हि.प्र. एक्स-रे टेक्निशियन 24 में मात्र पांच कार्यरत भभुआ। जिले के सरकारी अस्पतालों में 24 पद एक्सरे टेक्निशियन का स्वीकृत हैं। लेकिन, फिलहाल पांच एक्स-रे टेक्निशियन पदस्थापित हैं। चांद, चैनपुर, दुर्गावती, कुदरा सहित एक अन्य अस्पताल में एक्स-रे टेक्निशियन कार्यरत हैं। जबकि अन्य अस्पतालों में एक्स-रे टेक्निशियन का काम दूसरे स्वास्थ्य कर्मी संभाल रहे हैं। हालांकि जिले के सदर अस्पताल व मोहनियां अनुमंडल अस्पताल में संविदा पर डिजिटल मशीन से मरीजों की एक्स-रे की जा रही है। हि.प्र. कोट स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव को ड्रेसर व एक्स-रे टेक्निशियन के रिक्त पदों पर बहाल करने के लिए पत्र लिखा गया है। हालांकि उपलब्ध स्वास्थ्य कर्मियों से मरीजों को बेहतर चिकित्सकीय सेवा दी जा रही है। डॉ. विदेंश्वरी रजक, सिविल सर्जन फोटो- 13 अगस्त भभुआ- 8 कैप्शन- सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में बुधवार को घायल व्यक्ति की ड्रेसिंग करते स्वास्थ्य कर्मी।

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