चकबंदी रोड में बने मुख्य नाले के दो जगह टूटे हैं ढक्कन
जिस स्थल पर नाले के ढक्कन टूटे हैं, वहां के नाला में जमा है कचरा नाले में कचरा के प्रवेश करने से हो रहा है जाम, नहीं निकल रहा गंदा पानी

जिस स्थल पर नाले के ढक्कन टूटे हैं, वहां के नाला में जमा है कचरा नाले में कचरा के प्रवेश करने से हो रहा है जाम, नहीं निकल रहा गंदा पानी (पटना का टास्क) भभुआ, एक प्रतिनिधि। शहर के कचहरी रोड से चकबंदी पथ की तरफ जाने वाली सड़क के पश्चिम की ओर नगर परिषद द्वारा मुख्य नाले का निर्माण कराया गया है। यह मुख्य नाला राजेंद्र सरोवर बाईपास से होकर कैमूर स्तंभ के पास कलेक्ट्रेट की ओर जाने वाले नाले में मिलता है। इसका पानी बस पड़ाव के नाले से होते हुए कुकुरनहिया नहर में गिरता है। लेकिन स्थिति यह है कि यह नाला चकबंदी रोड में जाम है, जिससे इसका पानी कैमूर स्तंभ के पास मुख्य नाले में नहीं पहुंच रहा है। चकबंदी रोड में दो जगह पर नाले का ढक्कन टूटा है। जिस स्थल पर ढक्कन टूटा है, उस स्थल पर नाले में काफी कचरा भरा दिख रहा है। इस कारण नाले का पानी का बहाव तेज गति से नहीं हो रहा है। चकबंदी रोड में रहने वाले आकाश कुमार, सोहन कुमार प्रजापति, संतोष कुमार, बबन लाल श्रीवास्तव, रोशन कुमार आदि ने बताया कि इस नाला का निर्माण मुख्य सड़क पश्चिम की तरफ किया गया है। इसमें पूरब की तरफ सड़क है और पश्चिम की तरफ आबादी निवास करती है। उसी में कई जगह खाली भूमि है। जब जाम नाले का गंदा पानी ओवरफ्लो करता है, तब इसी खाली पड़ी जमीन में जमा होता है। इस मोहल्ले में काफी संख्या में कोचिंग संचालित संचालित होते हैं। रोजाना से हजारों छात्र-छात्राओं का आना-जाना रहता है। सड़क पर वाहन चलने से छात्र-छात्राएं पैदल नाले से होकर जाते हैं। ढक्कन के टूटे होने से छात्रों को आने-जाने में दिक्कत होती है। कुछ जगहों पर तो नाले का पानी सड़क पर बहते रहता है। इस वजह से रास्ते में गंदगी रहती है। नाले का निर्माण करने के बाद नप नहीं देती है ध्यान नगर परिषद शहर के घरों से निकलने वाले गंदे पानी की निकासी के लिए नाले का निर्माण तो करती है, पर इसकी अच्छे से देखरेख नहीं कर पाती है। यही कारण है कि कई जगह ढक्कन टूट जाते हैं और नाला जाम हो जाता है। नाला जाम होने के बाद लोगों को काफी दिक्कत होती है। आमजन इसकी शिकायत नगर परिषद में करते हैं। फिर भी इस समस्या के समाधान की दिशा में पहल नहीं हो पाती है। मुहल्ले के लोगों ने कहा कि नगर परिषद को जलनिकासी व्यवस्था की देखरेख के लिए टीम का गठन करना चाहिए, ताकि समस्या उत्पन्न नहीं हो सके। जल जमाव से सड़क होती है खराब नाला जाम होने से जहां आसपास की खाली जमीन में जलजमाव होता है, वहीं रास्ते में पानी बहने से सड़क खराब होती है। इसके बावजूद नगर परिषद के अधिकारी या जनप्रतिनिधि इसे गंभीरता से नहीं लेते हैं। इस सड़क से हमेशा वाहनों का परिचालन होता है। सड़क पर पानी बहने से वाहनों के टायर के दबाव से छींटे राहगीरों के कपड़े पर पड़ते हैं। कपड़े गंदे होने पर राहगीरों व चालकों के बीच बहस होती है। मियाद पूरी करने से पहले ही सड़क खराब हो जाती है। फोटो 8 मार्च भभुआ- 3 कैप्शन- शहर के चकबंदी रोड में पश्चिम तरफ बने नाले का टूटा दिखता ढक्कन।
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