शिल्पकारों व वास्तुकारों के पीठासीन देवता की मूर्ति ले गए
भगवान विश्वकर्मा की पूजा के लिए भभुआ में श्रद्धालुओं ने तैयारी पूरी कर ली है। मूर्तियों को सजाया गया है और उन्हें पंडालों में स्थापित किया जाएगा। भक्तजन पूजा सामग्री खरीदने के लिए बाजार में जुटे हैं।...

भगवान विश्वकर्मा के सिर पर मुकुट, गले में हार, बाएं हाथ में था औजार ठेला व ट्रैक्टर से प्रतिमा ले जाते समय रास्ते में श्रद्धालु लगा रहे थे जयकार (पेज चार बॉटम खबर) भभुआ, कार्यालय संवाददाता। कैमूर के शिल्पकारों व वास्तुकारों ने अपने पीठासीन देवता विश्वकर्मा की पूजा करने की तैयारी पूरी कर ली है। बुधवार को सोल्लासपूर्ण वातावरण में पूजा की जाएगी। उनकी प्रतिमाओं को स्थापित करने के लिए कई जगहों पर पंडाल बनाए गए हैं। इसको लेकर मंगलवार को श्रद्धालु भगवानपुर विश्वकर्मा की प्रतिमाओं को मूर्तिकारों के घर से लेकर गए। भक्तजन पूरे रास्ते जयकारा करते जा रहे थे।
पूजा सामग्री की खरीदारी के लिए बाजारों में भीड़ देखी गई। फूलों की माला व प्रसाद का ऑर्डर दिया जा रहा था। भगवान विश्वकर्मा की प्रतिमाओं को मूर्तिकारों ने आकर्षक लुक दिया था। उनके सिर पर चमकता मुकुट, गले में हार, बाएं हाथ में औजार थे। भगवान विश्वकर्मा के चार हाथों में कुछ न कुछ था। एक में पानी के बर्तन, दूसरे में पुस्तक, तीसरे में नोज और चौथे हाथ में कारीगरी करने वाले उपकरण थे। मूर्ति को पंडाल में स्थापित करने के बाद फूल-माला, झालर, लाइट आदि से पंडाल सजाए जाएंगे। पूजा समारोह को धूमधाम से करने की सभी तैयारी लगभग पूरी कर ली गई है। पूजा पंडाल से पूरे दिन भक्ति गीत सुनाई पड़ेंगे। भगवान विश्वकर्मा की पूजा को लेकर शहर के बस स्टैंड, गैराज, बाजार की इलेक्ट्रॉनिक व इलेक्ट्रिक दुकानों, वर्कशॉप, पावर ग्रिड, पावर सब स्टेशन, पीएचईडी, टेलीफोन एक्सचेंज आदि संस्थानों में पूजा की जाएगी। प्रतिष्ठानों की साफ-सफाई कर रंग-रोगन किया गया है। पूजा स्थल को सजाया जा रहा है। इनकी पूजा फर्नीचर व हार्डवेयर के कारीगर भी करते हैं। भगवान विश्वकर्मा को शिल्पकारों और वास्तुकारों का पीठासीन देवता कहा जाता है। पूजा सामग्री की खरीदारी की श्रद्धालुओं ने शहर की दुकानों से पूजा सामग्री की खरीदारी की। शहर के नथुनी साह की दुकान पर पूजा सामग्री खरीद रहे बिहारी शर्मा ने बताया कि धूप बत्ती, अगरबत्ती, कपूर, केसर, चंदन, चावल (अक्षत), अबीर, गुलाल, अभ्रक, हल्दी, आभूषण, रुई, रोली, सिंदूर, सुपारी, पान के पत्ते (शुद्ध व साबुत), पुष्पमाला, कमलगट्टा, धनिया खड़ा, कुशा व दूर्वा, पंच मेवा, गंगाजल, शहद (मधु), शकर, घृत (शुद्ध घी), दही, दूध, ऋतुफल, मिष्ठान आदि शामिल है। हवन सामग्री दुकानदार संतोष शर्मा ने बताया कि हवन के लिए नैवेद्य, मिष्ठान्न, इलायची (छोटी), लौंग, मौली, इत्र की शीशी, सिंहासन (चौकी, आसन), पंच पल्लव (बड़, गूलर, पीपल, आम और पाकर के पत्ते), पंचामृत, तुलसी दल, केले के पत्ते, कलश, सफेद व लाल कपड़ा, पंच रत्न (सामर्थ्य अनुसार), दीपक, नारियल, चावल, फूल, हल्दी की गांठ, खड़ा धनिया, दूर्वा की खरीदारी व इंतजाम करना है। फोटो- 16 सितंबर भभुआ- 10 भभुआ- भगवान विश्वकर्मा की पूजा को लेकर मंगलवार को भभुआ के चौक बाजार पथ में पूजा सामग्री की खरीदारी करते लोग।
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