नहर के पानी में डूबी फसल की उपज हो सकती है प्रभावित
खरीफ की कटाई व रवि फसल की बुआई को ले सता रही है चिंता, वितरणियों की खुदाई का कार्य पूरा नहीं किए जाने से हो रही...

खरीफ की कटाई व रवि फसल की बुआई को ले सता रही है चिंता
वितरणियों की खुदाई का कार्य पूरा नहीं किए जाने से हो रही परेशानी
14 वितरणियां जुड़ी हैं दुर्गावती परियोजना से
13 वितरणियों की खुदाई रह गई है अधूरी
22 किमी. लंबी है परियोजना की बायीं तट नहर
55 सौ हेक्टेयर भूमि सिंचित करने की है क्षमता
रामपुर। एक संवाददाता
दुर्गावती जलाशय परियोजना से बायीं तट नहर निकली है। इस नहर का पानी वितरण्यिों में जाने के बजाय खेतों में बह रहा है। फसल लगी खेतों में अत्यधिक पानी का बहाव हो रहा है, जिससे प्रखंड की सैकड़ों एकड़ भूमि में लगी धान की फसल को नुकसान हो सकता है। किसानों की माने तो जलभराव से धान की उपज पर असर पड़ेगा। किसानों ने सिर्फ उपज बल्कि इसकी कटनी और रवि फसल की बुआई भी प्रभावित होने की आशंका है। इसको लेकर किसानों में चिंता बनी हुई है। किसानों का कहना है कि अगर इस प्रकार पानी बहता रहा तो किसानों को लाखों रुपयों की क्षति हो सकती है।
विदित हो कि दुर्गावती जलाशय परियोजना निकली उक्त नहर रामपुर, भगवानपुर होते हुए भभुआ प्रखंड को जाती है, जिसकी लंबाई 22 किलोमीटर है। इसके पानी की 5500 हेक्टेयर खेत की सिंचाई करने की क्षमता है। होना है। इन खेतों की सिंचाई करने के लिए कुल 14 वितरणियों की खुदाई की जानी है। लेकिन, अब तक बरांव को छोड़कर अन्य सभी वितरणियों का खुदाई कार्य अधूरा है। इस स्थिति में जब भी उक्त नहर में पानी छोड़ा जाता है तब मुख्य नहर का पानी किसान के खेतों से होकर बहते रहता है। जलभराव के बीच धान की फसल की रोपनी तो हो जाती है, लेकिन अन्य फसल की खेती करने में किसानों को काफी परेशानी होती है।
बताते हैं कि नहर से जलापूर्ति समय से बंद नहीं किए जाने से क्षेत्र के सैकड़ों एकड़ में लगी धान की फसल में जमा पानी से खराब होने की चिंता बनी हुई है। रवि फसल की बुआई भी पिछड़ने की चिंता किसानों को सता रही है। बरली के किसान विजय पासवान व कृष्णानंद पांडेय ने बताया कि बायीं तट नहर से निकल रहा पानी रामपुर प्रखंड के मझियांव, चनकी, नौहाट्टा, तरांव, खरेंदा, भोरेयां सहित दो दर्जन गांव के खेतों में बहता है। ऐसे में पानी से धान की उपज कम होने से इंकार नहीं किया जा सकता है।
किसानों ने बताया कि अधिकांश किसानों की फसल तैयार हो गयी है। अगर समय से इसकी कटनी नहीं की गई धान के पौधे पानी में गिरकर बेकार हो जाएगा। ऐसे में रवि फसल की बुआई भी समय से नहीं हो पाएगी। इस प्रकार दोनों फसल प्रभावित होने का डर बना है। अमांव के किसान राजआधार सिंह व महेंद्र सिंह ने बताया कि अब तक नहर का पानी बंद कर देना चाहिए था।
कोट
दुर्गावती जलाशय परियोजना से निकली नहर का पानी अब बंद कर दिया गया है। खेतों से धीरे-धीरे पानी निकल जाएगा। किसानों को नुकसान नहीं होगा।
राम अवतार, ईई, दुर्गावती जलाशय परियोजना
फोटो- 01 नवंबर भभुआ- 9
भभुआ- रामपुर प्रखंड के नौहट्टा गांव के पास दुर्गावती जलाशय परियोजना से निकली नहर का बहता पानी।
