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चारगुना भाड़ा वसूल यात्रियों को पहुंचाया मोहनियां

रक्षाबंधन त्योहार को ले भाई-बहन यात्रा करने के लिए थे उत्सुक, बसों के नहीं चलने से मनमाना किराया वसूल रहे थे गाड़ी...

चारगुना भाड़ा वसूल यात्रियों को पहुंचाया मोहनियां
हिन्दुस्तान टीम,भभुआMon, 03 Aug 2020 07:53 PM
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रक्षाबंधन त्योहार को ले भाई-बहन यात्रा करने के लिए थे उत्सुक

बसों के नहीं चलने से मनमाना किराया वसूल रहे थे गाड़ी चालक

भभुआ। एक प्रतिनिधि

रक्षाबंधन को ले भाई को अपनी बहन के घर और बहन को अपने भाई के घर जाने की उत्सुकता थी। लेकिन, कोरोना ने वाहनों के परिचालन पर ब्रेक लगाया दिया है। ऐसे में लोगों की आस ऑटो व ई-रिक्शा से ही थी। दूसरा कोई साधन नहीं था। इसका नाजायज लाभ चालक उठा रहे थे। भभुआ से मोहनियां जानेवाले यात्रियों से ऑटो व ई-रिक्शा के चालकों ने 40 रुपया किराया लेकर उन्हें पहुंचाया। जबकि 15 बस वाले भभुआ से मोहनियां का भाड़ा 10 रुपए प्रति यात्री लेते हैं। परेशानी उन्हें हुई जो यह सोंचकर घर से चले थे कि 10 की जगह 20 रुपया ही न भाड़ा लेंगे। लेकिन, जब वह अखलासपुर बस पड़ाव में पहुंचे तो उनसे चालकों ने 40 रुपया जमा कराकर बैठाया। इसको लेकर यात्रियों व चालकों के बीच बहस भी हुई। इधर, सोनहन बस पड़ाव से कुदरा जाने का 50 रुपए भाड़ा वसूला जा रहा था। लेकिन, मनमानी भाड़ा वसूली पर रोक नहीं लगाई जा रही थी।

भगवानपुर की तेतरा देवी को अपने भाई को राखी बांधने मोहनियां जाना था। उसने बताया कि अपने गांव से किसी तरह अखलसपुर बस पड़ाव आ गई। उसने सोचा कि पर्व है तो ऑटो वाले 10 की जगह 20 रुपया भाड़ा लेंगे। उसी हिसाब से पैसा लेकर चली थी। सोचा था रास्ते में भाई-भतीजा के लिए कुछ मिठाई भी ले लेंगे। लेकिन, अब तो सारा पैसा भाड़ा में लग जाएगा। वह क्या सोचेंगे यह सोचकर जाने की इच्छा नहीं हो रही है। लेकिन, यहां तक आ गए हैं तो जाएंगे ही। भभुआ की कलावती देवी को अपने मायके कुदरा जाना था। उसने सोचा था कि मोहनियां पहुंचने के बाद कोई सवारी वाहन्ंा मिलेगा तो कुदरा पहुंच जाएंगे। लेकिन, जितना पैसा मेरे पास है, उतना से तो वह सिर्फ कुदरा जा सकती है। लौटने के लिए पैसे ही नहीं हैं। मायके वालों से मांगेंगे तो क्या कहेंगे?

ई-रिक्शा व टेंपू से लोगों ने खुब की सवारी

शहर में ई-रिक्शा व ऑटो ज्यादा चलते हैं। लेकिन, सोमवार को शहर की सड़कों पर कम दिखे। क्योंकि काफी लोग रिजर्व कर यात्रा पर निकले थे। दस से पंद्रह किमी. की दूरी तय करने वालों के लिए यही सुलभ था। जोड़ने पर प्रति व्यक्ति भाड़ा 20 से 25 रुपया ही पड़ रहा था। भभुआ देवी जी चौक से सुनील कुमार व ज्ञांति देवी को रक्षाबंधन पर बहुअन जाना था। कोई वाहन नहीं होने पर ई-रिक्शा वाले से बात की तो वह जाने को राजी हो गया। तीन सौ रुपए भाड़ा बताया। एक घंटा रुकने की बात भी तय हुई। क्योंकि राखी बांधकर उन्हें लौटना भी था।

फोटो-03 जुलाई भभुआ- 10

कैप्शन- शहर के अखलासपुर बस पड़ाव के पास मोहनियां जाने के लिए सोमवार को ई-रिक्शा में बैठते यात्री।

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