बाल विवाह रोकने के लिए जिला प्रशासन ने गठित की टीम
कैमूर जिले में बाल विवाह पर रोक लगाने के लिए प्रशासन सख्त है। विवाह स्थलों पर निगरानी रखने के लिए पुलिस और प्रशासन के अधिकारी तैनात हैं। यदि कोई बाल विवाह होता है, तो माता-पिता और अन्य संबंधित लोगों...

कैमूर जिले के मैरेज हॉल, धर्मशाला व वैवाहिक स्थलों पर प्रशासन रख रहा है पैनी नजर, सादे लिबास में पुलिस कर रही निगरानी ऐसा विवाह करानेवाले माता-पिता व नाई-पंडित के खिलाफ दर्ज होगा मुकदमा बैंड बाजा, टेंट-शामियाना एवं डेकोरोशन को जब्त करेंगे पुलिस पदाधिकारी (पेज चार की बॉटम खबर/एक्सक्लूसिव) भभुआ, हिन्दुस्तान संवाददाता। लग्न के इस मौसम में कैमूर में बाल विवाह पर रोक लगाने को लेकर जिला प्रशासन सख्त है। बाल विवाह जैसी कुरीतियों को रोकने के लिए पंचायत, प्रखंड एवं जिला स्तर पर अफसरों की टीम गठित की गई है। प्रशासन लोगों के बीच जागरुकता अभियान चला रहा है। डीएम सावन कुमार ने लग्न के मौसम में बाल विवाह पर रोक लगाने को लेकर संबंधित विभाग के पदाधिकारियों को जिले में अभियान चलाने का निर्देश दिया है। उन्होंने अभियान का नोडल पदाधिकारी आईसीडीएस के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी कुमारी सरिता रानी को बनाया है। डीएम ने पुलिस व प्रशासनिक अफसरों को जिले में स्थित सभी मैरेज हॉल, मंदिर, धर्मशाला एवं वैवाहिक स्थलों पर पैनी नजर रखने का निर्देश दिया है। उन्होंने इन सभी वैवाहिक भवन के संचालकों से बाल विवाह नहीं करने देंगे, से संबंधित प्रमाण पत्र लेने का निर्देश भी दिया है। आईसीडीएस की जिला कार्यक्रम पदाधिकारी कुमारी सरिता रानी ने बताया कि समाज कल्याण विभाग और सरकार द्वारा जारी पत्र के अनुसार अगर बाल विवाह किया गया तो लड़का-लड़की के माता-पिता के साथ-साथ नाई, पंडित, पादरी, मौलवी और मैरेज हॉल सहित वैवाहिक स्थलों के संचालकों को पुलिस गिरफ्तार कर जेल भेजेगी। उन्होंने बताया कि बाल विवाह के प्रयोजन में उपयोग किए गए बैंड बाजा, शामियाना, टेंट और डेकोरेशन के सामान को भी प्रशासन जब्त करेगा। बता दें कि बाल विवाह को रोकने के लिए भारत सरकार ने बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 लागू किया है। इस अधिनियम के अनुसार 18 वर्ष से कम उम्र की लड़की और 21 वर्ष से कम उम्र के लड़के का विवाह बाल विवाह माना जाता है। इस अधिनियम के तहत बाल विवाह कराने वाले लोगों को सजा और जुर्माना दोनों हो सकता है। एसडीओ बने बाल विवाह निषेध पदाधिकारी भभुआ। सरकार व समाज कल्याण विभाग से जारी पत्र के आलोक में डीएम सावन कुमार ने बाल विवाह पर रोक लगाने के लिए भभुआ एसडीओ विजय कुमार व मोहनियां एसडीओ राकेश कुमार सिंह को बाल विवाह निषेध पदाधिकारी के रूप में नामित किया है। सभी प्रखंडों के बीडीओ को एसडीओ की सहायता के लिए अधिसूचित किया गया है। डीपीओ ने बताया कि सभी सीडीपीओ, महिला पर्यवेक्षिका व आंगनबाड़ी सेविका-सहायिकाओं को निर्देशित किया गया है कि अगर उनके क्षेत्र में किसी स्थान पर बाल विवाह की सूचना मिले तो बिना देर किए बीडीओ व एसडीओ को जानकारी दें, ताकि पुलिस व प्रशासनिक अफसर वहां पर पहुंचकर बाल विवाह को रोकवा सकें। एचएम देंगे छात्रों की अनुपस्थिति की सूचना भभुआ। जिले के सभी स्कूलों के प्रधानाध्यापक विद्यालय से अनुपस्थित रहनेवाले छात्र-छात्राओं के बारे में सूचना जिला शिक्षा पदाधिकारी को देंगे। अगर छात्र-छात्राएं दो दिनों से अधिक समय तक विद्यालय से अनुपस्थित रहे तो प्रधानाध्यापक संबंधित बच्चों के घर जाकर इस बात की जानकारी प्राप्त करेंगे कि वह स्कूल क्यों नहीं जा रहे हैं। उनके माता-पिता कहीं बाल विवाह तो नहीं कर रहे हैं। अगर ऐसा होता है, तो शिक्षा विभाग बिना देर किए इसकी सूचना एसडीओ को देगा। जिला प्रशासन ने जिले में संचालित सभी निजी विद्यालयों के संचालकों को भी स्कूल से अनुपस्थित रहने वाले छात्र-छात्राओं के बारे में पता कर बाल विवाह होने की सूचना प्रशासन को देने का निर्देश दिया है। अक्षय तृतीया को जिले में चलेगा अभियान भभुआ। बाल विवाह पर रोक लगाने को लेकर जिला प्रशासन अक्षय तृतीया को जिले में अभियान चलाएगा। जिला प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार, कुछ लोग अक्षय तृतीया को शुभ घड़ी मानकर विवाह समारोह आयोजित करते हैं। ऐसे में पुलिस व प्रशासन जिले में एक साथ अभियान चलाकर यह पता करेगा कि इस अवसर पर बाल विवाह तो नहीं हो रहा है। अभियान के दौरान अगर किसी गांव व मुहल्ले में बाल विवाह की सूचना मिली तो अधिकारी मौके पर पहुंचकर त्वरित कार्रवाई करते हुए लड़का-लड़की के माता-पिता व शादी में शामिल पंडित, पादरी, मौलवी, नाई व अन्य लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजेंगे। सीएम के कार्यक्रम के पूर्व रोकवाया बाल विवाह भभुआ। करीब डेढ़ माह पूर्व कैमूर दौरे पर आए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कार्यक्रम के ठीक दो दिन पूर्व महिला हेल्पलाइन द्वारा मोहनियां थाना क्षेत्र के एक गांव में पहुंचकर बाल विवाह रोकवाया गया। महिला हेल्पलाइन की परियोजना प्रबंधक विनीता गुप्ता ने इसकी पुष्टि की और बताया कि मोहनियां के एक गांव में माता-पिता द्वारा बेटी का बाल विवाह कराने की सूचना मिली थी। बिना देर किए मोहनियां पुलिस के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस के आने की भनक मिलते ही लड़का-लड़की वाले शादी रोककर भाग गए। उन्होंने बताया कि इसके अलावा एक-दो और बाल विवाह को स्थानीय पुलिस की मदद से रोकवाया गया है। फोटो-23 अप्रैल भभुआ- 6 कैप्शन- भभुआ शहर के सब्जी मंडी के पास से गुजरती बारात में शामिल लोग। (फाइल फोटो)
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