मरम्मत अवधि में ही टूट गई गली, नाली भी हो गई ध्वस्त
भभुआ शहर के चकबंदी रोड पर एक गली और नाली टूट जाने से स्थानीय लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। गली के नुक्कड़ पर कचरा फेंकने से सफाई में समस्या है और बच्चों को खेलने में खतरा हो रहा है।...

भभुआ शहर के चकबंदी रोड से पश्चिम की ओर जाने वाली गली टूटने से राहगीरों को आने-जाने में हो रही है दिक्कत गली के नुक्कड़ पर कचरा फेंके जाने से आने-जाने में हो रही है परेशानी नाली के ध्वस्त होने से सड़क पर पसर रहा गंदा पानी, आवागमन में दिक्कत (बोले भभुआ) भभुआ, एक प्रतिनिधि। शहर के चकबंदी रोड से पश्चिम की तरफ जानेवाले रास्ते में गली का निर्माण कराया गया था। साथ में नाली भी बनाई गई थी। लेकिन, मरम्मत अवधि पांच साल के अंदर में ही गली टूट गई और नाली भी ध्वस्त हो गई। फिर भी निर्माण एजेंसी द्वारा इसकी मरम्मत नहीं कराई जा रही है। नगर परिषद के अधिकारी भी इसकी मरम्मत कराने के लिए संवेदक पर दबाव नहीं बनाया जा रहा है। ऐसे में मुहल्ले के लोगों के साथ-साथ इधर से आने-जानेवाले लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। मोहल्ले के सत्यम कुमार, आशीष कुमार, मीना देवी ने बताया कि लगभग तीन साल पहले उनके मुहल्ले की गली-नाली का निर्माण कराया गया था। कुछ दिनों बाद गली टूटने लगी। अब तो ऐसी हो गई है कि आने-जाने में दिक्कत होने लगी है। इसकी मरम्मत कराने के लिए हमलोगों ने नगर परिषद से गुहार लगा है। स्थानीय जनप्रतिधि से भी बोला गया। लेकिन, अभी तक किसी के स्तर पर इसकी मरम्मत कराने की पहल नहीं की गई। प्रावधान के मुताबिक मरम्मत अवधि में गली या नाली का निर्माण कराना चाहिए। लेकिन, हमलोगों के मुहल्ले में ऐसा नहीं किया जा रहा है। जबकि इसकी जिम्मेदारी संवेदक की है। ऐसे में नगर परिषद के अधिकारी को चाहिए कि वह इस दिशा में ठोस पहल करें। स्थानीय लोगों ने बताया कि इस गली में लगभग 40 से 50 घर हैं। इन घरों में तकरीबन 250-300 आबादी निवास करती है। इसके अलावा दूसरी गलियों के लोगों का भी आना-जाना लगा रहता है। अन्य लोगों की भी आवाजाही होती है। पक्की गली के टूट जाने से आमजनों को आने-जाने में दिक्कत हो रही है। सबसे ज्यादा परेशानी बच्चों को होती है। वह गलियों में खेलने जाते हैं। लेकिन, कंक्रीट उखड़ने से वह गिरकर चोटिल होते हैं। इसलिए वह बच्चों को गली में खेलने जाने से रोकते हैं। कचरे की धूल से हो रही परेशान मुहल्ले के लोगों का कहना है कि इस गली के आसपास आबादी काफी घनी है। गली के नुक्कड़ पर खाली जमीन है, जहां कचरा फेंका जा रहा है। जब हवा का तेज झोंका चलता है, तब उसकी धूल, गत्ता, कागज उड़कर गली में और गली से घरों में घुसता है, जिससे परेशानी होती है। लू के दिनों में धूल व गंदगी से बचने के लिए खिड़की-दरवाजे बंद कर रखना पड़ता है। राहगीरों को इस मुहाने से आने-जाने में दिक्कत होती है। नगर परिषद द्वारा यहां से कचरे का नियमित उठाव नहीं कराया जा रहा है, जिससे राहगीरों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। बरसात में जब इसपर पानी पड़ता है और धूप निकलती है, तब इसमें से सड़ांध बदबू आती है, जिससे घर में रहना व गली से गुजरना मुश्किल हो जाता है। फोटो- 19 फरवरी भभुआ- 2 कैप्शन- भभुआ शहर के वार्ड दस की एक गली की नाली के टूटे ढक्कन व पड़े कचरा को निहारते मुहल्ले के लोग।
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