बारिश से किसानों में जगी आस, शायद अब हो जाए रोपनी
तीखी धूप से मुरझा रहे पहले से रोपे गए धान के पौधों को मिली संजीवनी, कैमूर में तेज बारिश हुई तो किसान शुरु कर देंगे तैयार खेतों में रोपनी...
तीखी धूप से मुरझा रहे पहले से रोपे गए धान के पौधों को मिली संजीवनी
कैमूर में तेज बारिश हुई तो किसान शुरु कर देंगे तैयार खेतों में रोपनी कार्य
भभुआ। हिन्दुस्तान संवाददाता
दस दिनों से उमस भरी गर्मी व तीखी धूप एवं आसमान में उमड़-घुमड़ रहे बादल के बीच मंगलवार की रात से शुरु हुई बारिश से किसानों में आस जगी है। किसानों का कहना है कि देर से ही सही लगता है अब बरसात होगी। हालांकि मंगलवार की रात से हो रही रिमझिम बारिश से खेतों को पानी तो मिला है, लेकिन इतना भी नहीं कि रोपनी शुरू हो जाए। इस पानी से खेतों में उभरी दरारें जरूर पट जाएंगी और मिट्टी मुलायम होने के बाद जुताई भी होने लगेगी। ढलाऊ भूमि वाले खेत में रोपनी करने भर पानी जरूर भर गया है, जिससे किसान खेतीबारी का काम तेज से शुरू किए हैं।
किसानों का कहना है कि जिस खेत में धान की रोपनी हो चुकी है उसके लिए इस वर्षा का पानी संजीवनी जैसा काम करेगा। किसानों को डीजल पंप एवं मोटर चलाकर सिंचाई करने से मुक्ति मिल गई है। वर्षा के पानी से पौधों का विकास होगा। धूप से पीली पड़ चुकी पौधों की पत्तियां हरी जाएंगी। पंची के किसान अनिल तिवारी एवं बारे के सुधीर सिंह ने बताया कि देर ही सही अभी भी अगर झमाझम बारिश हो गई तो खेती संभल जाएगी। अनिल तिवारी ने बताया कि करीब दस दिन पहले तेज बारिश हुई थी। तब अधिकाश किसानों ने खेतों की जुताई कर दी थी। लेकिन, बारिश बंद हो जाने से जोते हुए खेत की मिट्टी सूख गई और रोपनी का कार्य पूरी तरह प्रभावित हो गया था।
पानी के अभाव में कृषि मजदूरों को नहीं मिल रहा था काम
भभुआ। बारिश नहीं होने के कारण जिले में सूखे जैसी उत्पन्न स्थिति के कारण कृषि मजदूरों को काम नहीं मिल रहा था। उनके समक्ष भोजन का इंतजाम करना मुश्किल हो गया था। कुछ मजदूर गांव से शहर की ओर काम की तलाश में आने लगे थे। बुधवार की सुबह 8:30 बजे शहर के सोनहन बस पड़ाव में मिले बेलांव गांव के युवा मजदूर छोटू राम एवं बिछियां के महेन्द्र बारी ने बताया कि गांव में काम नहीं मिलने के कारण रोजगार के लिए पंजाब जा रहे थे। भोर में मुगलसराय स्टेशन से गाड़ी खुलने वाली थी। महेंद्र के पिताजी ने फोन कर कहा कि बरसात शुरु हो गई है, गांव लौट आओ अब यही काम शुरु हो जाएगा।
बारिश होने से डीजल पंप का बच जाएगा पैसा
भभुआ। बारिश होने से किसानों की बड़ी बचत होगी। संपन्न किसान एक सप्ताह से डीजल पंप चलाकर खेतों में रोपे गए धान की सिंचाई कर रहे थे। कुछ किसान तो डीजल पंप से पानी निकालकर रोपनी करते भी दिखे। लेकिन, बारिश होने के बाद ऐसे किसानों का डीजल खर्च होने वाले रुपए बच जाएंगे। दरौली के किसान उमा सिंह एवं जलालपुर के महेन्द्र तिवारी ने बताया कि खेतों में पहले से रोपे गए धान को बचाने में अबतक 15 से 20 हजार रुपये का डीजल जल चुका है। अब बारिश से काफी राहत मिली है। वर्षा के पानी से पौधों का विकास भी होता है।
इनसेट
बारिश से राहत पर राह में परेशानी भी बढ़ी
भभुआ। बारिश के बाद लोगों ने मंगलवार की रात से जहां राहत महसूस की है, वहीं शहर में जगह-जगह पानी भी जम गया है। रास्ते में जमी धूल पर पानी पड़ने के बाद कीचड़ का रूप ले चुकी है। इससे शहरवासियों को घरों से बाजार एवं छात्र-छात्राओं को स्कूल, कॉलेज व कोचिंग आने-जाने में कठिनाई हो रही है। विभिन्न वार्डों को जोड़ने वाली कुछ गलियों में कीचड़ जमा हो गया है। शहर के राजेन्द्र सरोवर के पूर्वी छोर से होकर पंचमुखी हनुमान मंदिर जाने वाले सड़क पर बुधवार की दोपहर में कई लोगों व महिलाओं को हाथ में जूता-चप्पल लेकर आते-जाते देखा गया। सड़क किनारे खड़े मंटू शुक्ला ने बताया कि सड़क पर कीचड़युक्त पानी जमा होने से सुबह में अभिभावक अपने बच्चों को गोद में लेकर स्कूल वाहनों पर बैठाते देखे गए। लेकिन, लोगों को उम्मीद है कि शहर में नई सरकार के गठन के बाद शायद इस समस्या का समाधान हो जाए।
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कैप्शन- बारिश होने के बाद बुधवार को सदर प्रखंड के अखलासपुर बधार में ट्रैक्टर से खेत की जुताई करता चालक।
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कैप्शन- बारिश के पानी से बचने के लिए छतरी ओढ़कर थाना परिसर से होकर स्कूल में पढ़ने जातीं छात्राएं।