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रोहतास ने रोका कैमूर के हिस्से का पानी, हाहाकार

सिंचाई विभाग के अफसरों ने पानी छोड़वाने के लिए डीएम को लिखा पत्र, सोन बराज से छोड़ा गया है सोन उच्चस्तरीय नहर में 1400 क्यूसेक...

रोहतास ने रोका कैमूर के हिस्से का पानी, हाहाकार
हिन्दुस्तान टीम,भभुआWed, 17 Jul 2019 08:12 PM
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सिंचाई विभाग के अफसरों ने पानी छोड़वाने के लिए डीएम को लिखा पत्र

सोन बराज से छोड़ा गया है सोन उच्चस्तरीय नहर में 1400 क्यूसेक पानी

ग्रिाफक्स

01 लाख 10 हजार हे. में धान की रोपनी का है लक्ष्य

16 हजार पांच सौ हे. में अबतक हो सकी है रोपनी

भभुआ। हिन्दुस्तान संवाददाता

रोहतास के किसानों ने कैमूर के हिस्से के पानी को जबरन रोक लिया है। तीखी धूप के बीच नहर के पानी को रोके जाने से किसानों में हाहाकार मचा हुआ है। सिंचाई विभाग के अफसरों ने रोहतास से कैमूर के हिस्से का पानी छोड़वाने के लिए डीएम डॉ. नवल किशोर चौधरी एवं विभाग के मुख्य अभियंता को पत्र लिखा है। फिलहाल कैमूर को 750 की जगह मात्र 377 क्यूसेक पानी मिल रहा है।

उधर, खरीफ फसल की खेती के पीक सीजन में नहर में कम पानी आने से जिले में रोपनी पूरी तरह प्रभावित हो गई है। पिछले सप्ताह हुई झमाझम बारिश के बाद जब खेतों में पानी जमा हुआ तो किसान जुताई कर रोपनी की तैयारी में जुट गए। लेकिन, अब बारिश बंद होने व तीखी धूप के कारण जुताई कर तैयार किए गए खेत का पानी भी सूख गया है, जिससे रोपनी नहीं हो पा रही है। जिन किसानों ने पहले रोपनी कर ली थी, उनके खेत के धान के पौधे सूखने लगे हैं।

सिंचाई संकट से जूझ रहे किसान अपना माथा ठोक रहे हैं। सरैया गांव के किसान बच्चा सिंह व भगवानपुर के डब्ल्यू पांडेय ने बताया कि बारिश नहीं होने व नहरों में कम आने के कारण रोपनी कार्य पूरी तरह ठप है। जोते गए खेत व रोपे गए पौधे भी तीखी धूप के कारण मुरझा रहे हैं। उक्त किसानों ने बताया कि समय से रोपनी नहीं होने के कारण उपज भी प्रभावित हो जाएगी।

गंगौली, बड्डी व हट्टा के पास रोका गया है पानी

भभुआ। सिंचाई विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, रोहतास जिले के गंगौली, बढ्ढी एवं हट्टा गांव के पास मुख्य नहर का फाटक गिराकर पानी को जबरन रोका गया है। विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि उक्त गांवों के पास गिराए गए फाटक को उठवाकर पानी छोड़वाने के लिए रोहतास के कार्यपालक अभियंता से दूरभाष पर बात की गई, लेकिन उनके द्वारा फाटक नहीं खोलवाया गया है। अफसरों ने बताया कि यह कोई नई बात नहीं है। जब भी पानी की समस्या उत्पन्न होती है रोहतास के किसानों द्वारा उपर में ही फाटक गिराकर रोक दिया जाता है।

कैमूर को मिलना चाहिए 750 क्यूसेक पानी

भभुआ। सिंचाई विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, इंद्रपुरी बराज से सोन नहर में करीब 1400 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। विभागीय करार के अनुसार, कैमूर जिले को 750 क्यूसेक पानी मिलना चाहिए। सिंचाई विभाग के अफसरों ने बताया कि बारिश नहीं होने के कारण पानी की समस्या उत्पन्न हुई है। एक सप्ताह पहले जब झमाझम बारिश हो रही थी और आवश्यकता नहीं थी तब उपर से अधिक पानी छोड़ा गया था। आज जब पानी की आवश्यकता बढ़ गई है तब रोहतास के किसानों द्वारा उपर में ही जबरन रोक लिया गया है।

कोट

कैमूर में सोन उच्चस्तरीय नहर में 377 क्यूसेक पानी चल रहा है। मैंने खुद दो दिन पूर्व रोहतास से लेकर कैमूर तक की सोन उच्चस्तरीय नहर की मॉनिटरिंग किया है। रोहतास के किसान कुछ जगहों पर पानी रोककर धान की रोपनी कर रहे है। वहां के अफसरों से बात कर पानी छोड़वाया जा रहा है।

भूपेश प्रसाद सिंह, अधीक्षण अभियंता

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