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सभापति के व्हाट्सएप प्रिंट की जांच कराएगा प्रशासन

बोले जांच अधिकारी, विपक्षी वार्ड पार्षदों ने भी सभापति पर लगाया है प्रलोभन देने का आरोप, सभापति व उपसभापति पर लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के बाद जारी है आरोप-प्रत्यारोप का...

सभापति के व्हाट्सएप प्रिंट की जांच कराएगा प्रशासन
हिन्दुस्तान टीम,भभुआMon, 24 Jun 2019 08:09 PM
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बोले जांच अधिकारी, विपक्षी वार्ड पार्षदों ने भी सभापति पर लगाया है प्रलोभन देने का आरोप

सभापति व उपसभापति पर लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के बाद जारी है आरोप-प्रत्यारोप का दौर

भभुआ। हिन्दुस्तान संवाददाता

नगर परिषद के विपक्षी वार्ड पार्षद द्वारा जांच अधिकारी को उपलब्ध कराए गए सभापति के व्हाट्सएप प्रिंट की जिला प्रशासन जांच कराएगा। इसकी पुष्टि हॉर्स ट्रेडिंग मामले की जांच कर रहे वरीय उपसमाहर्ता अमरेश कुमार अमर ने की है। उन्होंने बताया कि इसकी जांच एक्सपर्ट से कराई जाएगी। उनका कहना था कि अगर जांच में सभापति द्वारा व्हाट्सएप के माध्यम से किसी वार्ड पार्षद को दस लाख रुपये का प्रलोभन देने के मामले की पुष्टि होती है तो डीएम के निर्देश पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। विपक्षी पार्षदों ने जांच अधिकारी को जो पिं्रट उपलब्ध कराया है उसमें आठ पार्षदों के लिए 80 लाख रुपए देने की बात कही गई है। हालांकि इस कथित व्हाट्सएप प्रिंट की पुष्टि नहीं हो सकी है।

सभापति जैनेन्द्र कुमार आर्य व उपसभापति नाहिदा परविन के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव के दिए गए आवेदन के बाद से नगर परिषद की राजनीति गरमा गई है। सभापति व विपक्षी वार्ड पार्षदों द्वारा एक-दूसरे पर लालच देने का आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। शहर के आम नागरिक रामप्रवेश पाल द्वारा वार्ड पार्षदों के खरीद-फरोख्त करने की शिकायत आवेदन देकर डीएम से की है। मामले की जांच अभी चल ही रही है कि तीन वार्ड पार्षदों द्वारा सभापति पर भी अपने पक्ष में वोट देने के लिए एक पार्षद को दस लाख रुपये का प्रलोभन देने की शिकायत कर दी।

जांच पदाधिकारी ने बताया कि वार्ड पार्षद बदरुद्दीन राईन, मीना देवी एवं प्रिति कुमारी ने शिकायत दर्ज कराई है कि 28 मई को मोबाइल पर व्हाट्सएप से मैसेज भेजकर दस लाख रुपये देने की बात कही गई है। मैसेज में प्रति व्यक्ति दस लाख यानी आठ लोगों को 80 लाख रुपये देने की बात की गई है। शिकायत करने वाले वार्ड पार्षदों ने दावा किया है कि जिस मोबाइल नंबर से मैसेज किया गया है वह नगर परिषद के सभापति जैनेन्द्र कुमार आर्य का है। लेकिन, सभापति ने विपक्ष के इस आरोप को एकसिरे से खारिज कर दिया और कहा कि तकनीकी युग में मोबाइल या कंप्यूटर से कुछ भी करना-कराना संभव है।

उधर, वार्ड पार्षदों के खरीद-फरोख्त के मामले में शहरवासी तरह-तरह की चर्चा कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि पैसा के बल पर कुर्सी खरीदने व बिकने वाले प्रतिनिधि शहरवासियों का हितैषी नहीं हो सकते। ऐसे पार्षदों से विकास की उम्मीद नहीं की जा सकती। शहरवासी महेन्द्र प्रजापति, राजू कुमार व सुदामा केशरी ने बताया कि कुर्सी व पैसे के लालच में जनप्रतिनिधि अपना कर्तव्य भूल जा रहे हैं। यही कारण है कि शहर में जलजमाव व अन्य समस्या वर्षों से यथावत है।

फोटो-24 जून भभुआ- 11

कैप्शन- शहर के कचहरी पथ में स्थित नगर परिषद कार्यालय का भवन

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