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बसों में ढोए जा रहे हैं क्षमता से अधिक यात्री

कैमूर जिले की बड़ी आबादी विभिन्न शहरों की रोजाना करती है यात्रा, अधिकांश बसों व स्टैंड में सुविधाओं की कमी का दंश झेलते हैं...

बसों में ढोए जा रहे हैं क्षमता से अधिक यात्री
हिन्दुस्तान टीम,भभुआThu, 31 Jan 2019 07:59 PM
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कैमूर जिले की बड़ी आबादी विभिन्न शहरों की रोजाना करती है यात्रा

अधिकांश बसों व स्टैंड में सुविधाओं की कमी का दंश झेलते हैं यात्री

ग्राफिक्स

08 प्रखंडों में नहीं है रेल से सफर की सुविधा

03 हजार से अधिक यात्री करते हैं रोज यात्रा

इंट्रो

बसों में क्षमता से अधिक यात्री ढोए जा रहे हैं। इससे हादसे की आशंका बढ़ गई है। कम समय में यात्रा करने की यात्रियों की जल्दी व अधिक धन अर्जित करने की बस संचालकों की मजबूरी ने ऐसी समस्याएं उत्पन्न की है। फिलवक्त इस ओर परिवहन विभाग का भी ध्यान नहीं है, लेकिन जब कोई बड़ा हादसा हो जाएगा तब विभाग और बस ऑपरेटर के साथ-साथ यात्री भी सतर्क हो जाएंगे। भभुआ बस पड़ाव से कोलकाता, इलाहाबाद, वाराणसी, चंदौली, रांची, पटना, आरा, सासाराम, डेहरी आदि शहरों के लिए वाहन रवाना होते हैं। यहां से रोजाना करीब तीन हजार यात्री यात्रा करते हैं। इससे राजस्व भी अच्छा आ जाता है। लेकिन, बस पड़ाव में सुविधाओं की कमी है। बसों में भी कोई खास सुविधाएं उपलब्ध नहीं रहतीं।

भभुआ। कार्यालय संवाददाता

रामपुर के योगेंद्र सिंह गुरुवार की दोपहर भभुआ के अखलासपुर पड़ाव में बस से उतरे। पूछने पर उन्होंने बताया कि शिवसागर में सवार हुए थे। लेकिन, बैठने के लिए सीट नहीं मिली। मोहनियां पहुंचे तो बैठने की जगह मिल पाई। कंडक्टर ने कहा कुदरा में सीट दिलवा देंगे, लेकिन वहां वह खुद नीचे उतर गया और टिकट दूसरा एजेंट काटने लगा। भभुआ की रामप्यारी देवी को सासाराम जाना था। टिकट कटाने गई तो कंडक्टर ने 50 रुपया भाड़ा मांगा। उसके पास 40 रुपया थे। कहा, भाड़ा बढ़ गया है। रामप्यारी बोली, जब तेल महंगा हुआ था तब किराया बढ़ा था, अब तो डीजल की कीमत कम हो गई है। फिर भी आपलोगों का भाड़ा कम नहीं हुआ यह गलत है।

अखलासपुर स्टैंड से बस लेकर अधौरा जा रहे चालक छोटू राम ने बताया कि 60 किलोमीटर की लंबी दूरी के बीच कई जंगल व घाटी पड़ती है। घाटी पार करने वक्त मुझे ही नहीं यात्री भी डरते हैं। इस बस में सवार यात्री शमीम मियां व अनिल यादव ने बताया कि अधौरा के लिए यहां से कम बसें खुलती हैं। इसलिए मजबूरी में सुविधा की अनदेखी कर यात्रा कर रहे हैं। उन्होंने इशारा किया कि देखिए खिड़की के शीशे टूटे हैं। जिस सीट पर वे बैठे हैं, उसपर लगे कपड़े फटे हैं। पायदान भी जर्जर है। यात्री बस पर धान की बोरी लदी है। लेकिन, वह क्या करें इससे अधौरा नहीं गए तो यहीं रह जाएंगे। उनकी मजबूरी है।

यात्री बताते हैं कि समस्या सिर्फ बस में बुनियादी सुविधाओं की कमी की नहीं है, समस्या बस पड़ाव में भी है। यहां गंदगी, प्रकाश, पेयजल आदि समस्याएं पड़ी हुई है। इसका समाधान प्रशासनिक स्तर पर नहीं किया जा रहा है, जिससे यात्रियों को परेशानी हो रही है। नई बसों में अग्निशमन यंत्र व फर्स्ट एड बॉक्स लगे दिखते हैं। लेकिन, इसके खत्म होने के बाद न दवा और न गैस की व्यवस्था की जाती है। पुरानी हो चुकी बसों में यह सुविधा देखने को नहीं मिलती।

बस व स्टैंड में नहीं हैं यह सुविधाएं

शहर के प्रमुख बस पड़ाव अखलासपुर में बिजली, पेयजल, सफाई की व्यवस्था नहीं है। बसों में अग्निशमन यंत्र व फर्स्ट एड बॉक्स तक की सुविधा नहीं दिखती। कई बसों की तो खिड़कियां तक टूटी हैं। पायदान भी जर्जर हैं। सीट के कपड़े फटे हैं। ठंड के इस मौसम में खिड़कियों के शीशे टूटे रहने से ठंडी हवा से यात्रियों को परेशानी हो रही है। एजेंट विनोद सिंह व वीरेंद्र सिंह बताते हैं कि बस स्टैंड में लाइट व पानी की सुविधा नहीं है। तीन चापाकल गाड़े गए हैं। लेकिन, सभी बंद हैं। शाम ढलने के बाद यहां अंधेरा कायम हो जाता है। यात्री होटल में जाकर पानी पीते हैं।

इसका किया जाना है अनुपालन

- ड्राइवर और कंडक्टर का वर्दी में होना और सभी बस को स्टैंड पर रुकना अनिवार्य है।

- बस में फर्स्ट-एड बॉक्स होना जरुरी है। बस के अगले दरवाजे से टिकट काटना है।

- टिकट पर बस का नाम, नंबर, बस खुलनेवाले स्टैंड व यात्रा स्थल का नाम होना चाहिए।

- बस की लाइट, ब्रेक, सीट, खिड़की, दरवाजा, डिस्प्ले, सीढ़ी, टूल बॉक्स ठीक होना चाहिए।

- रास्ते में बस खराब होने पर स्टाफ की जिम्मेदारी है कि वह यात्रियों को दूसरी बस में बिठाए।

- निर्धारित दर से ज्यादा किराया लेने पर कंडक्टर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई जा सकती है।

क्या कहते हैं बस ऑर्नर

श्रीराम बस के ऑर्नर अरविंद सिंह बताते हैं कि बस का किराया परिवहन विभाग तय करता है। इसमें 95 पैसा प्रति किमी. साधारण बस व 1.50 रुपया प्रति किमी. वातानुकुलित बस का किराया तय किया गया है। सबसे कम दूरी का किराया पांच रुपया है। कुछ यात्री कम किराया देकर निकल जाते हैं।

कोट

बस स्टैंड में व्याप्त असुविधाओं व बसों में ओवरलोडिंग को लेकर जांच की गई है। इसकी रिपोर्ट सरकार को भेजी गई है। सरकार से निर्देश मिलने के बाद कार्रवाई की जाएगी।

प्रभात कुमार झा, प्रभारी डीटीओ

फोटो- 31 जनवरी भभुआ- 1

कैप्शन- भभुआ से अधौरा जानेवाली बस की छत पर गुरुवार को धान की बोरी लादकर व नीचे में यात्रियों को लेकर कुछ इस अंदाज में निकला वाहन।

फोटो- 31 जनवरी भभुआ- 2

कैप्शन- शहर के राजेंद्र सरोवर बस स्टैंड से अधौरा जाने के लिए बस की छत व उसके अंदर में गुरुवार को कुछ इस तरह सवार होकर निकले यात्री।

फोटो- 31 जनवरी भभुआ- 3

कैप्शन- अखलासपुर बस पड़ाव परिसर में परिवहन विभाग द्वारा टांगी गई किराया की सूची।

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